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रजिस्ट्री में नहीं शिकंजा,अवैध कालोनी पर रोक

रजिस्ट्री में नहीं शिकंजा,अवैध कालोनी पर रोक

बगैर डायवर्सन प्लाटो की खरीद-फरोख्त पर कलेक्टर ने लगाई रोक

सिवनी। गोंडवाना समय। 
अवैध कालौनी काटकर बगैर डायवर्सन की जमीन खरीद-फरोख्त का खेल शहर सहित आसपास क्षेत्र में धड़ल्ले से चल रहा है। जिसको लेकर पूर्व कलेक्टर की तरह वर्तमान कलेक्टर प्रवीण अढायच ने बगैर डायवर्सन प्लाटो की खरीद-फरोख्त पर रोक लगाते हुए जिले के सभी एसडीएम को सख्त निर्देश दे दिए हैं लेकिन  नियम विरूद्ध और जिला प्रशासन के आदेश के विरूद्ध हर बार और सतत रजिस्ट्री का खेल चल रहा है। इसका एक उदाहरण प्रशासन के सामने पहले ही आ चुका है। कालोनाईजर बनाम भू-माफिया अभिषेक मालू के प्लाट शासन के बंधक होने के बावजूद पंजीयक कार्यालय के तत्कालीन पंजीयकों ने प्लाटों की रजिस्ट्री कर दी थी। जबकि सूत्रों की मानें तो बंधक प्लाटों की सूचना पंजीयक कार्यालय में भी जाती है ताकि प्रशासन की जानकारी के बिना रजिस्ट्री न हो लेकिन पंजीयक कार्यालय में  लेनदेन कर इस तरह का खेल धड़ल्ले से चल रहा है फिर भी  प्रशासन नकेल नहीं कस पा रहा है ऐसे में कई सवाल खड़े हो रहे हैं। क्या कलेक्टर प्रवीण अढ़ायच के आदेशों का पूरी तरह पालन होगा या फिर ताक में पात किया जाएगा यह आने वाला समय बताएगा।

कृषि भूमि का प्लाटों में तब्दील कर खरीद-फरोख्त

बगैर डायवर्सन शहरी सीमा से लगी कृषि भूमि को प्लॉटों में तब्दील कर जिले में चल रही खरीद फरोख्त व प्लाटों की बिक्री पर रोक लगाने कलेक्टर प्रवीण सिंह अढ़ायच ने सभी एसडीएम को सख्त निर्देश दिए हैं। विधायक के पत्र का हवाला देते हुए अधिकारियों को दिए गए निर्देश में कलेक्टर ने कहा है कि सिवनी व लखनादौन  शहरी सीमा में कम रेट में बिना डायवर्सन के खेती वाली जमीन के प्लाट बेचे जा रहे हैं। तहसील व रजिस्ट्री कार्यालय के कर्मचारी ऐसे प्लाटों की रजिस्ट्री भी कर रहे हैं। इससे विकास कार्य प्रभावित हो रहे हैं। वहीं इन  कॉलोनियों में रह रहे लोगों की मुश्किलें भी बढ़ रही हैं। कलेक्टर प्रवीण सिंह ने सभी राजस्व अधिकारियों को  मध्यप्रदेश नगरपालिका अधिनियम व कॉलोनी एक्ट के प्रावधानों का पालन कराने के निर्देश दिए हैं।

पूर्व में भी लगाए थे प्रतिबंध,फिर भी हो रही रजिस्ट्री 

साल 2016-17 में कलेक्टर न्यायालय से जारी आदेशों में कृषि भूमि पर तैयार की गई अवैध कॉलोनी में मनमाने तरीके से बेचे जा रहे बगैर डायवर्टेड प्लाटों की बिक्री पर प्रतिबंध लगाने के निर्देश दिए गए थे। इसके बावजूद संबंधित राजस्व अधिकारी अवैध कॉलोनी और इससे लगी कृषि भूमि में मनमाने तरीके से प्लाटों की हो रही बिक्री पर रोेक नहीं लगा पाए हैं और न ही प्लाटों की रजिस्ट्री रोक पाए हैं। कलेक्टर न्यायालय के आदेशों की धज्जियां उड़ाकर प्रतिबंध के बाद बिना डायवर्टेड प्लाटों की खरीद फरोख्त फिर से शुरू हो गई जो अब तक जारी है।है।

अधिनियम का कराएं पालन  

सिवनी,लखनादौन, केवलारी, बरघाट, कुरई व घंसौर एसडीएम को बगैर डायवर्सन कृषि भूमि के प्लाटों की बिक्री व रजिस्ट्री में मध्यप्रदेश नगरपालिका अधिनियम 1961 की धारा 339 व मध्यप्रदेश नगरपालिका नियम 1998 के नियमों का पालन कराने के निर्देश दिए गए हैं। विधायक दिनेश राय ने पत्र लिखकर कलेक्टर को अवगत कराया था कि नगरीय सीमा से लगी कृषि भूमि में तैयार किए जा रहे कच्चे प्लाटों की कम दर पर बिक्री हो रही है। इस मामले में संज्ञान लेते हुए कलेक्टर ने सभी राजस्व अधिकारियों को कार्रवाई कर रोक लगाने के निर्देश दिए हैं।

बढ़ रही अवैध कॉलोनियों की संख्या 

जिले में डेढ़ सौ से ज्यादा अवैध कॉलोनियां  मौजूद हैं। मुख्यमंत्री की घोषणा के बावजूद अवैध कॉलोनियों को वैध नहीं किया जा सका है। इन अवैध कॉलोनियों में सालों से रह रहे लोगों को मूलभूत सुविधाओं के लिए परेशान होना पड़ रहा है। बिजली, पानी, सड़क व पक्की नालियां ना होने के बावजूद अवैध कॉलोनियों को विकसित कर दिया गया है। तेजी से बढ़ रहीं अवैध कॉलोनियों को देखते हुए जिला प्रशासन ने 2016 में आदेश जारी कर कच्चे प्लाटों की बिक्री पर रोक लगाई थी।

अभिषेक मालू के खिलाफ मौन बैठा प्रशासन

एक  तरफ जहां प्रशासन ने अवैध कालोनी व बिना डायवर्सन प्लाट की खरीद-फरोख्त पर रोक लगाने के आदेश जारी किए हैं। वहीं दूसरी तरफ चोरी छिपे 16 बंधक प्लाटो को बेंचने वाले अभिषेक मालू के खिलाफ प्रशासान कार्रवाई करने की बजाय क्यों मौन बैठा है यह सवाल खड़ा हो रहा है। इस संबंध में जिले के कलेक्टर प्रवीण अढ़ायच को गोंडवाना समय की टीम फोन लगा चुकी है लेकिन कोई जवाब नहीं मिल रहा है।

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