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अंडमान और निकोबार द्वीपों में जनजातियों की सुरक्षा को लेकर जनजाति आयोग हुआ सख्त

अंडमान और निकोबार द्वीपों में जनजातियों की सुरक्षा को लेकर जनजाति आयोग हुआ सख्त

जनजाति आयोग ने किया था अंडमान निकोबार द्वीपों का दौरा

राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति  अध्यक्ष ने अनुसूचित जनजाति आबादी वाले अंडमान और निकोबार द्वीपसमूह के 6 द्वीपों में प्रतिबंधित क्षेत्र परमिट व्यवस्था फिर से लागू करने के लिए केन्द्रीय गृह मंत्री को पत्र लिखा है । राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग एनसीएसटी के अध्यक्ष श्री नंद कुमार साय ने अंडमानी, जरावा, सेंटीनली, ओंजेस तथा सोमपेन्स जनजाति आबादी वाले अंडमान और निकोबार द्वीपसमूह के 6 द्वीपों में प्रतिबंधित क्षेत्र परमिट व्यवस्था फिर से लागू करने के लिए केन्द्रीय गृह मंत्री को पत्र लिखा है।


नई दिल्ली। गोंडवाना समय। 
आयोग ने अंडमान और निकोबार में 29 आबादी वाले द्वीपों को प्रतिबंधित क्षेत्र परमिट व्यवस्था से बाहर किये जाने पर खेद व्यक्त किया है। आयोग ने इस पर आपत्ति जताई थी। इसके बावजूद गृह मंत्रालय ने 17 सितम्बर, 2018 को प्रावधानों में और छूट देते हुए अंडमान और निकोबार द्वीपसमूह आने वाले विदेशियों का एफआरओ के साथ अनिवार्य पंजीकरण को समाप्त कर दिया और 29 जून, 2018 को जारी सर्कुलर द्वारा पहले से छूट प्राप्त द्वीप समहों की सूची में वाईपर द्वीप को जोड़ दिया गया। आयोग का मत है कि गृह मंत्रालय का यह निर्देश भारत के संविधान के अनुच्छेद 338ए (9) के  अनुरूप नहीं है। इस अनुच्छेद में प्रावधान है कि अनुसूचित जनजाति को प्रभावित करने वाले सभी बड़े नीतिगत मामलों पर केन्द्र तथा प्रत्येक राज्य सरकार को आयोग से विचार-विमर्श करना चाहिए। आयोग हाल में अंडमान में उत्तर सेंटीनल द्वीप में अमेरिकी नागरिक की कथित हत्या के संबंध में 22.11.2018 को छपी खबरों से चिंतित हुआ है। आयोग ने 28 नवम्बर, 2018 को इस विषय पर नई दिल्ली में बातचीत के लिए अपर सचिव (यूटी) के साथ बैठक की। इसके बाद पूर्ण आयोग ने 4  से 6 दिसम्बर, 2018 तक अंडमान द्वीप समूहों की यात्रा की और पोर्ट ब्लेयर में मुख्य सचिव, पुलिस महानिदेशक भारतीय मानव शास्त्र सर्वेक्षण के निदेशक, आईजी तटरक्षक और मछुआरों के संगठनों, अंडमान चैम्बर कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज, स्वयंसेवी संगठनों तथा सिविल सोसायटी के सदस्यों से बातचीत की। आयोग राज निवास में उप राज्यपाल से भी मिला और इस विषय पर बातचीत की और 5 दिसम्बर, 2018 को आयोग को दक्षिण अंडमान में जरावा क्षेत्र में जाने का अवसर प्राप्त हुआ और अंडमान आदिम जनजाति विकास समिति (एएजेवीएस) के स्वयंसेवकों की सहायता से जरावा लोगों से बातचीत का मौका मिला। इस अवसर पर जिरकटांग चेक गेट पर पुलिसकर्मी तैनात थे। आयोग गंभीरता से विचार करने के बाद अंडमान और निकोबार द्वीपसमूहों में रह रहे 5 कमजोर जनजातियों (पीवीटीजी) की सुरक्षा के लिए भारत सरकार और अंडमान प्रशासन से निम्नलिखित कदम आवश्यक तौर पर उठाने की सिफारिश करता है ।

