Thursday, January 24, 2019

म.प्र. में समावेशी अर्थ-व्यवस्था का मॉडल बनेगा

म.प्र. में समावेशी अर्थ-व्यवस्था का मॉडल बनेगा

विश्व आर्थिक मंच से मुख्यमंत्री कमलनाथ का सम्बोधन

मुख्यमंत्री कमलनाथ ने विश्व आर्थिक मंच पर कहा कि भारत के किसानों की समस्या है वह विश्व के अन्य किसानों की समस्याओं से अलग है । मुख्यमंत्री कमलनाथ ने यह भी कहा कि समाज में बढ़ती गैर बराबरी की समस्या भी एक मुद्दा बनकर सामने आया है इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि न्याय की समानता आर्थिक असमानता को दूर कर सकेगी । आर्थिक विकास के साथ उन्होंने पर्यावरण के मुद्दों पर ध्यान दिये जाने की बात कहा । विश्व आर्थिक मंच पर उन्होंने कहा कि भारत विश्व की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की दौड़ में है । 

भोपाल। गोंडवाना समय। मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा है कि बेरोजगारी और किसानों की आर्थिक समस्याओं को हल करते हुए भारत की अर्थ-व्यवस्था को समावेशी अर्थ-व्यवस्था बना कर इसका विस्तार करना जरूरी हो गया है। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश में समावेशी अर्थ-व्यवस्था का मॉडल बनाया जाएगा। दावोस में विश्व आर्थिक मंच के वार्षिक सम्मेलन में आज  दूसरे दिन 'उभरते बाजार' सत्र को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि भारत विश्व की दूसरी सबसे बड़ी अर्थ-व्यवस्था बनने की दौड़ में है। इसके सामने कई बड़ी चुनौतियाँ भी हैं। मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि आज बेरोजगारी सबसे बड़ी समस्या है । किसानों की आर्थिक स्थिति को मजबूत बनाना एक बड़ी चुनौती है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत की आर्थिक प्रगति की संभावनाओं का पूरा दोहन करने के लिए जरूरी है कि सबसे पहले इन ज्वलंत मुद्दों से निपटने की तैयारी करें। मुख्यमंत्री ने सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि सतत आर्थिक विकास के लिए पर्यावरण के मुद्दों पर भी साथ-साथ ध्यान देना जरुरी है। उन्होंने कहा कि समाज में बढ़ती गैर-बराबरी की समस्या भी एक मुद्दा बनकर सामने आया है। उन्होंने कहा कि न्याय की समानता आर्थिक असमानता को दूर कर सकेगी। उन्होंने कहा कि यह भारत की नहीं बल्कि विश्व के सभी देशों की समस्या है। इस पर वैश्विक चिंतन और समाधान आवश्यक है।  भारत में जो किसानों की समस्या है, वह विश्व के अन्य किसानों की समस्याओं से अलग है। इसलिए समाधान भी एक समान नहीं हो सकते। श्री कमल नाथ ने कहा कि विश्व व्यापार में बढ़ोतरी के लिए कानून आधारित व्यापारिक व्यवस्थाएँ जरूरी हैं।

No comments:

Post a Comment

Translate