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स्कूल के दिनों से बच्चों के लिए एनएसएस, एनसीसी जैसी स्वैच्छिक सेवाएं अनिवार्य हों : उपराष्ट्रपति

स्कूल के दिनों से बच्चों के लिए एनएसएस, एनसीसी जैसी स्वैच्छिक सेवाएं अनिवार्य हों : उपराष्ट्रपति 

इससे छात्र वंचित लोगों की जरूरतों के प्रति संवेदनशील बनते हैं

नई दिल्ली। गोंडवाना समय। उपराष्ट्रपति श्री एम. वैंकेया नायडू ने कहा कि स्कूल के दिनों से ही बच्चों के लिए राष्ट्रीय सेवा योजना (एनएसएस), राष्ट्रीय कैडेट कोर (एनसीसी) जैसी स्वैच्छिक सेवाओं को अनिवार्य किया जाना चाहिए। उपराष्ट्रपति ने कहा कि ऐसे प्रशिक्षण छात्रों में एकता, सहानुभूति और दया की भावना विकसित करने में मददगार हैं। इससे छात्र वंचित लोगों की जरूरतों के प्रति संवेदनशील बनते हैं। गणतंत्र दिवस परेड में भाग ले चुके एनएसएस के स्वयंसेवियों से नई दिल्ली में बातचीत करते हुए श्री नायडु ने कम उम्र से ही सामुदायिक सेवा का काम हाथ में लेने के लिए उनके उत्साह और प्रतिबद्धता की सराहना की। उन्होंने कहा कि ऐसा करते हुए आप सभी महात्मा गांधी के आदर्शों को साकार कर रहे हैं, जिन्होंने कहा था दूसरों की सेवा में खुद को खो देना, अपने आपको तलाशने का सबसे अच्छा उपाय है। दु:खी लोगों की सेवा को सच्ची देशभक्ति बताते हुए उपराष्ट्रपति ने छात्रों से कहा कि वे कम उम्र से ही सामाजिक सेवा की आदत डालें। उन्होंने युवा पीढ़ी से अपेक्षा करते हुए कहा कि वे सुंदर भविष्य के लिए प्रकृति से प्यार करें और उसके साथ जीएं। श्री नायडू ने स्वच्छ भारत जैसे कार्यक्रमों में सक्रिय भागीदारी और बाढ़ जैसी प्राकृतिक आपदाओं के समय राहत सामग्री इकट्ठा करके लोगों की सेवा करने के लिए एनएसएस स्वयंसेवियों की सराहना की। उन्होंने कहा कि ऐसे क्रियाकलाप शेयर एंड केयर के भारत के मुख्य दर्शन को सशक्त बनाते हैं। उपराष्ट्रपति ने कहा कि निर्णय प्रक्रिया और विकास प्रक्रिया में युवाओं की भागीदारी सुनिश्चित करना, देश को आगे बढ़ाने के लिए अनिवार्य है। उन्होंने स्वयंसेवियों से कहा कि वे देश को आगे बढ़ाने के लिए सामाजिक परिवर्तन, आर्थिक विकास और प्रौद्योगिकीय नवाचार के दूत बनें। श्री नायडू ने उन्हें बैडमिंटन कोट सहित अपने आवास के आसपास का हिस्सा भी दिखाया और युवाओं के लिए शारीरिक सक्रियता पर जोर देते हुए रहन-सहन से जुड़ी बीमारियों की रोकथाम के लिए स्वस्थ आहार से जुड़ी आदतों को अपनाने पर भी जोर दिया।

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