जाति प्रमाण पत्र के लिये 1950 का लिखित रिकार्ड प्रस्तुत करने के लिये विवश न किया जाये
अजा-अजजा, विमुक्त,घुमक्कड़,अर्ध-घुमक्कड़ जनजाति जाति प्रमाण-पत्र प्रक्रिया का सरलीकरण
समस्त संभागायुक्त,जिला कलेक्टर,अनुविभागीय अधिकारी को निर्देश जारी
राज्य शासन ने अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, विमुक्त, घुमक्कड़ और अर्ध-घुमक्कड़ जनजाति के व्यक्तियों को जाति प्रमाण-पत्र जारी करने की प्रक्रिया का सरलीकरण किया है। सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा समस्त संभागायुक्त, जिला कलेक्टर और अनुविभागीय अधिकारियों को निदेर्शों का कड़ाई से पालन सुनिश्चित करने के लिये कहा गया है। अधिकारियों से कहा गया है कि जिस आवेदक के पास वर्ष 1950 (अन्य पिछड़े वर्गों के लिये 1984) अथवा उससे पहले से मध्यप्रदेश का निवासी होने संबंधी लिखित रिकार्ड नहीं है, उसे लिखित रिकार्ड प्रस्तुत करने के लिये विवश न किया जाये। राजस्व अधिकारी स्वयं मौके पर जाकर अथवा शिविर में जाँच कर आवेदन-पत्र में उल्लेखित जानकारी की पुष्टि करें। इसके लिये आवेदक/ संबंधित सरपंच/ पार्षद/ग्राम, मोहल्ले के संभ्रांत व्यक्तियों से पूछताछ कर उनके बयान दर्ज करें। स्वयं की संतुष्टि के बाद स्थाई जाति प्रमाण-पत्र जारी करने की अनुशंसा करें।