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आदिवासी विद्यार्थियों ने क्यों लगाये कमल नाथ सरकार मुर्दाबाद के नारे

आदिवासी विद्यार्थियों ने क्यों लगाये कमल नाथ सरकार मुर्दाबाद के नारे

छपारा। गोंडवाना समय। 
गोंडवाना स्टूडेंट यूनियन छात्र संघ के बैनर तले मुख्यमंत्री कमलनाथ के नाम एक ज्ञापन शासकीय महाविद्यालय छपारा के विद्यार्थियों के द्वारा सौंपा गया है। जिसमें उन्होंने बताया कि बीते 2 वर्षों से अनुसूचित जनजाति के प्रथम वर्ष एवं द्वितीय वर्ष के छात्र-छात्राओं को विगत 2 वर्षों से आवास भत्ता एवं छात्रवृत्ति की राशि उन्हें नहीं मिल पाई है। विद्यालय के द्वारा जब भी महाविद्यालय के प्राचार्य से जानकारी लिया जाता है तो उन्हें यह कहा जाता है कि आवंटन नहीं आया है। अनुसूचित जनजाति वर्ग विद्यार्थियों के द्वारा आक्रोशित होकर छपारा महाविद्यालय से मार्च करते हुए तहसील कार्यालय छपारा पहुंचे। जहां पर उन्होंने ज्ञापन सौंपते हुए कहा कि यदि 15 दिनों के भीतर छात्रवृत्ति एवं आवास भत्ता विद्यार्थियों को नहीं दिया जाता है तो आगे विद्यार्थियों के द्वारा उग्र आंदोलन किया जाएगा। जिसकी जिम्मेदारी शासन प्रशासन की होगी। अनुसूचित जनजाति विद्यार्थियों के द्वारा समस्याओं को लेकर ज्ञापन सौंपते समय महेंद्र भलावी, धर्मेंद्र कुमार, नरेंद्र उईके, किशोर भलावी, शिवा मरकाम सहित बड़ी संख्या में शासकीय महाविद्यालय छपारा के छात्र-छात्रायें मौजूद रहे।

प्रदेश सरकार व कमल नाथ सरकार मुर्दाबाद के लगाये नारे

सरकार के द्वारा अनुसूचित जनजाति वर्ग के विद्यार्थियों को लेकर चलाई जा रही शैक्षणिक क्षेत्र में अनेकों योजनायें जिनका प्रचार-प्रसार बहुत किया जाता है कि लेकिन इनका धरातल में विद्यार्थियों को लाभ नहीं मिल पाता है और छपारा महाविद्यालय में भी अनुसूचित जनजाति वर्ग के विद्यार्थियों के साथ ऐसी ही स्थिति है जहां पर अनुसूचित वर्ग के विद्यार्थियों को दो वर्ष से छात्रवृत्ति व आवास भत्ता नहीं मिला है और उनके द्वारा बार-बार मांग की जाती है इसके लिये उन्होंने अनेकों बार मौखि व लिखित रूप से आवेदन भी दिया लेकिन कहीं कोई सुनवाई नहीं हुई। अपनी समस्याआें को लेकर अनुसूचित वर्ग के विद्यार्थी आक्रोश होकर अपनी नाराजगी प्रदेश सरकार पर उतारते हुये उन्होंने कमल नाथ सरकार के मुर्दाबार के नारे भी लगाना पड़ा और उन्होंने अपनी मांगों का ज्ञापन 15 दिन की चेतावनी देते हुये सौंपा है। 

