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कमलनाथ बनाम कांग्रेस सरकार का प्रिया सॉफ्टवेयर रोकेगा पंचायतों का भ्रष्टाचार और फर्जीवाड़ा

कमलनाथ बनाम कांग्रेस सरकार का प्रिया सॉफ्टवेयर रोकेगा पंचायतों का भ्रष्टाचार और फर्जीवाड़ा

न ग्रामसभा और सूचना के अधिकार मेें नहीं मांगना पड़ेगा जानकारी

पंचायतों के भ्रष्टाचारियों  की पोल खोलेगा प्रिया 

साफत


केन्द्र में भाजपा की सरकार व भारत सरकार के पंचायती राज मंत्रालय के निर्देशों का पालन भाजपा के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सरकार के कार्यकाल में मध्य प्रदेश की सभी ग्राम पंचायतों में क्रियान्वयन कराया जाना चाहिये था । उक्त योजना को कांग्रेस की मध्य प्रदेश सरकार व मुख्यमंत्री कमलनाथ के द्वारा क्रियान्वयन कराया जा रहा है जो स्वत: स्पष्ट कर रहा है कि भाजपा की सरकार व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पंचायतों में होने वाले व्यापक भ्रष्टाचार को रोके जाने के लिये क्या चाहते थे और मुख्यमंत्री कमलनाथ क्या चाहते है । संभवतय: हम यह कह सकते है कि मुख्यमंत्री कमलनाथ की मंशापंचायतों में आने वाली प्रत्येक धनराशि को सार्वजनिक व प्रत्येक ग्रामीणों को आसानी से जानकारी मिल सके व पारदर्शिता हो यही चाहते है जिसके चलते उनके मुख्यमंत्री बनने के कुछ ही दिनों बाद प्रिया साफ्ट मध्य प्रदेश की प्रत्येक पंचायतों में पालन कराने का हुक्म मध्य प्रदेश शासन पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के अपर मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैस के द्वारा 11 जनवरी 2019 को समस्त कलेक्टर, जिला पंचायत व जनपद पचांयत के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों को जारी किया जा चुका है । 

संपादक विवेक डेहरिया 
भोपाल/सिवनी। गोंडवाना समय।
सरकारी योजनाओं के तहत आने वाली धनराशि का दुरुपयोग और भ्रष्टाचार पर रोक लगाने के लिए कमलनाथ वनाम कांग्रेस की मध्य प्रदेश सरकार एक नई योजना लागू करने जा रही है । इस योजना का नाम है प्रिया साफट, पब्लिक फंड मैनेजमेंट सिस्टम यानि इस योजना के तहत पब्लिक स्कीम के लिए केंद्र और राज्य सरकार से मिलने वाली ग्राम पंचायतों की प्रत्येक धनराशि की सीधे रिपोर्ट पर नजर ग्रामीणों को होगी । योजना के तहत मध्य प्रदेश की प्रत्येक ग्राम पंचायतों को पीएफएमएस अकांउट खोलना होगा । जिसमें आने वाले प्रत्येक बजट को विभाग में चल रही आगे की योजनाओं के लिए धनराशि दी जायेगी। इससे पता चल सकेगा कि किस योजना में कितना पैसा किस पंचायत को दिया गया । कितना उपयोग हुआ और कितना फंड रुका हुआ है । इससे यह भी पता चलेगा कि कहां फंड रिलीज करने में देरी हो रही है और आखिर में किस पंचायत के पास कितना पैसा बगैर इस्तेमाल किए हुए पड़ा हुआ है । प्रिया साफट के जरिये पंचायत में भ्रष्टाचारियों पर सीधे नकेल कसी जायेगी। इससे पंचायतों में आने वाली प्रत्येक योजनाओं की जानकारी सार्वजनिक रहेगी । इस संबंध में योजना को क्रियान्वित कराने के लिये पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग मंत्रालय क्रियान्वयन कराने की योजना बना रहा है इसके लिये मध्य प्रदेश समस्त जिला पंचायत व जनपद पंचायतों के सीईओ को 11 जनवरी 2019 को आदेश जारी किये जा चुके है । इससे पहले ग्राम पंचायतों में सरकार की ओर से आने वाली धनराशि के बारे में सिर्फ संबंधित विभाग कर्णधारों अर्थात सरपंच,सचिव, रोजगार सहायक, उपयंत्री, सीईओ सहित विभागीय जिम्मेदारो को ही मालूम होती थी और वास्तविक जानकारी ग्रामीणों को नहीं मिलती थी ।  पंचायती राज इंस्टीट्यूशन एकॉरडिंग साफ्टवेयर प्रिया शॉफ्ट केंद्रीय पंचायती राज मंत्रालय ने राज्य के सभी ग्राम पंचायतों में ई- पंचायत प्रणाली लागू करने को कहा है।

क्या है प्रिया सॉफ्ट ?

