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रमसा से मोहब्बत करना नहीं छोड़ रहे मुकेश पाण्डेय और मंत्री को कर रहे बदनाम व कलेक्टर के आदेश को दिखा रहे ठेंगा

रमसा से मोहब्बत करना नहीं छोड़ रहे मुकेश पाण्डेय और मंत्री को कर रहे बदनाम व कलेक्टर के आदेश को दिखा रहे ठेंगा

शुक्रवार से आ गया बुधवार लेकिन नहीं छूट रही रमसा की मोहमाया

मण्डला। गोंडवाना समय। 
भारतीय जनता पार्टी की सरकार में रमसा से हुई मोहब्बत व विभाग की मोहमाया में अपने आप को इतना मजबूत एपीसी मुकेश पाण्डेय ने बना लिया है। अब वे रमसा की मोहब्बत को किसी कीमत पर छोड़ने को तैयार नहीं है।
यहां तक कि इसके लिये वे आदिम जाति कल्याण मंत्री ओमकार सिंह मरकाम को उनकी राजनीतिक व प्रशासनिक पहुंच दिखाने में तो पहले भी कोई कसर नहीं छोड़ा था लेकिन अब उन्हें बदनाम करने से भी नहीं चूक रहे है।
हम आपको बता दे कि शिक्षा विभाग के अंतर्गत राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान अर्थात रमसा जो जनजाति बाहुल्य जिला मंडला में भी संचालित है और लाखों का बजट सरकार द्वारा प्रदान किया जाता है उसी रमसा में श्री मुकेश कुमार पांडेय जो कि गणित विषय के उच्च माध्यमिक शिक्षक, पूर्व पदनाम वरिष्ठ अध्यापक, शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय हिरदेनगर में पदस्थ हुआ करते थे और बताया जाता है कि इनके विरुद्ध विभागीय जांच भी संस्थित थी तो इन्होंने इस बात को छिपाकर रमसा में एपीसी के पद पर प्रतिनियुक्ति पाते हुये रमसा की मोहब्बत पाने में सफल गये थे।

कलेक्टर ने कहा था सभी स्थानांतरित शासकीय सेवक शुक्रवार 26 जुलाई तक करे ले कार्यभार ग्रहण 

हम आपको बता दे कि मण्डला के कलेक्टर डॉ. जगदीश चन्द्र जटिया ने स्थनांतरित शासकीय सेवकों के संबंध में स्पष्ट निर्देश 24 जुलाई 2019 बुधवार को ही जारी करते हुये कहा था कि जिन विभागों के शासकीय सेवकों का स्थानांतरण किया गया है। ऐसे शासकीय सेवक शुक्रवार यानि 26 जुलाई तक अपना कार्यभार ग्रहण कर लें। उन्होंने विभाग प्रमुखों को भी निर्देशित किया था कि ऐसे विभाग जिनके कर्मचारियों का तबादला किया गया है वे 25 जुलाई को पूर्वान्ह में अपने स्थानांतरित कर्मचारियों को भारमुक्त कर दें। कलेक्टर ने स्थानांतरित कर्मचारियों को भारमुक्त होकर शुक्रवार तक अनिवार्य रूप से अपना पदभार ग्रहण कर लेने के निर्देश दिये थे लेकिन मण्डला जिले में रमसा की मोहमाया कहें या मोहब्बत उस कुर्सी को मुकेश पाण्डेय नहीं छोड़ पा रहे है अर्थात मुकेश पाण्डेय मण्डला के कलेक्टर द्वारा दिये गये आदेशों दिशा निर्देशों की धज्जियां उड़ाते हुये ठेंगा दिखा रहे है। अब इसके पीछे कौन सी राजनीतिक, प्रशासनिक ताकत मुकेश पाण्डेय का हौंसला बढ़ा रही है यह तो वे ही जानते है लेकिन कलेक्टर के आदेशों का पालन नहीं किये जाने को लेकर अधिकारियों व कर्मचारियों के बीच में चर्चा का विषय बना हुआ है।

भाजपा के राज में मिला था रूतबा

भाजपा के शासनकाल से रमसा में बीते लगभग सात वर्षों से अफसरी कर रहे श्री मुकेश पाण्डेय की राजनैतिक व प्रशासनिक पहुंच के आगे अच्छे-अच्छे घुटने टेकने लगे थे। यहां तक कि विभाग के अधिकारी व कर्मचारी तो उनसे प्रताड़ित थे ही और वे उनके सामने प्राचार्य, प्रभारी खिलाफ में या विरोध में आवाज उठाने में सहमते-डरते थे। भाजपा शासनकाल में उन्हें बड़े बड़े नेताओं का वरदहस्त प्राप्त था। वक्त है बदलाव के साथ सत्ता परिवर्तन होने के बाद भी वह उनकी राजनैतिक व प्रशासनिक पहुंच कम होने का नाम नहीं ले रही थी।

