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शिवराज सरकार थी पातालकोट की सौदागर, कमलनाथ से कार्यवाही की मांग

शिवराज सरकार थी पातालकोट की सौदागर,                         कमलनाथ से कार्यवाही की मांग

पातालकोट की पहचान बचाने पूर्व विधायक व कांग्रेस विधायक ने लिखा पत्र

छिंदवाड़ा। गोंडवाना समय। 
हम आपको बता दे कि भाजपा व शिवराज सिंह चौहान के मुख्यमंत्री कार्यकाल के दौरान आदिवासियों की जमीनों को गैर आदिवासी को विक्रय करने के लिये अनुमति दिये जाने का रिकार्ड बनाया गया है । इसके साथ ही आदिवासियों की जमीनों पर गैर आदिवासियों के द्वारा क्रेशर, कारखाने सहित अन्य व्यापार व्यावसाय के धड़ल्ले से 100 रुपए की स्टांप पर मात्र 33 रुपए प्रति एकड़ प्रतिमाह किराया पर करोड़ों कमाने के लिये दिया गया है। आदिवासियों की जमीनों की अनुमति देने के लिये भूमाफियाओं को सबसे ज्यादा संरक्षण भाजपा व शिवराज सिंह चौहान के कार्यकाल में मिला है । व्यक्तिगत आदिवासी की भूमि के साथ साथ मनोरंजन और पर्यटकों के नाम पर भी व्यापार व्यवसाय करने हेतु जमीने व्यापारियों व कंपनियों को दिया गया है । जिसमें छिंदवाड़ा जिले के और देश के ऐतिहासिक स्थल पातालकोट क्षेत्र में भी भाजपा व शिवराज सिंह चौहान की सरकार अपनी संपत्ति समझकर पातालकोट क्षेत्र में सौदागर की भूमिका निभाया था जिसका खुलासा अब कांग्रेस की सरकार में हुआ है । पातालकोट क्षेत्र की जमीन देने के मामले में गोंगपा के पूर्व विधायक मनमोहन शाह बट्टी व कांग्रेस के युवा विधायक व जयस के राष्ट्रीय संरक्षक डॉ हीरा लाल अलावा ने मुख्यमंत्री कमलनाथ को पातालकोट क्षेत्र में जमीन के बेचे जाने को लेकर आपत्ति जताते हुये निरस्त कराने की मांंग किया है ।

पर्यटन विभाग के अधिकारी ने अपनी संपत्ति समझकर बेच दिया 

मुख्यमंत्री कमलनाथ के गृह जिला छिंदवाड़ा के पातालकोट की जमीन निजी कंपनी को देने के मामले में पर्यटन विभाग के प्रमुख सचिव हरिरंजन राव की भूमिका संदिग्ध नजर आ रही है जानकारी लगने के बाद से मुख्यमंत्री कमलनाथ ने इस मामले में कार्यवाही करने के संकेत दिये है यदि ईमानदारी से जांच व कार्यवाही हुई सरकारी जमीन को निजी कंपनियों को देने वाले कई अधिकारी नप सकते है । मुख्यमंत्री कमलनाथ पर्यटन विभाग की इस करतूत से बेहद नाराज हैं। हालाँकि यह हैरत की बात है कि  पर्यटन विभाग ने नियमों की धज्जियां उड़ा कर भ्रष्टाचार का जो खेल किया उस पर अब तक सरकार ने कोई कार्रवाई नहीं की है। वहीं नियमों को दरकिनार कर सरकारी जमीनों की बंदरबांट करने के आरोप में घिरे आईएएस के खिलाफ अब गोंगपा के पूर्व विधायक मनमोहन शाह बट्टी व कांग्रेस विधायक व जयस संरक्षक डॉ हीरा अलावा ने कार्यवाही के लिये पत्र लिखा है।

कांग्रेस विधायक अलावा ने पत्र में यह लिखा

मुख्यमंत्री कमलनाथ को पत्र लिखते हुये कांग्रेस विधायक डॉ हीरा लाल अलावा ने यह मांग किया है कि ाविशेष पिछड़ी जनजाति क्षेत्र पातालकोट के रातेड़-बीजाढाना ग्राम में चल रहे अवैधानिक कार्य जिसे यूरेका सतपुड़ा क्लीफ मैडास तामिया जिला-छिंदवाड़ा मध्य प्रदेश द्वारा विशिष्ट पिछड़ी जनजातियों की भूमि को अनाधिकृत रूप से अवैधानिक अधिग्रहण कर निर्माण कार्य किया जा रहा है जो कि पूर्णत: अनुच्छेद 224(1)व पांचवी अनुसूचि का खुला उल्लंघन है उक्त निर्माण कार्यों को तत्काल रोक लगाकर संलिप्त दोषियों के विरूद्ध सख्त कार्यवाही कार्यवाही कराते हुये उच्च स्तरीय जांच कराने की मांग किया है ।

