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कृषि अभियांत्रिकी सहायक यंत्री को 10 हजार की रिश्वत लेते रंगे हाथों लोकायुक्त ने किया गिरफ्तार

कृषि अभियांत्रिकी सहायक यंत्री को 10 हजार की रिश्वत लेते रंगे हाथों लोकायुक्त ने किया गिरफ्तार

सिवनी। गोंडवाना समय।
मध्य प्रदेश में किसानों के साथ लूटपाट सरकारी अमला के द्वारा किस तरह किया जा रहा है । इसका अनेकों प्रमाण राजस्व विभाग के अनेकों प्रकरण रिश्वत लेते हुये आते ही रहते है वहीं कृषि विभाग से संबंधित विभाग भी इस कारनामे में पीछे नहीं है । सरकार किसी की भी हो जीरों टालरेंस का गुणगान सब गाते है लेकिन भ्रष्टाचार और रिश्वत लेने का सिलसिला कोई नहीं रोक पा रहा है चाहे वह सत्ता आप बदलों व्यवस्था हम बदलेंगे वालों की सरकार 15 वर्ष रही हो या फिर अब वक्त है बदलाव वालों की सरकार हो दोनों सरकार के कार्यकाल में सरकारी कार्यालयों में भ्रष्टाचार की लत और रिश्वत की भूख को कोई कम नहीं कर पा रहा है । बहरहाल हम बात कर रहे है सिवनी जिला मुख्यालय में ऐसे किसानों से जुड़े हुये ऐसे विभाग की जहां पर किसान को बड़ी उम्मीद होती है कि कम से कम यहां पर हम रिश्वत से बच जायेंगे लेकिन उन्हें यहां भी रिश्वत के भूखों के आगे नतमस्तक होना ही पड़ता है लेकिन जब वहीं किसान ऐसे रिश्वत खोर अधिकारी हो या कर्मचारी को सबक सिखाने की ठान लेता है तो रंगे हाथों रिश्वत लेते हुये पकड़वाने की हिम्मत भी दिखाता है ।

हार्वेस्टर अनुदान के 8.64 लाख के बदले किसान से मांगे थे 50 हजार

सिवनी जिला मुख्यालय में कृषि उपकरण की सब्सिडी राशि दिलाने के बदले किसान से 50 हजार रूपये की रिश्वत मांग रहे सहायक यंत्री को लोकायुक्त जबलपुर ने पहली किश्त में 10 हजार रूपये रिश्वत लेते 29 मई बुधवार को देर शाम गिरफ्तार किया है। नागपुर रोड स्थित कृषि अभियांत्रिकी आॅफिस के सामने कुछ दूरी पर स्थित कालोनी स्थित घर से लोकायुक्त टीम ने सहायक यंत्री पीके पाशर को घूस लेते हुए रंगे हाथ पकड़ा है।
डीएसपी दिलीप झरवड़े ने बताया कि चंदौरीकलां गांव निवासी विनय डहेरिया के कृषि फार्म की देखरेख कर रहे फरियादी संतोष सनोड़िया ने कृषि अभियांत्रिकी विभाग से हार्वेस्टर मशीन स्वीकृत कराई थी। हार्वेस्टर की सब्सिडी राशि स्वीकृत करने सहायक यंत्री पी के पाशर को किसान के दस्तावेजों का सत्यापन करना था। दस्तावेजों का सत्यापन करने के बदले में सहायक यंत्री पी के पाशर ने किसान से 50 हजार रूपये की मांग की थी। इस मामले की शिकायत 27 मई 2019 को लोकायुक्त जबलपुर से की गई थी। बातचीत के बाद पहली किश्त में 10 हजार रूपये लेने सहायक यंत्री तैयार हो गया। इसके प्रमाण जुटाकर 29 मई 2019 को बुधवार की शाम को लोकायुक्त की टीम ने पूरी तैयारी के साथ किसान संतोष सनोड़िया को सहायक यंत्री पी के पाशर के पास पाउण्डर लगे नोट लेकर भेजा, जिसे सहायक यंत्री ने अपने पास रख लिए। पीछे से लोकायुक्त की टीम ने सहायक यंत्री को रिश्वत के रूपयों के साथ धरदबोचा। डीएसपी झरवड़े ने बताया कि सहायक यंत्री पी के पाशर के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धाराओं के तहत प्रकरण दर्ज कर मामले को लोकायुक्त ने जांच में ले लिया गया है। रंगे हाथों रिश्वत लेते हुये पकड़ने की यह कार्रवाई टी आई कमल उइके, एएसआई नरेश बेहरा, राकेश, दिनेश दुबे, पंकज तिवारी इत्यादि के सहयोग से की गई।

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