7 वर्षों में बजट में भी खूब जमाया धाक

रमसा की मोहमाया में एपीसी के पद पर रहते हुए श्री मुकेश पांडेय ने विभाग में आने वाले बजट में भी खूब धाक जमाया है। सूत्र बताते है कि भाजपा के शासनकाल और बीते लगभग 7 वर्षों के कार्यकाल में उन्होंने आय से अधिक संपत्ति भी अर्जित किया है तो वहीं वहीं अपने रिश्तेदारों को भी उपकृत किया। यदि 7 वर्षों के कार्यकाल की निष्पक्षता से जांच हो जाये तो पता चल सकता है ।
वहीं अब जबकि श्री मुकेश पाण्डेय की प्रतिनियुक्ति वापिस ले ली गई है तो वह कार्यमुक्त होने को तैयार नहीं है। यहां तक जिला शिक्षा अधिकारी को भी गुमराह कर रहे है। वहीं कलेक्टर द्वारा रिलीविंग के संबंध में जारी किये गये दिशा निर्देशों को भी नहीं मान रहे है ।  

सोशल मीडिया में भी दिखा रहे रौब

हम आपको बता दे कि श्री मुकेश पाण्डेय रमसा में अभी भी विभाग के अधिनस्थ कर्मचारियों पर अपना रूतबा दिखा रहे है तो सोशल मीडिया में अर्थात रमसा के व्हाट्स एप ग्रुप के एकमात्र एडमिन बनकर लोगों को ग्रुप से हटाकर अपना रौब दिखा रहे है। जबकि श्री मुकेश पाण्डेय के द्वारा प्रभार न सौपे जाने के कारण शासकीय कार्य पिछड़ रहा हैं।

नहीं मिल रहा अनिल मरकाम को प्रभार

रमसा के कार्य प्रभावित न हो कि इस दृष्टि से अनिल मरकाम को रमसा का प्रमुख बनाये जाने का आदेश शासन ने दिया है लेकिन अनिल मरकाम जो कि अनुसूचित जनजाति वर्ग से आते हैं तो इनकी नियुक्ति को लेकर कुछ लोगों में भारी असंतोष व्याप्त है । वहीं कई बार विभाग द्वारा ऐसा भी निर्णय लिया गया है कि विषम परिस्थितियों में वांछित पद से एक पद कम वाले को भी दायित्व सौपा गया ताकि शासकीय कार्य प्रभावित न हो पाये। जबकि मण्डला जनजाति बाहुल्य जिला है और जैसे अनिल मरकाम को रमसा प्रमुख बनाने की खबर मण्डला पहुंची तो एपीसी श्री मुकेश पाण्डेय अनिल मरकाम को मंत्री ओमकार मरकाम का रिश्तेदार है इसलिये नियम विरूद्ध नियुक्ति करवा दिया है। इसका प्रचार प्रसार मंत्री ओमकार मरकाम को बदनाम करवाने के लिये श्री मुकेश पाण्डेय के द्वारा किया जा रहा है।

रमसा की मोहमाया ने बच्चों से छीन लिया गणित का ज्ञान 

वैसे भी मंडला जिला में प्राचार्य व व्याख्याताओं सहित उच्च माध्यमिक शिक्षकों के अनेकों पद खाली पड़े हैं। गणित जैसे संकाय बन्द हो गए है। सुदूर ग्रामीण इलाकों में गणित जैसे विषयों के अतिथि शिक्षक भी नहीं मिल रहे है। वहीं हम आपको बता दे कि रमसा की मोहब्बत और मोहमाया में फंसने के बाद से ही हिरदेनगर में भी वर्ष 2012 से गणित संकाय बन्द पड़ा है। वहां के बच्चों को गणित ज्ञान नहीं मिल पा रहा है क्योंकि श्री मुकेश कुमार पांडेय जो कि गणित विषय के उच्च माध्यमिक शिक्षक, पूर्व पदनाम वरिष्ठ अध्यापक, शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय हिरदेनगर में पदस्थ हुआ करते थे जब से वे रमसा की कुर्सी में बैठे है तो गणित का ज्ञान पाने बच्चे मरहूम हो गये है।

क्या जिला शिक्षा अधिकारी लेंगी संज्ञान

अब जबकि स्थानांतरित जिला शिक्षा अधिकारी श्रीमती निर्मला पटले ने मंडला जिला शिक्षा अधिकारी का कार्यभार ग्रहण कर लिया है तो उन्हें श्री अशोक कुमार झारिया को भी उनकी मूल संस्था मॉडल हायर सेकेंडरी स्कूल बिछिया में शीघ्र वापिस किया जाना चाहिये वहीं श्री मुकेश कुमार पांडेय को भी मूल संस्था में वापिस किया जाकर पुन: शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय हिरदेनगर में गणित संकाय प्रारंभ करवाया जाना चाहिये।

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