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संत रविदास जी ने जातिवाद को त्यागकर आपस में प्रेम से रहने की दिया शिक्षा

संत रविदास जी ने जातिवाद को त्यागकर आपस में प्रेम से रहने की दिया शिक्षा

भागोपा कार्यालय में मनाई गई संत रविदास जी जयंति

भोपाल। गोंडवाना समय।
संत रविदास की जयंति के अवसर पर अखिल भारतीय गोंडवाना पार्टी के भोपाल कार्यालय में सर्वप्रथम इस स्वर्णिम अवसर पर सभी लोगों ने संत शिरोमणि रविदास जी महाराज को याद किया एवं पुष्प माला अर्पित किया ।
जयंति के स्वर्णिम अवसर पर एस आर बौद्ध ने बताया की कैलेंडर के अनुसार संत रविदास जी जयंती माघ महीने की पूर्णिमा पर मनाई जाती है। इस बार ये दिन मंगलवार 19 फरवरी को पड़ा है। इस वर्ष पूरा भारतवर्ष उनका  642 वां जन्मदिन मना रहा है। संत रविदास जी ने हमेशा जातिवाद को त्यागकर लोगों को आपस में प्यार से रहने की शिक्षा दिया और संत रविदास जी को कभी भी धन से मोह नहीं रहा। आज इस खास स्वर्णिम ऐतिहासिक मौके पर संत रविदास जी के वो खास दोहे जिनकी वजह से उन्हें दूर-दूर तक ख्याति मिली। मन चंगा तो कठौती में गंगा का अर्थ-इस कहावत के जरिए एक बार फिर संत रविदास जी मन की पवित्रता पर जोर देते हैं। संत रविदास जी कहते हैं, जिस व्यक्ति का मन पवित्र होता है, उसके बुलाने पर मां गंगा एक कठौती में भी आ जाती हैं। इस स्वर्णिम अवसर पर सभी लोगों ने संत रविदास जी के बताए हुए मार्ग पर चलने का संकल्प लिया। भारतीय गोंडवाना पार्टी के वरिष्ठ पदाधिकारी एवं कार्यकर्ता गण आदि लोग उपस्थित हुए । जिसमें प्रमुख रूप से एन. आर. भूआर्य राष्ट्रीय कार्यवाहक अध्यक्ष, गुलजार सिंह मरकाम राष्ट्रीय संयोजक, एस आर बौद्ध राष्ट्रीय महासचिव, नीलम सिंह उईके राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष ,मोहन ओझा राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य, रमेश चंद बकोरिया राष्ट्रीय प्रवक्ता, संजय यादव राष्ट्रीय प्रवक्ता, राधेश्याम डेहरिया, मालगांव धुर्वे, एडव्होकेट एस.एस. धुर्वे, विदिशा से मीणा, नितेश सिंह, प्रवीण कुमार, उमर खान छिंदवाड़ा एवं पातालकोट से भी अन्य सामाजिक संगठनों के पदाधिकारी उपस्थित रहे ।

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