ज्ञापन में ये रखी है मांग

गोंडवाना स्टूडेंट यूनियन के द्वारा दो वर्षों से परेशानी व समस्या झेल रहे अनुसूचित जनजाति वर्ग के विद्यार्थियों में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री से ज्ञापन में यह मांग करते हुये अपने ज्ञापन में यह उल्लेख किया है कि शासकीय महाविद्यालय छपारा के अंतर्गत अध्ययनरत अनुसूचित जनजाति के प्रथम वर्ष एवं द्वितीय वर्ष के छात्र-छात्राओं को विगत सन 2018-19 एवं 2019-2020 कि आवास भत्ता एवं छात्रवृत्ति अभी तक छात्र-छात्राओं को प्राप्त नहीं हुई। इसके लिये हमने महाविद्यालय से बार-बार आवेदन किया किन्तु अभी तक इसकी कोई सुनवाई नहीं हुई वहीं आवास भत्ता एवं छात्रवृत्ति न आने के कारण छात्र-छात्रायें बहुत परेशानी उठा रहे है। जिसके लिये उन्होंने निवेदन करते हुये मांग किया है कि विद्यार्थियों की समस्या को देखते हुये जल्द से जल्द आवास भत्ता एवं छात्रवृत्ति दिलवाने की कार्यवाही करें। 

आवास भत्ता में भी है तकनीकि समस्या 

विद्यार्थियों को आवास भत्ता नहीं मिलने के कारण यह जानकारी भी सामने आई है कि छपारा ग्राम पंचाय में होने के कारण उन्हें आवास भत्ता का लाभ नहीं मिल पा रहा है। इस संबंध में विभागीय स्तर पर प्रयास किया जा रहा है क्योंकि शासन ने अनेकों ग्रामीण अंचल क्षेत्र में महाविद्यालय प्रारंभ कर दिया है लेकिन शहरी क्षेत्र न होने के कारण उन्हें लाभ नहीं मिल पा रहा था परंतु इस संबंध में शासन के द्वारा प्रयास किया जा रहा है कि जहां जहां पर कॉलेज प्रांरभ है वहां पर आवास भत्ता का लाभ दिया जाये। 

देर हो सकती है लेकिन लाभ जरूर मिलेगा-प्राचार्य

वहीं विद्यार्थियों की समस्याओं को लेकर सौंपे गये ज्ञापन के बाद जानकारी मिलने पर जब गोंडवाना समय द्वारा छपारा महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ जी एल झारिया से संपर्क किया गया तो उन्होंने बताया कि छात्रवृत्ति व अन्य योजनाओं के लिये मध्य प्रदेश सरकार द्वारा पोर्टल के माध्यम से योजनाओं का लाभ दिया जा रहा है। मध्य प्रदेश में एम पी टास्क और 2.0 के तहत विद्यार्थियों को लाभ दिया जाना है। छपारा महाविद्यालय में अनुसूचित जाति के विद्यार्थियों की कोई समस्या नहीं है लेकिन अनुसूचित जनजाति वर्ग के विद्यार्थियों को इसका लाभ नहीं मिल पाया है जिससे विद्यार्थी भी बहुत परेशान है और हम भी परेशान है। सोमवार को विद्यार्थियों के द्वारा तहसीलदार साहब को ज्ञापन सौंपा गया है। इसके बाद हमारे द्वारा सिवनी सहायक आयुक्त एवं भोपाल में संपर्क किया गया। जहां पर मुझे यह जानकारी दी गई है कि इसमें अभी टेक्निकल प्राबलम आ रही है। वहीं हमारे द्वारा छपारा के गांव को टैग करने के लिये तीन-चार पत्र भी लिखा जा चुका है लेकिन अभी तक कोई कार्यवाही नहीं हो पायी है वरन इस संबंध में अभी भी कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। वहीं प्राचार्य डॉ जी एल झारिया का कहना यह भी है कि शासन की योजना है अनुसूचित जनजाति वर्ग के विद्यार्थियों को लाभ जरूर मिलेगी भले ही देर हो सकती है वह भी तकनीकि समस्या के कारण हो रही है।

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1 Comments
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  1. बहुत अच्छा हक की लडाई जब तक नही लड़ेंगे जब तक हक नही मिलने वाला लड़ो sir chutiya samjhta है कमलनाथ हमको what लगा दो सरकार की

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