सीईओ ने किया निलंबित,सहायक आयुक्त ने बहाली
ट्रांसफर के बाद अब निलंबन -बहाली में चल रहा खेल
सिवनी। गोंडवाना समय।
जिला पंचायत कार्यालय में अध्यापकों के स्थानांतरण में चले फर्जीवाड़े के बाद अब सहायक आयुक्त जनजातीय कार्यालय में लापरवाही के कारण जिला पंचायत सीईओ द्वारा निलंबित किए गए अध्यापकों की सहायक आयुक्त कार्यालय द्वारा बहाली किए जाने का मामला सामने आया है। जनजातीय कार्यालय सिवनी के सहायक आयुक्त एसएस मरकाम द्वारा दो अध्यापकों की बहाली की गई है। सहायक आयुक्त द्वारा की गई बहाली को लेकर जहां नियमों के खिलाफ बताया जा रहा है वहीं सहायक आयुक्त नियमानुसार बहाली का हवाला दे रहे हैं।
बिना आदेश के प्रधान पाठक के दायित्वों का निर्वाहन-
गोंडवाना समय के हाथ लगी जानकारी के मुताबिक जनजातीय कार्य विभाग के अंतर्गत विकासखंड कुरई के उन्नयन माध्यमिक शाला छीतापार में पदस्थ सुभाष डहरवाल अध्यापक (प्रभारी प्रधान पाठक) एवं छीतापार के ही प्राथमिक शाला में पदस्थ विनोद त्रिवेदी सहायक शिक्षक को 29 जनवरी को जिला पंचायत सीईओ मंजूषा विक्रांत राय के हस्ताक्षर युक्त आदेश जारी कर निलंबित किया गया था। अध्यापक सुभाष कुमार डहरवाल 1 जनवरी 2019 को सहायक आयुक्त एसएस मरकाम जनजातीय कार्य विभाग सिवनी द्वारा उन्नयन माध्यमिक शाला भवन छीतापार का आकस्मिक निरीक्षण किया गया था। निरीक्षण के दौरान सुभाष कुमार डहरवाल अनुपस्थित पाए गए थे। निरीक्षण के दौरान यह भी पाया गया था कि उच्चत श्रेणी शिक्षक केपी मर्सकोले कार्यरत होने के उपरांत भी इनके द्वारा बगैर कोई आदेश के प्रधान पाठक के दायित्वों का निर्वाहन कर मनमानी की जा रही थी।
देर से आते और जल्दी चले जाते थे सुभाष और विनोद
स्कूल में अध्ययनरत छात्र-छात्राओं ने सहायक आयुक्त एसएस मरकाम को बताया था कि अध्यापक सुभाष डहरवाल एक तो स्कूल समय पर नहीं आते हैं और अध्यापन कार्य भी नहीं कराते हैं। इसके अलावा में शाला बंद होने से पहले ही अध्यापक सुभाष डहरवाल चले जाते थे। सबसे खात बात तो यह है कि शाला में कार्यरत श्रीमति ऋतु उइके अध्यापक को शासन के विरूद्ध दिसंबर 2018 में 04 दिन का अवकाश 23 से 31 दिसंबर तक ऐच्छिक अवकश स्वीकृत किया गया था। जिससे शैक्षणिक कार्य प्रभावित होना पाया गया तथा संस्था में बच्चों की उपस्थिति कम पाई गई थी। शिक्षक के उक्त कृत्य पर शिक्षक पद की गरिमा एवं मर्यादा के प्रतिकूल मानते हुए सहायक आयुक्त के प्रतिवेदन पर जिला पंचायत सीईओ श्रीमति मंजूषा विक्रांत राय ने 29 जनवरी को निलंबित कर विकासखंड अधिकारी कार्यालय घंसौर अटैच कर दिया था। इसी तरह छीतापार के प्राथमिक शाला में पदस्थ सहायक शिक्षक विनोद त्रिवेदी को शाला में अनुपस्थित पाए जाने एवं शाला में विलंब से आने और शिक्षण कार्य नहीं कराने व शाला बंद होने से पहले ही चले जाने की शिकायत और जांच पर 29 जनवरी को निलंबित कर दिया गया था।
16 दिन में कर दी बहाली
जनजातीय कार्य विभाग सहित अन्य विभाग के सूत्रों की मानें तो 45 दिन बाद आरोप पत्र भेजने के बाद बहाली की जाती है लेकिन जनजातीय कार्य विभाग के सहायक आयुक्त एसएस मरकाम द्वारा छीतापार के दोनों की लापरवाह शिक्षकों को 16 दिन में ही बहाली करना कई सवाल खड़ें कर रहे हैं।
निर्दोष तो फिर क्यों लिखकर मांगी क्षमा याचना
गोंडवाना समय की टीम ने जब छीतापार के अध्यापक सुभाष कुमार डहरवाल से बातचीत की तो वे अपने आप को निर्दोष बताते हुए आरोपों को झूठा बता रहे थे। वहीं लिखित रूप से क्षमा याचना मांगने की भी बात कर सवाल खुद ही सवाल खड़े कर रहे हैं।
इनका कहना है
मैने ही आकस्मिक निरीक्षण किया था जिसमें दोनों ही शिक्षकों को स्कूल से नदारद पाया था लेकिन बाद में शिक्षकों ने बताया कि वे बीएलओ के काम से तहसील कार्यालय गये थे। उसकी पुष्टि भी हुई जिसके बाद उन्हें बहाल कर किया गया है। उनका कहना है कि उनके अधिकार क्षेत्र में है कि वे कभी भी बहाल कर सकते हैं। वहीं जिला पंचायत सीईओ द्वारा निलंबन और उनके द्वारा बहाली पर उनका कहना है कि नियमानुसार बहाली की है। सहायक आयुक्त के साथ-साथ वे अतिरिक्त मुख्य कार्यलपान अधिकारी पदेन होने के कारण वे बहाल कर सकते हैं।
सहायक आयुक्त एसएस मरकाम