जनजाति आयोग ने भारत सरकार को दिया यह सुझाव 

गृह मंत्रालय द्वारा 29 जून, 2018 को जारी सर्कुलर संख्या 506 के संलग्नक में वर्णित 29 द्वीपों की सूची से स्ट्रेट द्वीप (अंडमानी), मध्य तथा दक्षिण अंडमान (जरावा) उत्तर सेंटीनल द्वीप (सेंटीनली), लिटिल अंडमान (ओंजेस) तथा ग्रेट निकोबार (सोमपेन्स) जनजातियों के नाम हटाये जाने चाहिए । उपरोक्त जनजातियों की आबादी वाले 6 द्वीप समूहों में पर्यटन और लोगों द्वारा किसी तरह की यात्रा की मनाही के बारे में बड़े आकार के पोस्टर, होर्डिंग, हवाई अड्डा, बंदरगाह तथा महत्वपूर्ण स्थानों पर लगाये जाने चाहिए। केन्द्र शासित पुलिस तथा तटरक्षों द्वारा 6 द्वीप समूहों में जहाजों / 6 द्वीप समूहों के साथ लगने वाले वाहनों की जांच सहित निगरानी और गश्ती  व्यवस्था मजबूत बनायी जानी चाहिए। गश्ती के दौरान दैनिक दुर्घटना रिपोर्ट (डीआईआर) को अंडमान प्रशासन की अधिकारिक वेबसाइट तथा अन्य संबंधित सार्वजनिक पोर्टलों पर वेबहोस्ट की जानी चाहिए। उत्तर सेंटीनल द्वीप के ऊपर के वायु क्षेत्र सिविल उड़ान के लिए उड़ान वर्जित घोषित किया जाना चाहिए। मछुआरो, पर्यटक गाईड, टूर आॅपरेटरों, होटल उद्योग तथा अन्य हितधारकों को अंडमान और निकोबार प्रशासन द्वारा संवेदनशील बनाने के लिए व्यापक कार्यक्रम चलाना चाहिए ताकि ये लोग प्रशासन की आंख-कान बन सकें।

जनजाति आयोग ने किया दिल्ली विश्वविद्यालय का भ्रमण

नई दिल्ली। गोंडवाना समय। 
राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग के अध्यक्ष एवं सदस्यों के साथ दिल्ली विश्वविद्यालय का प्रवास राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग ने दिनांक 17.12.2018 को स्कूल आॅफ ओपन लर्निंग, दिल्ली विश्वविद्यालय का भ्रमण किया गया।
जहाँ विश्वविद्यालयीन सेवाओं में अनुसूचित जनजातियों को प्राप्त संरक्षणों और अधिकारों के क्रियान्वयन की समीक्षा बैठक में की गई। इस बैठक में आयोग के मा. अध्यक्ष श्री नन्द कुमार साई जी, के साथ मेरे अतिरिक्त आयोग के, सदस्य सर्वश्री हरी कृष्ण डामोर एवं अधिकारीगण शामिल थे।

झारखंड में जनजाति आयोग ने जाना जनजातियों की समस्या

झारखंड। गोंडवाना समय। 
जनजाति आयोग के अध्यक्ष नंदकुमार साय, जनजाति आयोग की उपाध्यक्षा सुश्री अनुसूईया उईके और आयोग के सदस्यों की रॉची झारखंड में जन प्रतिनिधियों व आमजनों से भेंट किया गया । राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग, भारत सरकार इन दिनों झारखण्ड प्रवास पर है।
दिनांक 18.12.2018 को अनुसूचित जनजातियों के कल्याण के लिए कार्यरत गैर सरकारी संगठनो (एन.जी.ओ) सिविल सोसायटी एवं जनजाति वर्ग के प्रतिनिधियों के साथ राँची में बैठक हुई। इस बैठक / भेंट में जनजातियों की समस्याओं एवं सुझावों को हमारे द्वारा सुना गया। साथ ही कल्याणकारी योजनाओं के क्रियान्वयन के संबंध में भी प्रतिनिधियों से चर्चा की गई।

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