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जिला पंचायत कार्यालय में सीएम-पीएम की योजना का प्रचार

जिला पंचायत कार्यालय में सीएम-पीएम की योजना का प्रचार

आचार संहिता का हो रहा उल्लंघन

सिवनी। गोंडवाना समय ।आचार संहिता लागू होने के बाद जिले भर में सरकारी योजनाओं से चुनाव को प्रभावित  करने वाले राजनेताओं के नाम और फोटो,चुनाव चिन्ह सरकारी स्थानों एवं कार्यालय से हटा दी  गई है और हटाने के आदेश दे  दिए गए हैं लेकिन जिला पंचायत कार्यालय परिसर में अभी भी देश के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी  एवं प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा योजना का प्रचार किया जा रहा है। यह हम नहीं बल्कि परिसर में लगा हुआ एक बड़ा सा होर्डिग्स में अलग ही दिखाई दे रहा है जो भले ही जिला पंचायत के अधिकारी-कर्मचारी देखकर भी अनजान बने हुए हैं लेकिन बाहर से आने वाले हर एक व्यक्ति को सरकारी योजना का बैनर-पोस्टर अलग ही दिखाई दे रहा था।

स्वीप प्लान के अफसर ने भी दिखाई लापरवाही-

छह अक्टूबर को आचार संहित लगते ही निर्वाचन अधिकारी श्री गोपाल चंद्र डाड ने सभी सरकारी कार्यालय के मुखिया सहित नगरपालिका अधिकारी को तत्काल सभी राजनैतिक दलों  के बैनर-पोस्टर सहित योजनाओं में अंकित फोटो और नाम को मिटाए जाने या ढंकने के आदेश जारी कर दिए थे।  इसके बावजूद जिला पंचायत में 21 दिन तक आचार सांहिता का उल्लंघन हो रहा था। खास बात तो यह है कि जिला पंचायत के स्वीप प्लान में शामिल ओमेगा पाल सहित जिला पंचायत की मीडिया प्रभारी की आंखों के सामने आचार संहिता का खूला उल्लंघन हो रहा था। दैनिक गोंडवाना समय को खबर लगी तो तत्काल जिला पंचायत कार्यालय पहुंची जहां दोपहर 2 बजकर 58 मिनट में ली गई तस्वीर खुद बयां कर रही थी कि कैसे जिला पंचायत परिसर में होर्डिंग्स की वजह से आचार संहिता का उल्लंघन हो रहा था।

माीडिया की दबिश के बाद चिपकाए कागज-

दैनिक गोंडवाना समय द्वारा होर्डिँग्स की फोटो लिए जाने की भनक लगने के बाद जिला पंचायत कार्यालय के अधिकारी-कर्मचारियों ने देर शाम होर्डिंग्स पर कागज लगा दिया है लेकिन सवाल अभी भी खड़ा है कि कार्यालय में सीईओ सहित तकरीबन आधा सैकड़ा से ज्यादा अधिकारी-कर्मचारी पदस्थ हैं इसके बावजूद अब तक आचार संहिता का उल्लंघन क्यों होते रहा यह सवाल लोगों की जहन में उठ रहा है। अब देखना ये है कि क्या जिले के निर्वाचन अधिकारी आचार संहिता का उल्लंघन करने वाले स्वीप प्लान में शामिल अधिकारी के खिलाफ निर्वाचन अधिकारी संज्ञान लेते हैं या फिर यू ही छोड़ दिया जाता है।

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