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विधानसभा में गूंजेगा जिला पंचायत में हुए शिक्षकों के ट्रांसफर का फर्जीवाड़ा

विधानसभा में गूंजेगा जिला पंचायत में हुए शिक्षकों के ट्रांसफर का फर्जीवाड़ा

सिवनी विधायक ने विधानसभा में पूछा प्रश्न

सिवनी। गोंडवाना समय।
जिला पंचायत के पूर्व सीईओ स्वरोचित सोमवंशी,परियोजना अधिकारी ओमेगापाल सहित शिक्षा विभाग से जुड़े हुए दलालों की मिलीभगत से फर्जी तरीके से ट्रायवल और एजुकेशन विभाग के शिक्षकों के किए गए ट्रांसफर का मुद्दा अब विधानसभा में गूंजेगा। सिवनी  के भाजपा विधायक दिनेश राय मुनमुन द्वारा विधानसभा में सवाल उठाए गए हैं। विधानसभा में ट्रांसफर का खेल गूंजने पर सिवनी जिला पंचायत में मुख्य कार्यपालन अधिकारी के रूप में पदस्थ रहे
स्वरोचित सोमवंशी की मुश्किले बढ़ सकती है। वहीं स्वरोचित सोमवंशी के साथ मिलकर ट्रांसफर का फर्जीवाड़ा करने वाले परियोजना अधिकारी ओमेगा पाल पर की गई खानापूर्ति कार्रवाई को लेकर जिला पंचायत की वर्तमान सीईओ श्रीमति मंजूषा विक्रांत राय भी कटघरे में आ सकती है।

ट्रांसफर की नीति सहित पूछी क्या हुई कार्रवाई

सूत्र बताते हैं कि सिवनी के भाजपा विधायक दिनेश राय द्वारा जिला पंचायत सिवनी में स्वरोचित सोमवंशी द्वारा अपने कार्यकाल में किए गए ट्रांसफर को लेकर सवाल किए गए हैं। विधायक द्वारा विधानसभा के माध्यम से तत्कालीन सीईओ द्वारा किस नीति के तहत ट्रांसफर किए गए हैं उस नीति की जानकारी मांगी गई है। नीति-नियम से न होने पर दोषियों के खिलाफ क्या कार्रवाई की गई इसकी जानकारी मांगी गई है। सूत्र बताते हैं कि दो दिन पूर्व ही विधानसभा से जिला शिक्षा विभाग कार्यालय में पत्र पहुंचा है। जिसे जिला शिक्षा कार्यालय ने उक्त पत्र को जिला पंचायत कार्यालय भेज दिया है।

जिला पंचायत में हड़कंप,खानापूर्ति में जुटे कर्मचारी

विधानसभा में सवाल पूछे जाने के बाद सिवनी जिला पंचायत कार्यालय में हड़कंप मच गई है। शिक्षा विभाग ने पल्ला झाड़ते हुए विधानसभा से आए सवालों के पत्र को जिला पंचायत भिजवा दिया है। वहीं जिला पंचायत की शिक्षा शाखा प्रभारी अधिकारी-कर्मचारियों को बचाने के लिए खानापूर्ति जवाब देने में जुट गई है। जानकारी के मुताबिक जनजाति कार्य विभाग और शिक्षा विभाग के तकरीबन आधा सैकड़ा से ज्यादा शिक्षक और अध्यापकों के स्थानांतरण फर्जी तरीके से किए गए थे। किसी का एजुकेशन विभाग के स्कूलों में तो किसी का ट्रायवल में कर दिया गया है और सबसे खास बात तो यह है कि ट्रांसफर किए गए शिक्षक-अध्यापकों की कोई नस्तियां भी जिला पंचायत में मौजूद नही हैं।

 सीईओ को ओआईसी बनाने पर सवाल

जिला पंचायत सीईओ द्वारा शिक्षकों के ट्रांसफर के फर्जीवाड़े में शामिल कर्मचारियों के खिलाफ ठोस कार्रवाई न कर सवालों के घेरे में है। वहीं ट्रांसफर निरस्त के आदेश के बाद  स्टे लेकर स्कूल में पदस्थ अध्यापकों के लिए कोर्ट में जवाब प्रस्तुत  करने के लिए सिवनी जनपद की  सीईओ को ओआईसी बनाना  भी सवालों के घेरे में है। सूत्रों का कहना है कि सबसे ज्यादा शिक्षक ट्रायवल के एजुकेशन में आए हैं यानी ट्रायवल विभाग को नुकसान है ऐसे में ट्रायवल विभाग के सहायक आयुक्त  एसएस मरकाम या फिर शिक्षा विभाग के एसपी लाल को ओआईसी बनाया जाना चाहिए था ताकि वे न्यायालय में ट्रांसफर संबंधित नियम-नीति की बात शासन की ओर से रख सकें।

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