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आखिर कहां दबाकर रखी गई भू-माफिया की फाईल

आखिर कहां दबाकर रखी गई भू-माफिया की फाईल

तहसीलदार की टीम जांच कर सौंप चुकी है कालोनाईजर बनाम भू-माफिया अभिषेक मालू की फाईल

सिवनी। गोंडवाना समय। 
भाजपा के कार्यकाल की तरह बक्त है बदलाव के साथ सत्ता में आई कांग्रेस सरकार के राज में नेताओं द्वारा भू-माफियाओं को खूला संरक्षण दिया जा रहा है। शासन-प्रशासन के साथ धोखाधड़ी करने वाले भू-माफियाओं के कारनामों को जनता के सामने पर्दाफाश कर उनके  खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने की बजाय उनकी फाईल क्यों और कहां दबा दी जा रही है कोई जवाब नही दे रहा है। ऐसा ही शहर के कालोनाईजर बनाम भू-माफिया अभिषेक मालू के कारनामे की फाईल भी सत्ता पक्ष के नेताओं के दबाव में आखिर कहां दबा दी है कोई भी जवाब नहीं दे पा रहा है।

तहसीलदार की टीम जांच कर सौंप चुकी है फाईल

जानकारी के मुताबिक अभिषेक मालू पिता अशोक चंद मालू निवासी शुक्रवारी ने राजस्व निरीक्षक मंडल सिवनी भाग 2 पटवारी हलाक नंबर 104 ग्राम सीरदीवान की भूमि  खसरा नंबर 64/4 रकबा  0.964 हेक्टेयर में  टाउन एंड कंट्री प्लानिंग के तहत 25 प्रतिशत प्लाट के रूप में शासन के पास बंधक बनाकर रखे गए 16 प्लाट को प्रशासन को बताए बिना चुपके से तकरीबन 12 साल पहले ही बेच दिया था। जब सिवनी राजस्व विभाग द्वारा बंधक बनाए गए 16 प्लाटों की नीलामी  की तारीख जारी की तो कालोनाईजर बनाम भू-माफिया अभिषेक मालू के कारनामे का जिन्न बाहर आया गया और फिर प्लाट बेचे जाने के मामले की शिकायत हुई। तहसीलदार प्रभात मिश्रा ने मामले को गंभीरता से लेकर आरआई की टीम गठित कर मामले की जांच कराई और उक्त प्रकरण की फाईल को एसडीएम हर्ष सिंह को सौंप दी गई है। सूत्रों की मानें तो जांच रिपोर्ट सौंपे हुए तरकीबन  एक महीने से ज्यादा समय हो चुका है लेकिन उक्त प्रकरण के मामले को उजागर नहीं किया गया है। जबकि सूत्रों की मानें तो तहसीलदार द्वारा सौंपी गई जांच रिपोर्ट में उन्होंने अभिषेक मालू को दोषी माना है। आखिर कहां और किसने उक्त प्रकरण की फाईल दबाकर रखी है कोई जवाब नहीं दे रहा है। एसडीएम हर्ष सिंह का साफ कहना है कि उन्होंने फाईल को कलेक्टर साहब को सौंप दी है और वे ही उक्त प्रकरण को लेकर कार्रवाई करेंगे। अब देखना ये है कि संवेदनशील कलेक्टर  प्रवीण अढ़ायच कालोनाईजर बनाम-भू-माफिया अभिषेक मालू के खिलाफ कब तक कार्रवाई करते हैं यह आने वाला समय बताएगा।

ये प्लाट थे बंधक जिन्हें कालोनाईज ने  बेच दिया

जानकारी के मुताबिक तहसील सिवनी राजस्व निरीक्षक मंडल सिवनी भाग 2 पटवारी हल्का नंबर 104 ग्राम सीरदीवान की भूमि खसरा नंबर 64 / 4 रकबा  0.964 हे. के बेचे गए बंधक प्लाटों में 8, 14, 23, 27, 30, 32, 33, 34, 35, 37, 41, 59, 60, 61, 62 एवं 63 नंबर शामिल है। जिसमें अधिकांश प्लाटों पर पक्के मकान भी बनाए जा चुके हैं और  लोग अपने परिवार के साथ वहां पर रह रहे हैं।

नगरपालिका के अधिकारी-कर्मचारियों ने क्यों नहीं की थी एफआईआर

नगरपालिका प्रशासन भी भू-माफियाओं को खूला संरक्षण दे रही है। इसका उदहारण भू-माफिया अभिषेक मालू है। जिसने नगरपालिका द्वारा राशि जमा करने के लिए जारी किए गए नोटिस के बाद 10 लाख रुपए का चेक जमा किया था लेकिन खाते में पैसे न होने के बाद अभिषेक  मालू  का चेक बाउंस हो गया था। चेक बाउंस होने के बाद निश्चिततौर पर नगरपालिका को कालोनाईजर के खिलाफ एफआईआर करनी चाहिए थी लेकिन  नगरपालिका प्रशासन के अधिकारी-कर्मचारियों ने उसके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की थी। बताया जाता है कि कालोनाईजर को न्यायालय कलेक्टर में  समक्ष में सुनवाई का अवसर दिए जाने के उपरांत दिनांक 18 अगस्त 2015 को कलेक्टर सिवनी द्वारा राजस्व प्रकरण क्रमांक 119/बी-121/14-15 में आदेश पारित कर बंधक रखे गए, सोलह प्लांटों को विक्रय करा कर अपेक्षित विकास कार्य करने का आदेश पारित किया गया था।

भू-माफियाओं के लिए सुरक्षित बना सिवनी जिला

जिस तरह भाजपा के राज में 15 साल तक भू-माफिया राज करते नजर आ रहे थे अब कांग्रेस सरकार के राज में भी उन्हें संरक्षण मिल रहा है। भू-माफियाओं के खिलाफ कार्रवाई न होने से ऐसा लगता है कि सिवनी जिला भू-माफियाओं के लिए सुरक्षित है। न तो बड़ी-बड़ी बातें करने वाले कांग्रेस नेता उनके खिलाफ कार्रवाई करवा पा रहे हैं और न ही जिला प्रशासन कार्रवाई कर पा रहा है ।

कांग्रेस में शरण पा रहे भू-माफिया

भाजपा के बाद अब सत्ता में बदलाव  आते हीं गिरगिट की तरह रंग बदलते हुए कांग्रेस की शरण में जाने लगे हैं। सूत्रों की मानें तो बीते दिनों एक कार्यक्रम के दौरान शहर के एक भू-माफिया ने सबके सामने कांग्रेस की शरण ले ली है।

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