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लोक सेवा केंद्र में भ्रष्टाचार-घोटालों की जांच करवायेंगे मुख्यमंत्री कमलनाथ

लोक सेवा केंद्र में भ्रष्टाचार-घोटालों की जांच करवायेंगे मुख्यमंत्री कमलनाथ 

भाजपाई नेताओं को लोक सेवा केंद्र की आड़ में खाने को मिल रहा मेवा

लूटपाट केंद्रों में लुटने को मजबूर नागरिक कर रहे मुक्ति दिलाने की मांग

भोपाल/ सिवनी। गोंडवाना समय।  
पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अरूण यादव ने मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान के 12 वर्ष पूरे होने पर भाजपा द्वारा 29 नवम्बर को मनाये जाने वाले विकास पर्व को राजनैतिक बेशर्मी की पराकाष्ठा बताते हुए कहा था कि जिस प्रदेश में 12 सालों में कुपोषण/अतिकुपोषण से 12 लाख बच्चों की अकाल मौतें हुई हो, हजारों किसानों ने आत्महत्याऐं की हों वहां की सरकार खुद को सफल कैसे कह सकती है। वो सफलता का जश्न कैसे मना सकती है। भाजपा को प्रायश्चित दिवस मनाना चाहिए। अरूण यादव ने इन 12 वर्षों में हुए 156 प्रमुख घोटालों की सूची भी जारी किया था जिसमें 93 नंबर पर लोकसेवा गारंटी योजना घोटाला का भी उल्लेख था । हम आपकों बता दे कि लोक सेवा गारंटी अधिनियम 2010 भारत के मध्य प्रदेश राज्य द्वारा पारित एक विधेयक है। इसके अनुसार लोक सेवकों को तय समय सीमा में काम को पूरा करना होगा और ऐसा न होने पर जवाबदेही तय कर उन पर आर्थिक जुमार्ना लगाया जाने का प्रावधान भी है । म.प्र. लोक सेवाओं की गारंटी विधेयक 2010 एक ऐतिहासिक कदम है। नागरिक प्रशासन में नागरिकों की भागीदारी, उनके अधिकारों के संरक्षण का अभूतपूर्व प्रयास है। यह कानून लाल फीताशाही (रेड टेपिज्म) पर नियंत्रण का एक सशक्त माध्यम बनेगा। लोक सेवा प्रदान करने में लापरवाही या कोताही बरतने वाले अधिकारियों पर अर्थदण्ड आरोपित करने का प्रावधान भी इस अधिनियम में किया गया है। प्रत्येक चिन्हित सेवाओं को प्रदान करने के लिए समय-सीमा निर्धारित की गई है। अब मध्य प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बन गई है भले कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष बदलकर कमलनाथ तो मुख्यमंत्री भी बन गये है वे भी मध्य प्रदेश में हुये घोटालों की जांच कराने की बात सरकार बनने के बाद करवायेंगे कहते नहीं थकते थे । मध्य प्रदेश में लोक सेवा गांरटी अधिनियम सभी विभागों में लागू है वहीं लोक सेवा केंद्रों का संचालन पूरे प्रदेश में किया जा रहा है जिसमें अन्य लाभ नागरिकों को समय पर उपलब्ध कराने की आड़ में भाजपा की सरकार में जमकर मेवा खाने के साथ साथ संजोकर भी रखे जाने की बात सामने आई है । लोक सेवा केंद्र मध्य प्रदेश के प्रत्येक जिला मुख्यालयों एवं तहसील स्तर पर ही नहीं ग्रामीण क्षेत्रों में सीएचसी सेंटरों के माध्यम से भी नागरिकों को सुविधायें प्रदान करने की आड़ में लाखों नहीं करोड़ों का घोटाला उजागर होने की संभावन से इंकार नहीं किया जा सकता है । यदि ईमानदारी व निष्पक्षता से जांच मुख्यमंत्री कमलनाथ व कांग्रेस की सरकार मध्य प्रदेश में  लोक सेवा केंद्रों के द्वारा बनाये गये प्रमाण पत्रों की संख्या का रिकार्ड, दिये गये प्रमाण पत्रों के साथ साथ इसके लिये जमा करवाये गये शुल्क के आंकड़ों की बारिकी से जांच करवा लिया जाये तो पता चल जायेगा कि कितना रूपया शासन सरकार के खाते में गया है और कितना रूपया लोक सेवा केंद्र के ठेकेदारों बनाम लोक सेवा केंद्र के कर्ताधर्ताओं के जेब और तिजोरी में गया है पूरा खुलासा हो जायेगा । मध्य प्रदेश का सबसे बड़ा घोटाला भी उजागर हो सकता है क्योंकि जानकार बताते है कि लोकसेवा केंद्रों में दिये गये प्रमाण पत्र के लिये लिया गया शुल्क को लोक सेवा केंद्र के संचालकों ने शासन सरकार के खाते में कम पहुंचाया है उससे कई गुना लाभ लेकर मेवा खाकर अपना पेट भरने के साथ साथ जेब और तिजोरी में भरने में ज्यादा दिलचस्पी दिखाया है । लोक सेवा केंद्र के कर्ता धर्ताओं को यदि कांग्रेस की सरकार डकार दिलाने के लिये ईमानदारी से जांच की कार्यवाहीं करवा दे तो लोक सेवा केंद्र के कर्ता धर्ता जब ओकेंगे तो पता चल जायेगा कि लोक सेवा केंद्र की आड़ में कितना मेवा इन्होंने खाया है और कितना जेब और तिजोरी भर कर रखा हुआ है।

