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गोंडवाना समय 14 अक्टूबर 2018

सुप्रीम कोर्ट का फरमान, अपराधिक अभ्यर्थी 

के लिए चुनाव नहीं आसान

अभ्यर्थी को अपराधिक प्रकरण एवं दोष सिद्ध प्रकरण के संबंध में घोषणा करना होगी

सिवनी। चुनाव लड़ने का मंसूबा बनाए हुए बैठे अपराधिक प्रकरण लिप्त अभ्यर्थी के लिए माननीय सुप्रीम कोर्ट के फरमान ने खलबली मचाने के साथ सकती में ला दिया है। चुनाव लड़ने  के मंसूबे पर पानी फिर सकता है। भले ही वे टिकिट की दावेदारी के लिए आवेदन करें लेकिन सभी  राजनैतिक दल अपराधिक प्रकरण दर्ज के चलते टिकिट देने से हाथ खीच सकते हैं वहीं यदि पार्टियां ऐसे अभ्यार्थियों को टिकिट दे भी देती है तो जागरूक मतदाता उन्हें वोट ेदेने से पीछे हट सकते हैं। जिससे पार्टियों की जीत और सत्ता का समीकरण बिगड़ सकता है।
नाम निर्देशन के साथ शपथ पत्र में करना होगा उल्लेख-
अभ्यर्थी को अपने पूर्व के प्रचलित अपराधिक प्रकरण एवं दोषसिद्ध प्रकरण के संबंध में घोषणा करना होगी। इसके लिये नाम-निर्देशन पत्र के साथ शपथ पत्र (फार्म-26) में इसका उल्लेख करना होगा। इसके लिए माननीय सुप्रीम कोर्ट ने 25 सितंबर 2018 को यह फरमान जारी कर दिया है। मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी  व्हीएल  कान्ता राव ने बताया है कि माननीय सुप्रीम कोर्ट ने आदेश जारी करते हुए अभ्यर्थी को अपने पूर्व के प्रचलित अपराधिक प्रकरण एवं दोषसिद्ध प्रकरण के संबंध में घोषणा करना होगी। इसके लिये नाम-निर्देशन पत्र के साथ शपथ पत्र (फार्म-26) में उल्लेख करने करने के  लिए कहा है।
माननीय सुप्रीम कोर्ट के आदेश के तारतम्य में भारत निर्वाचन आयोग द्वारा इस बावत निर्देश जारी किये गये हैं। इसके अनुसार प्रत्येक अभ्यर्थी भारत निर्वाचन आयोग द्वारा दिये गये प्रारूप एवं उसमें दिये गये सभी विवरण को भरेगा। अभ्यर्थी स्वयं पर लंबित अपराधिक प्रकरण के संबंध में बड़े अक्षरों में विवरण भरेगा। यदि अभ्यर्थी किसी राजनैतिक दल द्वारा टिकिट दिये जाने पर निर्वाचन लड़ रहा है, तो उसे स्वयं पर लंबित अपराधिक प्रकरण के संबंध में उस राजनैतिक दल को सूचना देना अनिवार्य होगा।
समाचार पत्र और टीवी चैनल में कराना हो प्रचार-प्रसार-
राजनैतिक दल अभ्यर्थी द्वारा दिये गये स्वयं पर लंबित अपराधिक प्रकरण की जानकारी स्वयं की वेबसाईट में दिखाये जाने हेतु बाध्य होंगे। साथ ही अभ्यर्थी एवं संबंधित राजनैतिक दल इस संबंध में एक घोषणा जारी करेंगे, जिसे उनके द्वारा समाचार पत्रों एवं इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में प्रसारित/प्रकाशित कराना होगा। प्रकाशन करने से तात्पर्य नाम-निर्देशन पत्र भरने के पश्चात कम से कम तीन बार प्रकाशन स्थानीय तौर पर अधिक प्रसार संख्या वाले समाचार पत्रों में एवं टी.व्ही. चैनलों पर उनके द्वारा कराया जाना होगा।उपरोक्त तीन बार का प्रकाशन अभ्यर्थिता वापसी के अंतिम दिन से चुनाव के 48 घंटे पूर्व की समय सीमा के दौरान कराना होगा। इस संबंध में आयोग द्वारा फार्मेट उ-1 में अपराधिक प्रकरणों की जानकारी की घोषणा होगी जिसे अभ्यर्थी द्वारा समाचार पत्र एवं टी.व्ही. चैनल में प्रकाशित करवाया जाएगा। फार्मेट उ-2 में अभ्यर्थी द्वारा राजनैतिक दल को स्वयं के अपराधिक प्रकरणों की जानकारी दिये जाने के संबंध में घोषणा की जाएगी, जिसका प्रकाशन राजनैतिक दल द्वारा स्वयं की वेबसाईट पर किया जाएगा। फार्मेट उ-3 में रिटर्निंग आॅफिसर द्वारा लिखित में संबंधित अभ्यर्थियों को, जिनके द्वारा अपने शपथ पत्र के फार्म 26 के कॉलम 5 एवं 6 में अपराधिक प्रकरण के बारे में घोषणा की है, उन्हे लिखित में निर्देश दिया जाएगा कि अपराधिक प्रकरण के संबंध में समाचार पत्र एवं टी.व्ही. चैनल में इसका प्रकाशन एवं प्रचार-प्रसार किया जाने के निर्देश दिए गए हैं।
अभ्यर्थी द्वारा नाम निर्देशन पत्र भरते समय अपराधिक प्रकरण के संबंध में रिटर्निंग आॅफिसर के सामने घोषणा करेगा कि मेरे द्वारा राजनैतिक दल को इस संबंध में सूचित कर दिया गया है, जैसा कि फार्म -26 के पैरा 6अ में वर्णित है।



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