हम आपको बता दे कि यह देश के कई राज्यों में लागू है बहुत पहले मध्य प्रदेश में क्रियान्वयन हो जाना चाहिये था । प्रिया सॉफ्ट में ग्राम पंचायतों को मिलने वाली धनराशि का पाई-पाई का हिसाब किताब दर्ज कराना होगा जिसे जनता व ग्रामीण भी देख सकेंगे । इसमें सभी योजनाओं का वित्तीय एवं भौतिक प्रगति की रिपोर्ट भी दर्ज रहेगी। इस प्रणाली में नैड (नेशनल एसेट डायरेक्टरी) अप्लिकेशन भी है। इसमें पंचायत की सारी परिसंपत्तियों के विवरण दर्ज रहेगा। इसके अलावा एरिया प्रोफाइलर अप्लिकेशन में सभी पंचायतों का अपना भौतिक, भौगोलिक एंव आर्थिक सभी तरह की विवरणी आम लोगों की जानकारी के लिए उपलब्ध करायी जाएगी। इसमें सभी पंचायत प्रतिनिधियों के बारे में भी सूचना रहेगी। इसके अलावा इस प्रणाली में नैप (नेशनल पंचायत पोर्टल), एलजीडी(लोकल गर्वमेंट डायरेक्टरी) और सोशल आॅडिट एंड मीटिंग मैनेजमेंट अप्लिकेशन भी रहेगा। पंचायती राज संस्थान लेखांकन सॉफ्टवेयर (प्रियासॉफ्ट) देश में पंचायती राज संस्थाओं से संबंधित आॅनलाइन लेखा अभिलेखों को सुरक्षित रखता है। पंचायती राज संस्थान साइट पर लॉग इन कर प्रियासॉफ्ट एवं लेखांकन प्रणाली की प्रस्तुति देख सकते हैं। सामान्य लेन-देनों, कार्यात्मक कार्यक्रमों और पंचायती राज संस्थाओं और सीएजी सरलीकृत लेखांकन स्वरूपों की गतिविधियों की जानकारी दी गई है। आप भारत के सभी रिपोर्ट, प्रियासॉफ्ट प्रस्तुतियों और लेखांकन रिपोर्ट देख सकते है । इस व्यवस्था के तहत हर ट्रांजैक्शन का ट्रैक रखा जा सकेगा और पता लगाया जा सकेगा कि अकाउंट से कितना फंड खर्च किया गया और कितना बचा है । इससे शासकीय धनराशि का गलत इस्तेमाल नहीं होगा व इस योजना से बेहतर कैश मैनेजमेंट होगा । ये प्रस्तावित व्यवस्था ई-गवर्नेंस को बढ़ावा देने के लिए अहम साबित हो सकती है.

