भाजपा के राज में समितियों में ऋण घोटाला,कांग्रेस की ऋणमाफी में पर्दाफाश
शिकायतों के बाद सामने आया चार समिति प्रबंधकों का घोटाला
सिवनी। गोंडवाना समय।
भाजपा सरकार के राज में किसानों के नाम पर करोड़ों रुपए का फर्जी ऋण निकालकर हजम कर जाने एवं कम ऋण लेने पर अधिक ऋण दर्शाने का मामला कांग्रेस सरकार की किसान ऋणमाफी योजना के दौरान बेपर्दा हो गया है। ऋण माफी योजना के दौरान समिति और पंचायतों में चस्पा की गई सूचियों के बाद किसानों द्वारा की गई शिकायतों में चार समितियों में अनियमित्ता पाई गई है।
जांच में करोड़ों का घोटाला सामने आने के बाद संवेदनशील कलेक्टर प्रवीण अढ़ायच ने जहां सेवा सहकारी समिति मर्यादित ताखलाकला समिति प्रबंधक सहित कर्मचारियों की अरी थाने में एफआईआर दर्ज करा दी है। वहीं समनापुरधनौरा समिति प्रबंधक और कर्मचारियों के खिलाफ एफआईआर के लिए निर्देशित कर समिति प्रबंधकों को निलंबित कर दिया गया है। जबकि आदिम जाति सेवा सहकारी समिति पीपरवानी के किशोर डहरवाल को निलंबित कर कलेक्टर ने विभागीय जांच के आदेश जारी कर दिया है। हालांकि सूत्रों की मानें तो जिले की कई समितियों में इसी तरह का घोटाला हुआ है जिसमें जानकारी लगने के बाद किसान शिकायत के लिए सामने आते जा रहे हैं।
ताखलाकला प्रबंधक सहित चार पर एफआईआर, धनौरा में करोड़ों का घोटाला
किसान ऋणमाफी योजना में करोड़ों रूपए के घोटाले की जुगत में लगे ताखलाकला सहकारी समिति के प्रबंधक सहित चार कर्मचारियों पर पुलिस ने शासन से धोखाधड़ी करने का मामला दर्ज किया है। कलेक्टर प्रवीण सिंह अढ़ायच के सख्त आदेश के बाद शुक्रवार की रात अरी थाना पुलिस ने समिति के चार कर्मचारियों पर धारा 420, 511, 34 भादंवि के तहत प्रकरण दर्ज किया है। जिले की चार समितियों में गड़बड़ी पाई गई है। वहीं दूसरी समितियों की जांच जारी है।
लेखापाल व कम्प्युटर आॅपरेटर भी शामिल
जांच में समिति में एक करोड़ रूपए से ज्यादा का फर्जीवाड़ा सामने आया है। समिति के प्रशासक आरपी मेहरा के जांच प्रतिवेदन पर समिति प्रबंधक सत्यनारायण बघेल (50) गुरार्पाठा, लेखापाल यशवंत ठाकुर (35) दुल्हापुर, कम्प्युटर आॅपरेटर अनिल लांजेवार (30) सजनवाड़ा व भरत हरदे (25) सजनवाड़ा के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है। जांच में ऋण ना लेने वाले 81 किसानों के नाम पर 26.01 लाख का ऋण दशार्या गया था। वहीं 160 किसानों के ऋण खाते की राशि 65.47 लाख अधिक दर्शाई गई है। वहीं दो किसान ऐसे भी मिले हैं जिनका रिकार्ड ना होने पर भी उन्हें समिति कर्मचारियों ने कर्जदार बना दिया था। इस मामले में जांच के बाद प्रबंधक व अन्य तीन कर्मचारियों को समिति से हटा दिया गया है। अरी थाना में पदस्थ एएसआई गौरव धुर्वे ने बताया कि मामले में फरार ताखलाकला समिति प्रबंधक सहित अन्य कर्मचारियों की तलाश की जा रही है।
2.34 करोड़ रुपए के गबन का प्रयास
आदिम जाति सेवा सहकारी समिति धनौरा में कलेक्टर प्रवीण सिंह अढ़ायच द्वारा सहकारिता विभाग से कराई गई जांच में 5.56 करोड़ का फजीर्वाड़ा सामने आया है। करीब 2.34 करोड़ गबन का प्रयास करने के मामले में प्रबंधक श्रवण सोनी को निलंबित किया जा चुका है। इस मामले में एफआईआर दर्ज कर प्रबंधक की सेवाएं समाप्त करने के निर्देश दिए गए हैं।
समनापुर में भी गड़बड़ी
सेवा सहकारी समिति समनापुर में 21 किसानों के ऋण खातों में गड़बड़ी पाई गई है। वहीं दो अपात्र किसानों के नाम भी ऋण सूची में जोड़ दिए गए हैं। इस मामले में समिति प्रबंधक रमेश शरणागत को सेवा से पृथक करने और प्रबंधक के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने के निर्देश दिए गए हैं।
पीपरवानी सहकारी समिति से किशोर डहरवाल निलंबित-
आदिवासी विकासखंड कुरई स्थित आदिम जाति सेवा सहारी समिति पीपरवानी में 13 प्रकरणों में वास्तविक ऋण एवं सूची में प्रदर्शित ऋण में अंतर पाये जाने पर दोषी कर्मचारी रामकिशोर डहरवाल का निलंबन कर कलेक्टर ने उसकी विभागीय जांच के आदेश कर दिए हैं। गौरतलब है कि रामकिशोर डहरवाल द्वारा कुरई भिलवा निवासी 60 वर्षीय पूनी बाई पति उदय सिंह की धनौली एवं भिलवा में स्थित जमीन के नाम पर फर्जी तरीके से ऋण निकालने की शिकायत उसके बेटे शशिकान्त पिता उदय सिंह परते ने विभाग सहित पुलिस अधीक्षक और हरिजन कल्याण थाने में शिकायत की थी। रामकिशोर डहरवाल द्वारा शिकायतकर्ता शशिकान्त को शिकायत वापस लेने के लिए मोबाईल पर धमकाया भी था। जिसकी शशिकान्त परते के मोबाईल पर उसकी आॅडियो रिकार्डिग भी मौजूद है। इसके बावजूद निलंबन के बाद एफआईआर नहीं करना सवालों के घेरे में है।
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