किवा कुंभ 2019 में देश भर के आदिवासी समुदाय के आदिवासी होंगे शामिल
प्रयागराज कुंभ में लगेगा दुनियाभर के आदिवासी समुदाय का मेला
कुंभ 2019 संगम तट पर आयोजित होगा 'ग्लोबल ट्राइबल कुंभ'
उत्तर प्रदेश। गोंडवाना समय। दुनिया के 30 देशों के आदिवासी नेता और देश के अलग-अलग हिस्सों में रहने वाले वनवासी (एक तरह की जनजाति) समुदाय के लोगों का इस ट्राइबल कुंभ में संगम होगा। नॉर्थ-ईस्ट इलाके में रहने वाली गारो, खासी, जयंतिया, अंगमी, भूटिया और बोडो जनजातियों के लोग भी इसमें शिरकत करेंगे। प्रयागराज कुंभ में लगेगा दुनियाभर के आदिवासी समुदाय का मेला, किवा कुंभ 2019 के नाम से आयोजन, 30 देशों के प्रतिनिधि आएंगे नॉर्थ-ईस्ट की जनजातियों के साथ ही दूसरे राज्यों के आदिवासी भी पहुंचेंगे । अमेरिका, जर्मनी, यूके, पेरू और बोलिविया जैसे देश करेंगे नुमाइंदगीअमेरिका की मूल निवासी मानी जाने वाली चेरोकी या नवाजो जैसी जनजाति के लोग भारत के पूर्वोत्तर इलाके में रहने वाली जनजाति गारो-खासी से क्या सीख सकते हैं? इस पर बहुत बातें हो सकती हैं लेकिन शुरूआती तौर पर इन समूहों द्वारा प्राचीन विधि से जल के स्रोतों को बचाकर पर्यावरण संरक्षण की तकनीक जरूर सीखी जा सकती है। जी हां, अगले महीने कुंभ में होनेवाला आदिवासी समुदाय का मेला ऐसी ही कई बातों का गवाह बनने जा रहा है । प्रयागराज में चल रहे कुंभ में जल्द ही अनूठा ' ग्लोबल ट्राइबल कुंभ' लगने वाला है, जिसमें दुनिया के 30 देशों के आदिवासी प्रतिनिधियों और देश के अलग-अलग हिस्सों में रहने वाले वनवासी (एक तरह की जनजाति) समुदाय के लोगों का एक मंच पर संगम होगा। परमार्थ निकेतन की ओर से संगम तट पर होनेवाले इस आयोजन का आगाज 14 फरवरी को होगा। इसे 'किवा कुंभ 2019' का नाम दिया गया है। इस आयोजन के दौरान हिस्सा लेनेवाले भारतीय जनजातीय समूहों के लोग जल संरक्षण के अपने तौर-तरीकों से सभी को रूबरू कराएंगे। दूसरे देशों की जो जनजातियां इस आयोजन में शामिल होने वाली हैं उनमें पेरू की केकाटाइबो, इस्कोनाहुआ, मैट्सिजेंका, बोलिविया की आइमारस, जर्मनी की माकोर्मैनिस, फ्रैंक्स, वंडल्स और आॅस्ट्रोगॉथ, अमेरिका की नवाजो और चेरोकी समेत यूनाइटेड किंगडम (ब्रिटेन) के कुछ समूह प्रमुख हैं। परमार्थ निकेतन की साध्वी भगवती सरस्वती का कहना है, 'अमेरिका की मूल निवासी जनजातियां एक पारंपरिक समारोह आयोजित करती हैं, जिसे किवा के नाम से जाना जाता है। इसका मतलब होता है धरती मां के हृदय के पास।' जनजातीय समुदाय के प्रतिनिधियों के साथ इस ट्राइबल कुंभ में अलग-अलग देशों के 300 लोग शिरकत करेंगे। आयोजन में अमेरिका, कोलंबिया, चिली, ब्राजील, अर्जेंटीना, ग्वाटेमाला, यूनाइटेड किंगडम, जर्मनी, नीदरलैंड्स, मेक्सिको, नॉर्वे, बोलिविया, पैरागुवे और पेरू से लोग आ रहे हैं। इसके अलावा भारत के नॉर्थ-ईस्ट इलाके में रहने वाली गारो, खासी, जयंतिया, अंगमी, भूटिया, बोडो और रेगी जनजातियों के साथ ही झारखंड, ओडिशा और छत्तीसगढ़ के जनजातीय समुदाय के लोग इस कार्यक्रम में शिरकत करेंगे।
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