भर्ती में फर्जीवाड़ा तो, शुल्क में बड़ा गड़बड़झाला 

मध्य प्रदेश में लोक सेवा केंद्रों में इन्हें संचालन के लिये की गई भर्तियों में भी वृहद स्तर पर गड़बड़ी की गई है। मुंह देखकर और लेनदेन करके भाजपा से संपर्क रखने वालों को वरियता कहे या प्रमुखता के आधार पर प्रमुख कर्ता-धर्ता बनाया गया है । लोक सेवा केंद्रों में पात्रता दिखाने दर्शाने के लिये दस्तावेजों में भी फर्जीवाड़ा किये जाने की बात सूत्र बताते है । लोक सेवा केंद्रों में प्रमाण पत्र जितनी संख्या में पूरे प्रदेश में बने है उतने प्रमाण पत्रों का शुल्क की राशि का हिसाब किताब ईमानदारी छान लिया जाये तो घोटालों का बड़ा मटेरियल कांग्रेस सरकार को मिल सकता है।

कलेक्ट्रट, तहसील में भाजपाई ठेकेदार हो रहे मालामाल

जो काम आसानी से पटवारी से किसान व ग्रामीणजन ही शहरी क्षेत्रों के नागरिक भी कभी फ्री में तो कम खर्च में खसरा नक्सा से लेकर अन्य कार्य करवा लेते थे उसे मध्य प्रदेश की शिवराज सरकार ने लोक सेवा गारण्टी अधिनियम के साथ साथ अन्य विभागों के आवश्यक कार्य लोक सेवा केंद्र से दिये जाने के नियम बनाया था लेकिन इसमें भाजपा ने आम जनता को लूटने के लिये ठेका देकर ठेकेदारों को मालामाल बनाने के लिये व्यापारिक केंद्र या व्यवसाय केंद्र खोल दिया था वो भी कलेक्टर, एसडीएम, तहसीलदार कार्यालय के सामने दुकान लोक सेवा केंद्र बनाम लूटपाट केंद्र खोलने की खुली छूट दे दिया है । जो काम नागरिक आसानी से करवा लेते है उसके लिये एक आवेदन लगाने के लिये रूपया जमा करना पड़ता है और अशिक्षितों को सबसे ज्यादा परेशानी होती है । ठेकेदारों को भाजपा व शिवराज सिंह चौहान के मुख्यमंत्री रहते भाजपाई ठेकेदारों को कलेक्टर व तहसील कार्यालय में ही लूटने का केंद्र खोलने के लिये इतनी सुविधा दी गई थी । लोक सेवा केंद्रों के ठेका प्रति वर्ष नहीं निकाला गया जो ठेकेदार ने ठेका लिया था उन्हें ही फिर से काम बिना निविदा निकाले ही दिया गया उनका नवीनीकरण भी नहीं कराया गया है । इससे भाजपाई ठेकेदार अभी भी मालामाल हो रहे है । यदि मुख्यमंत्री कमलनाथ व कांग्रेस सरकार लोक सेवा केंद्रों की चालू होने से भाजपा की सरकार के रहने तक जांच करवा लेती है तो बड़ा घोटाला उजागर हो सकता है ।

