Type Here to Get Search Results !

बिना टेंडर के छपाए गए संबल कार्ड,भुगतान भी हो गया 17 लाख

बिना टेंडर के छपाए गए संबल कार्ड,भुगतान भी हो गया 17 लाख

ओमेगा पाल का कारनामा,जांच में पाए गए दोषी

सिवनी। गोंडवाना समय।
अध्यापकों के स्थानांतण में किए गए फर्जीवाड़ा के बाद जिला पंचायत कार्यालय में पदस्थ परियोजना अधिकारी ओमेगा पाल ने अखबारों में प्रकाशन और बिना टेंडर कराए बिना ही शहर के योगमाया कम्प्यूटर प्रिटिंग के संचालक से सांठगांठ करके संबंल कार्ड छापकर लाखों रुपए का भुगतान किए जाने का मामला सामने आया है। जिला पंचायत सीईओ ने जांच करके ओमेगा पाल को दोषी भी पाया है। वहीं नियम के विरूद्ध बचाने का भी प्रयास किया जा रहा है। जिससे जांच और कार्रवाई को लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं।

बिना टेंडर बुलाए ही कार्ड छपवाकर कर दिया भुगतान

जिला पंचायत के मास्टर माइंड ओमेगा पाल ने शासन के भंडार क्रय नियमों का पालन न करते हुए बिना ई-टेंडरिंग के शहर के योगमाया कम्प्यूटर संचालक को ठेका देकर मनमर्जी से कार्ड छपवाकर 17 लाख 17 हजार 254 रुपए का भुगतान कर दिया गया है। समाचार पत्रों में भी ई-टेंडरिंग के लिए कोई विज्ञापन भी प्रकाशित नहीं किया गया है। सबसे खात बाात तो यह है भुगतान के पूर्व कलेक्टर साहब से भी अनुमोदन तक नहीं कराया गया है।

जनपद और नगरपालिका से जानकारी लिए छपवा लिए गए कार्ड

ओमेगा पाल ने संबल योजना के तहत मप्र शासन की मजदूर संबंल योजना के तहत जनपद क्षेत्र और नगरपालिका क्षेत्र में हजारों की संख्या में मजदूर कार्ड के लिए पंजीयन किया गया था। जिसमें सूत्र बताते हैं कि नगरपालिका परिषद और जनपद क्षेत्रों से श्रमिकों की जानकारी बुलाए और पूछे बिना और कितने कार्डो की आवश्यकता थी जिला पंचायत के परियोजना अधिकारी ओमेगा पाल ने योगमाया कम्प्यूटर से सेटिंग करके छपवा लिए गए। सूत्र बताते हैं कि जिला पंचायत सीईओ द्वारा इस मामले की जांच के दौरान अभिलेखों में कई कमियां पाते हुए ओमेगा पाल को दोषी माना है।

सेवा हो सकती है बर्खास्त लेकिन नियम विरूद्ध अभिमत

संबल कार्ड योजना में वित्तीय अनियमित्ताऐं सहित अन्य शिकायतों को लेकर संविदाकर्मी परियोजना अधिकारी ओमेगा पाल पर यदि नियमानुसार सही और सटिक कार्रवाई की जाए तो सेवा समाप्त हो सकती है लेकिन सूत्र बताते हैं कि जिला पंचायत सीईओ मंजूषा विक्रांत राय नियम विरूद्ध अभिमत देकर बचाने ्रका प्रयास कर रही है। सूत्र बताते हैं कि 26 नंवबर को ओमेगा पाल के खिलाफ कलेक्टर कार्यालय में भेजे गए जांच प्रतिवेदन में जिला पंचायत सीईओ श्रीमति मंजूषा विक्रांत राय ने अपने अभिमत में अन्य विभाग में संलग्न किया जाना उचित होगा लिखा है। जबकि संविदा शर्तो पर स्पष्ट लिखा हुआ है कि उन्हें न तो स्थानांतरण किया जाएगा। वहीं अनियमित्ताओं पर सीधे सेवा समाप्ति कर दी जाएगी लेकिन सीईओ के अभिमत ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं। इस मामले को लेकर जिला पंचायत सीईओ श्रीमति मंजूषा विक्रांत राय को फोन किया गया लेकिन किसी व्यस्थता के चलते उनसे बातचीत नहीं हो पाई।

Post a Comment

0 Comments
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.