सरपंच/सचिव राज होगा खत्म, ग्रामीणों की निगरानी होगी प्रारंभ

इस योजना से ग्राम पंचायतों में सरपंच/सचिवों का राज खत्म होगा तो वहीं जनपद व जिला पंचायत के दरवाजे तक जानकारी लेने ग्रामीणों को नहीं जाना पड़ेगा । ग्राम सभा होने का अक्सर ग्रामीणजन इंतजार करते थे ताकि पंचायत का हिसाब किताब खर्चा पानी का हिसाब लिया जा सके लेकिन प्रिया साफट का क्रियान्वयन हो जाने के बाद ग्रामीणों को इंतजार नहीं करना पड़ेगा इंटरनेट चलाने व जानने वाला कोई भी अपनी ही नहीं किसी भी पंचायत का आय-व्यय का जानकारी आसानी से ले सकेगा । सभी जानकारियां पब्लिक को मिल सकेंगी  इस व्यवस्था से पंचायतों पर ग्रामीणों की निगरानी को बढ़ावा मिलेगा
पीएफएमएस (पब्लिक फाइनेंशियल मैनेजमेंट सिस्टम) सॉफ्टवेयर से पंचायतों के खाते में राशि आयेगी । पंचायतों के कर्मचारियों को सॉफ्टवेयर का प्रयोग करने के लिए प्रशिक्षण प्रदान किया गया है । पीएफएमएस से योजनाओं में धन वितरण की निगरानी संभव हो सकेगी । सार्वजनिक वित्त प्रबंधन प्रणाली (पीएफएमएस) के क्रियान्वयन से सरकार की विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं में लाभार्थियों तक पैसे के निगरानी करने में मदद मिलेगी। वेब आधारित सॉफ्टवेयर एप पीएफएमएस से धनराशि के आय-व्यय की सही जानकारी मिल सकेगी। इससे पंचायतों के वित्तीय प्रबंधन में सुधार होगा। पंचायतों की समस्त जानकारियां सार्वजनिक करने प्रिया सॉफ्टवेयर ((पंचायती राज इंस्टीट्यूशन एकाऊंटिंग सॉफ्टवेयर))  में पंचायतों की समस्त जानकारी, वार्षिक क्रियाकलाप, आय-व्यय की जानकारी समेत संपूर्ण गतिविधियां दर्ज रहेंगी। खर्च की जाने वाली राशि, पंचायत के क्रियाकलाप और मूलभूत कोष में बचत राशि समेत सभी जानकारी आॅनलाईन भी होगी। इंटरनेट से लोगों को मिलेगी जानकारी ग्रामीण अंचल में रहने वाले अधिकांश ग्रामीण पंचायतों की मूलभूत राशि, विभिन्न मदों का खर्च आदि की जानकारियां सूचना के अधिकार के तहत मांगते हैं। उन्हें यह पता नहीं रहता कि ग्राम पंचायतों की संपूर्ण जानकारी सॉफ्टवेयर में अपलोड रहती है। लेकिन अब उन्हें इसके लिए सिंगल क्लिक करने की ही जरुरत पड़ेगी , प्रिया साफ्टवेयर के माध्यम से भारत के किसी भी ग्राम पंचायत की वार्षिक आय-व्यय की जानकारी आसानी से ले सकते हैं जिन राज्यों में यह लागू है ।

सही पाये जाने पर ही मिलेगी आगामी वित्तीय वर्ष की राशि 

ग्राम पंचायतों को भ्रष्टाचार मुक्त करने के लिए मुख्यमंत्री कमलनाथ व मध्य प्रदेश सरकार ने कवायद शुरू कर दिया है । विकास कार्यो के नाम पर फजीर्वाड़ा रोकने के लिए केन्द्र सरकार द्वारा तैयार सॉफ्टवेयर तैयार किए गया था जिसे पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान क्रियान्वयन तो छोड़ों लागू नहीं करा पाये थे लेकिन अब प्रिया साफ्ट के जरिये पंचायतों का भ्रष्टाचार रोकने में मदद मिलेगी । ग्राम पंचायतों को प्रत्येक कार्ययोजना को फीड कराना होगा । इसके बाद ही बजट रिलीज किया जा सकेगा । इस सॉफ्टवेयर पर जो विकास कार्यो की कार्य योजना तैयार की जाएगी, उसे प्लान प्लस पर फीड किया जाएगा। इस सॉफ्टवेयर पर फीडिंग के बाद ही कार्ययोजना की जांच की जाएगी और इसके बाद ही ये मंजूरी मिलेगी अर्थात इसके बाद ही कार्ययोजना के क्रियान्वयन की अनुमति मिलेगी । इस सॉफ्टवेयर पर जो विकास कार्य क्रियान्वित हो चुके हैं, उनका भौतिक सत्यापन कर एक्शन प्लान पर फीड किया जाएगा । तभी ग्राम पंचायत के सरपंच और सचिव के ज्वाइंट एकाउंट में धनराशि भेजी जायेगी । प्रिया सॉफ्टवेयर में कार्यो का मिलान किया जाएगा । इसमें देखा जाएगा कि जो कार्ययोजना बनी थी, उसका क्रियान्वयन हुआ कि नहीं, क्या उसका भौतिक सत्यापन किया गया । इन दोनों के सही पाये जाने पर ही आगामी वित्तीय वर्ष के लिये बजट के लिये राशि आबंटित की जायेगी ।

मध्य प्रदेश शासन पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग मंत्रालय का यह है आदेश  

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