ऋण माफी के नोडयूज में कोताही, तीन प्रबंधक सस्पेंड
सिवनी। गोंडवाना समय।
किसान ऋण माफी प्रकरण स्वीकृत होने के बावजूद संबंधित किसानों को नोडयूज जारी करने में कोताही बरत रहे तीन समिति प्रबंधकों पर निलंबन की गाज गिर गई है। सहकारिता विभाग के उपायुक्त (डीआर) जीपी सोनकुसरे ने लापरवाही बरतने वाले मोहगांव, भोमा व गंगेरूआ समिति के प्रबंधकों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। उपायुक्त जीपी सोनकुसरे ने बताया कि कलेक्टर प्रवीणसिंह अढ़ायच द्वारा योजना के तहत पात्र किसानों के ऋण माफी प्रकरण स्वीकृत किए गए हैं। संबंधित किसानों को समितियों द्वारा नो डयूज प्रमाण पत्र जारी किए जा रहे हैं। जिले की सभी 57 समितियों में किसानों को जारी किए जा रहे नो डयूज प्रमाण पत्रों की भोपाल मुख्यालय से समीक्षा की जा रही है। समीक्षा के दौरान कम प्रगति पाए जाने व किसानों को नो डयूज प्रमाण पत्र जारी करने में लापरवाही मिलने पर जिले के तीन समिति प्रबंधकों के खिलाफ निलंबन की कार्रवाई की गई है।
मोहगांव, भोमा, गंगेरूआ समिति प्रबंधक को किया निलंबित
उपायुक्त सोनकुसरे ने बताया कि गंगेरूआ के समिति प्रबंधक संतोष कटरे,मोहगांव समिति प्रबंधक लोटनसिंह तुरकर व भोमा समिति प्रबंधक राजेश रजक को लापरवाही के मामले में तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। समिति प्रबंधकों के निलंबन आदेश गत दिवस जारी कर दिए हैं। अन्य प्रबंधकों को भी संबंधित किसानों को समय सीमा में नो डयूज प्रमाण पत्र जारी करने के आदेश दिए गए हैं।
बैंक ने नहीं दिए प्रमाण पत्र, डीआर ने नोटिस दिए बिना कर दी कार्रवाई-
निलंबन की कार्रवाई से पूर्व शासकीय प्रक्रिया और नियम के तहत नोटिस देकर स्पस्टीकरण मांगा जाता है लेकिन उपायुक्त ने भोमा,मोहगांव और गंगेरूआ समिति प्रबंधकों को बिना कोई नोटिस दिए ही 05 अप्रैल शनिवार को निलंबन का नोटिस थमाकर हिटलरशाही की कार्यप्रणाली को बयां कर दिया है। वहीं दूसरी तरफ समिति प्रबंधक बताते हैं कि जिला सहकारी बैंक द्वारा उन्हें प्रमाण पत्र उपलब्ध नहीं कराए गए थे। दो दिन पूर्व ही प्रमाण पत्र दिए गए थे। जिनमें उनका कोई कसुर नहीं है इसके बावजूद उन्हें निलंबित कर दिया गया है। सूत्र बताते हैं कि डीआर की हिटलरशाही कार्रवाई को लेकर समिति प्रबंधक न्यायालय की शरण में जा सकते हैं। इस संबंध में जेपी सोनकुशरे को फोन लगाया तो उनका मोबाईल बंद था।