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छिंदवाड़ा में एग्रीकल्चर कॉलेज का सत्र जुलाई 2019 से होगा प्रारंभ

छिंदवाड़ा में एग्रीकल्चर कॉलेज का सत्र जुलाई 2019 से होगा प्रारंभ

जिले में हार्टीकल्चर और एग्रीकल्चर कॉलेजों की स्थापना के लिये प्रशासकीय प्रक्रिया का कार्य तेजी से जारी है वहीं प्रशासनिक जिम्मेदारियों के लिये सह संचालक डॉ.पराडकर को प्रभारी डीन बनाया गया है। एग्रीकल्चर कॉलेज का सत्र जुलाई 2019 से प्रारंभ होगा जिसके पहले बैच में 75 विद्यार्थियों को प्रवेश दिया जायेगा । 

छिन्दवाड़ा। गोंडवाना समय। 
प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ द्वारा जिले में हार्टीकल्चर और एग्रीकल्चर कॉलेज की मंजूरी देने के साथ इन कॉलेजो के लिये भूमि आवंटित करा दी गई है । कलेक्टर डॉ. श्रीनिवास शर्मा के मार्गदर्शन में दोनो कॉलेजों की स्थापना के लिये प्रशासकीय प्रक्रिया तेजी से पूर्ण की जा रही है। एग्रीकल्चर कॉलेज का सत्र जुलाई 2019 से प्रारंभ होगा जिसके पहले बैच में 75 विद्यार्थियों को प्रवेश दिया जायेगा । दोनो कॉलेज जवाहरलाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय के अंतर्गत कार्य करेंगे । विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ.पी.के.बिसेन द्वारा महाविद्यालय की वर्तमान प्रशासनिक जिम्मेदारियों का निवर्हन करने के लिये आंचलिक कृषि अनुसंधान केंद्र चंदनगांव के सह संचालक डॉ.विजय पराडकर को प्रभारी डीन बनाया गया है । उल्लेखनीय है कि प्रमुख वैज्ञानिक डॉ.पराडकर विगत 30 वर्षों से प्रदेश के कृषकों को उत्पादन बढ़ाने के लिये विभिन्न खरीफ और रबी की फसलों के बारे में शस्य वैज्ञानिक के रूप में निरंतर मार्गदर्शन दे रहे है । आंचलिक कृषि अनुसंधान केंद्र चंदनगांव के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ.ए.के.राय ने बताया कि हार्टीकल्चर और एग्रीकल्चर कॉलेज की जमीन के सीमांकन की प्रक्रिया गत 4 दिनों से जारी है । जमीन हस्तांतरण और अन्य प्रक्रिया में आंचलिक कृषि अनुसंधान केंद्र के वैज्ञानिकों डॉ.डी.एन.नांदेकर, डॉ.अशोक राय, डॉ.गौरव महाजन और श्री आर.के.शर्मा के साथ ही राजस्व एवं लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों का निरंतर सहयोग प्राप्त हो रहा है ।

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