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13.67 लाख की पुलिया,तीन लाख भी खर्च नहीं! मार रही दरार

13.67 लाख की पुलिया,तीन लाख भी खर्च नहीं! मार रही दरार

पत्थर और डस्ट से निर्माण

सिवनी। गोंडवाना समय।
जनपद पंचायत सिवनी की ग्राम पंचायत खामखरेली के अंतर्गत डुंगरिया से सिहोरा रोड 13.67 लाख रुपए की स्वीकृत पुलिया भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गई है। ग्राम पंचायत और तकनीकी अधिकारियों ने नियमों की धज्जियां उड़ा दी है। वहीं पुलिया को देखकर ऐसा लगता है कि गुणवत्ता को भी प्रभावित कर दी गई है।
निर्माण की गई पुलिया देखकर ऐसा प्रतीत होता है कि उसमें महज दो से तीन लाख रुपए खर्च हुए हैं लेकिन पोर्टल पर नजर दौड़ाए तो 9 लाख रुपए से ज्यादा राशि निकलना उल्लेखित है। ऐसा लगता है कि पुलिया की राशि में ग्राम पंचायत से लेकर तकनीकी अमला द्वारा बंदरबांट किया गया है।

तीन रो की पुलिया स्वीकृत एक रो का निर्माण-

शासन के पोर्टल के आधार पर डुंगरिया पहुंच मार्ग के नाम से 13 लाख 67 हजार रुपए की लागत की तीन रो की पुलिया स्वीकृत हुई थी लेकिन डुुंगरिया से सिहोरा रोड पर बनाई गई पुलिया ग्राम पंचायत ने तीन रो यानी 9 पाइप की जगह एक रो यानी  तीन पाइप की बना दी गई है। जिसमें 9 लाख रुपए से ज्यादा की राशि खर्च भी हो गई है। जबकि पुलिया को देखकर अंदाजा लगाया जाए तो उसमें दो से तीन लाख रुपए ही खर्च हुए होंगे। तकनीकी अमला का कहना है कि पानी की निकासी कम होने के कारण एक रो की पुलिया बनाई गई है तो फिर पुलिया की तकनीकी स्वीकृति पर ही सवाल खड़े हो गए हैं कि जब पानी निकासी कम है तो फिर क्यों तीन रो की पुलिया बनाने की तकनीकी स्वीकृति जारी की गई।

डुंगरिया टोला के पास बननी थी पुलिया,सिहोरा रोड पर बना दी गई-

डुंगरिया गांव के आदिवासी पंच एवं ग्रामीणों का आरोप है कि डुंगरिया गांव से डुंगरिया टोला के बीच झील पर पुलिया स्वीकृत हुई थी जिसके लिए गड्ढा भी खोदा गया है और मटेरियल भी डाला गया है,लेकिन उसी पुलिया को डुंगरिया से सिहोरा रोड मनमर्जी से बना दी गई है।
पंच व ग्रामीणों का कहना है  कि सिहोरा रोड पर जो पुलिया बनाई गई है वहां पर कहीं से कोई पानी नहीं आता है। पंच का आरोप है कि पुलिया समीप मौजूद खेत मालिक को फायदा पहुंचाने के लिए बनाई गई है।

पुलिया में आई दरार-

पंच व ग्रामीण बताते हैं कि पुलिया के निर्माण कार्य में क्रेशर से निकलने वाले बड़े व कत्तल पत्थर भर दिए गए हैं। वहीं रेत की जगह डस्ट से निर्माण किया गया है।  ग्रामीण  यह भी बताते हैं कि पुलिया के नीचे बेस भी नहीं डाला गया है। जिसकी वजह से पुलिया में दरार भी आ गई है। खुली आंखों से खुद ही पुलिया में दरार देखी जा सकती है। इसके अलावा पुलिया में उपयोग किए गए पत्थर अलग ही निर्माण की गुणवत्ता को बयां कर रही है। निर्माण कार्य की सुपरविजन करने वाली इंजीनियर ऊषा आम्रवंशी का कहना है कि वरिष्ठ अधिकारियों के दबाव के कारण उन्होंने पुलिया का मूल्यांकन किया है। हालांकि वे भी मान रही हैं कि तीन रो की स्वीकृति और एक रो की पुलिया बनाई गई है।डुंगरिया के आदिवासी पंच और ग्रामीणों ने जिला पंचायत सीईओ श्रीमति मंजूषा विक्रांत राय से पुलिया की जांच कराने की मांग की है।

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