कमीश्नर ने स्वयं वापस कराया था ज्यादा रूपये 

हम आपको बता दे कि लोक सेवा केंद्रों में भाजपाई ठेकेदारो के द्वारा किस तरह से लूटपाट वर्षों से कलेक्टर, तहसीलदार, एसडीएम कार्यालय प्रांगण में ही कहो या इनके नाक के नीचे ही नागरिकों को आर्थिक रूप से लूटा जा रहा था जिस अभी जबलपुर के कमीश्नर साहब ने स्वयं सिवनी जिले और मुख्यमंत्री कमलनाथ के गृह जिले में छिंदवाड़ा में पकड़ा था उन्होंने ज्यादा शुल्क लिये जाने पर नाराजगी तो जताया था लेकिन कोई कार्यवाही नहीं किया हां जिनसे ज्यादा शुल्क लेने की शिकायत जिन्होंने किया था उन्हें पैसा जरूर वापस दिलवाया था । इससे यह स्पष्ट सिद्ध या प्रमाणित होता है कि लोकसेवा केंद्रों लूटपाट बेखौफ होकर भाजपाई ठेकेदार वर्षों से करते आ रहे जिन पर नकेल कोई कस नहीं पा रहा है । हालांकि ठेका जरूर दिया गया परंतु इसके संचालन के प्रत्येक जिला व ब्लॉकों में शासन प्रशासन का हस्तक्षेप रहता है लेकिन वे भी लूटते हुये ग्रामीणों को रोक नहीं पाते है इसके पीछे क्या कारण है ये तो वे ही जाने लेकिन जो ग्राउण्ड रिपोर्ट में जो जानकारी आई है निश्चित शुल्क से ज्यादा रूपया जरूर लिया जा रहा है । तहसील क्षेत्रों में तो ग्रामीण क्षेत्रो में तो फार्म को फोटो कॉपी की दुकानों से बेचे जाने की शिकायते भी सामने आई है ।

समायोजन का खेल तो किस एनजीओ के खाते में जा रहा है रूपया 

सूत्र बताते है कि मध्य प्रदेश में जबसे लोक सेवा केंद्र चालू हुये है इसका ठेका अधिकांश भाजपाई नेताओं को दिया गया है । इसका संचालन शासकीय कार्यालय के प्रांगण में किया जा रहा है । लोक सेवा केंद्र में बैंक से अग्रिम राशि प्रदाय लिखकर या एडवांश राशि निकालकर समायोजन को नियामनुआर नहीं दर्शाने के नाम पर बड़ा खेल हो रहा है, इसकी आड़ में आर्थिक अनियमितायें की जा रही है इसका खुलासा ईमानदारी से जांच के बाद ही हो सकती है । इसके साथ ही सूत्रों की माने तो मध्य प्रदेश में संचालित लोक सेवा केंद्रों से मद्रास में किसी एनजीओ के खाते में भुगतान किया जा रहा है जो कहीं न कहीं भाजपा से जुड़े होने की बात सूत्र बता रहे है हालांकि इनकी बातों में सच्चाई कितनी है इसका खुलासा सूक्ष्मता व ईमानदारी से जांच होने के बाद ही पता चल सकता है कि सत्यता क्या है ।

ठेकेदारी प्रथा से तो कर्मचारियों को शोषण से मुक्ति की मांग 

लोक सेवा केंद्र में आने वाले नागरिकों के साथ साथ प्रदेश के कई जिलों के नागरिकों से चर्चा की गई तो उनका यही कहना है कि कलेक्टर, तहसीलदार, एसडीएक के प्रांगण में ठेकेदारी प्रथा को बंद करना चाहिये इसे शासन व सरकार को चलाना चाहिये क्योंकि लोक सेवा केंद्रों की आड़ में ठेकेदारों के साथ साथ इन्हें संचालन करने वाले भी लाभ कमा रहे है सरकार को राजस्व का नुकसान हो रहा है । वहीं लोक सेवा केंद्र में जो कर्मचारी काम कर रहे है उन्हें कलेक्टर दर से भी कम पारिश्रमिक मिल रहा है जबकि कई कर्मचारी ऐसे है जिन्हें तीन तीन वर्ष से ज्यादा का समय हो गया है लेकिन रोजगार के अभाव में वह ठेकेदार के भरोसे काम करने को मजबूर है जबकि शासन चाहे तो इसे संचालित कर यहां पर कर्मचारियों की भर्ती कर उन्हें वेतन भी आसानी से दे सकती है और सरकार का राजस्व भी बढ़ सकता है लेकिन भाजपा शासन काल में ठेकेदारों को लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से इसे संचालित किया जा रहा है जिससे नागरिकों के साथ साथ लोक सेवा केंद्र के कर्मचारियों का भी शोषण हो रहा है कर्मचारी भी ठेकेदार से मुक्ति चाह रहे है तो वहीं नागरिक भी ठेकेदारी प्रथा को बंद करने की बात कह रहे है अब कांग्रेस वक्त है बदलाव का नारा देकर सरकार बनाने में कामयाब हुई है क्या वह लोक सेवा केंद्र बनाम लूटपाट केंद्रों की व्यवस्था को बदल पायेगी यह भविष्य में स्पष्ट हो जायेगा कि वह भाजपा की चाल में लोक सेवा केंद्रो को संचालित करवायेगी या फिर व्यवस्था में बदलाव करेगी ।

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