पूर्व विधायक मनमोहन शाह ने पत्र में यह लिखा

मुख्य सचिव मध्य प्रदेश शासन के नाम पत्र लिखते हुये पूर्व विधायक मनमोहन शाह बट्टी ने विधानसभा क्षेत्र क्रमांक 123 अजजा अमनवाड़ा जिला छिंदवाड़ा विशेष पिछड़ी जनजाति क्षेत्र पातालकोट के रातेड़ बीजाढाना ग्राम में चल रहे अवैधानिक कार्य जिसे यूरेका सतपुड़ा क्लीफ मेडास तामिया जिला छिंदवाड़ा मध्य प्रदेश द्वारा विशिष्ट पिछड़ी जनजातियों की भूमि को अनाधिकृत रूाप से अवैधानिक अधिग्रहण कर निर्माण कार्य किया जा रहा है जो कि पूर्णत: अनुच्छेद 244-1 व पांचवी अनुसूचि का खुला उल्लंघन है । उक्त निर्माण कार्यों को तत्काल रोक लगाकर संलिप्त दोषियों के विरूद्ध सख्त कार्यवाही कराते हुये उच्च स्तरीय जांच कराये व जांच के अभाव में आदिवासियों के द्वारा उग्र आंदोलन कर न्यायिक कार्यवाही की जावेगी । पत्र की प्रतिलिपि मुख्यमंत्री के निज सहायक के नाम भी दिया गया है।

कार्यवाही में देरी क्यों कर रहे है कमलनाथ 

मुख्यमंत्री कमलनाथ के गृह जिला छिंदवाड़ा के पातालकोट में पर्यटन विभाग ने नियमों की धज्जियां उड़ा कर भ्रष्टाचार कर पातालकोट के ऊपरी हिस्से बीजाढाना को दिल्ली की निजी कंपनी यूरेका कैंप आउटस प्राइवेट लिमिटेड को सौंप दिया गया है । पिछले दिनों इस मामले के उजागर होने के बाद से ही हड़कंप मचा हुआ है । वहीं जानकार बताते है कि दिल्ली की कंपनी से जो लीज का अनुबंध किया गया है वो भी नियम के विरुद्ध किया गया है। पर्यटन नीति 2016 के तहत साहसिक गतिविधियों के लिए अधिकतम 15 साल के लिए ही जमीन लाइसेंस पर दी जा सकती थी लेकिन नियमों को ताक पर रख पर्यटन प्रमुख सचिव रहे हरिरंजन राव ने कंपनी को 20 साल के लिए लीज पर दे दिया। आदिवासी बहुल पातालकोट के ऊपरी हिस्से बीजाढाना को दिल्ली की निजी कंपनी  यूरेका कैंप आउटस प्राइवेट लिमिटेड को जिस तरह सौंपा गया वह यह बताता है कि मध्य प्रदेश में नियम कायदे नाम की कोई चीज नहीं। पर्यटन विभाग की तत्कालीन एमडी छवि भारद्वाज के द्वारा दो बार टेंडर अयोग्य करने के बावजूद जैसे ही छवि का तबादला हुआ प्रमुख सचिव हरि रंजन राव ने तीसरे टेंडर में यूरेका कंपनी को योग्य मान लिया। इतना ही नहीं यूरेका कंपनी को  जमीन का आधिपत्य दिलाने के लिए खुद हरिरंजन राव ने प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री की हैसियत से तत्कालीन कलेक्टर को निर्देशित किया कि वह कंपनी को कब्जा दिलाएं। हैरत की बात यह है कि सरकारी जमीन पर लीज या लाइसेंस देने के लिए कैबिनेट का अनुमोदन होना जरूरी है लेकिन प्रमुख सचिव हरि रंजन राव ने इन सारी चीजों को दरकिनार करते हुए यूरेका कंपनी के पक्ष में जमीन आवंटित कर दी। हैरत की बात यह है कि इस तरह की गड़बड़ी सामने आने के बावजूद मुख्यमंत्री कमलनाथ इन मामलों पर कोई गंभीर कार्यवाही नहीं कर रहे हैं जबकि कांग्रेस ने वचन पत्र में साफ कहा था कि भ्रष्टाचार के सारे मामलों की परत दर परत में पड़ताल करेगी और दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई करेगी।

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