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प्रयास से ही होते हैं नवाचार, राज्यपाल की पुस्तक प्रयास और प्रतिबिम्ब लोकार्पित

प्रयास से ही होते हैं नवाचार, राज्यपाल की पुस्तक प्रयास और प्रतिबिम्ब लोकार्पित

भोपाल। गोंडवाना समय।
राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल ने कहा है कि प्रयास करने पर ही नवाचारों को प्रतिबिम्ब मिलता है। ऐसे ही प्रयासों और उनके परिणामों के  प्रतिबिम्ब को उन्होंने लोकार्पित पुस्तकों में संजोने का प्रयास किया है। उन्होंने बताया कि 16 जुलाई को प्रदेश की शिक्षण संस्थाओं में 5 हजार पीपल के पौधों का रोपण किया जाएगा। महात्मा गांधी जन्म शताब्दी वर्ष के अन्तर्गत अक्टूबर माह में प्रदेश की उच्चतर माध्यमिक कक्षाओं में पढ़ने वाले एक लाख बच्चे महात्मा गांधी की आत्मकथा का पाठन करेंगे। श्रीमती पटेल ने आज राजभवन में स्व-लिखित पुस्तक 'प्रयास'' और 'प्रतिबिम्ब'' के लोकार्पण कार्यक्रम में यह बात कही।

उल्लेखनीय और उत्कृष्ट कार्यों का आधार बन जाता है

राज्यपाल श्रीमती पटेल ने कहा कि जिम्मेदारियों के निर्वहन के साथ मानवीय पहलुओं का ध्यान करना उल्लेखनीय और उत्कृष्ट कार्यों का आधार बन जाता है। टी.बी. रोग मुक्त मध्यप्रदेश बनाने के संकल्प को पूरा करने के विचार के दौरान ही क्षय रोगी बच्चों के उपचार में मदद का नवाचार हुआ। इस पहल से 7 हजार बच्चों को उपचार में मदद मिली। इनमें से आधे से अधिक लोग टी.बी. से मुक्त हो गये हैं। उन्होंने वनांचल कर्मियों के बच्चों की शिक्षा-दीक्षा, पुनर्वास, पचमढ़ी में जनजाति परिवारों की बेटियों को राजभवन से पोषण आहार प्रदाय और उनकी रचनात्मक गतिविधियों में सहयोग के प्रयासों का उल्लेख किया। उन्होंने बताया कि सामाजिक कुरीतियों और बुराईयों को समाप्त करने के लिए जागरूक होना जरूरी है। राज्यपाल ने जागरूकता के प्रयासों का उल्लेख करते हुए बच्चों और महिलाओं को पुलिस थाने की कार्य-प्रणाली और व्यवस्थाओं से परिचित कराने की पहल की जानकारी दी।

स्वस्थ समाज के निर्माण के लिए बेटियों का स्वस्थ होना जरूरी

श्रीमती पटेल ने कहा कि स्वस्थ समाज के निर्माण के लिए बेटियों का स्वस्थ होना जरूरी है। इससे बच्चों में जन्म से कुपोषण की समस्या का समाधान होगा। उन्होंने बताया कि बेटियों के स्वास्थ्य के लिए प्रदेश में हीमोग्लोबिन टेस्ट का अभियान चलाया गया है। इसमें करीब डेढ़ लाख छात्राओं का रक्त परीक्षण हुआ, जिसमें करीब 15 प्रतिशत छात्राओं में खून की कमी मिली थी। इनके स्वास्थ्य की देख-भाल भविष्य की माताओं के स्वास्थ्य की देख-भाल है। उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ राजभवन के आर्थिक सहयोग से गरीब 50 गर्भवती महिलाओं को पोषण आहार और गभार्दान संस्कार का सफल प्रयोग किया है। जबलपुर मेडिकल यूनिवर्सिटी द्वारा प्रयोग को बढ़ाने की पहल की गई है। उन्होंने पढे़ भोपाल, राजभवन के दरवाजे आमजन के लिए खोलने और शासकीय विद्यालयों को सर्वसुविधा सम्पन्न बनाने, जरूरतमंद विद्यालयों और बच्चों के लिए पुस्तक संग्रहण प्रयासों में सहयोगी संस्थाओं और व्यक्तियों का आभार ज्ञापित किया।

राज्यपाल के ट्रस्ट भ्रमण की स्मृतियों का स्मरण किया

आयुक्त लोकशिक्षण श्रीमती जयश्री कियावत ने राज्यपाल द्वारा शासकीय विद्यालयों के उन्नयन और रचनात्मक गतिविधियों में दिये जा रहे सहयोग की जानकारी दी। आस्था ग्राम ट्रस्ट की मेजर डॉ. अनुराधा ने राज्यपाल के ट्रस्ट भ्रमण की स्मृतियों का स्मरण किया। पचमढ़ी केन्टोमेंट बोर्ड के कर्नल श्री विजय तोमर ने बताया कि 12 हजार आबादी के पचमढ़ी के 2 हजार नागरिकों से एक साथ योग करवा कर राज्यपाल ने पचमढ़ी की जनता को सदभाव के नये सूत्र में पिरो दिया है।

पुस्तक पढ़ने की पहल से विद्यालयों को एक नई दिशा मिली

दिल्ली पब्लिक स्कूल की प्राचार्य श्रीमती वंदना घूपड़ ने कहा कि राज्यपाल का निस्वार्थ प्रेम और कार्य के प्रति समर्पण ने शिक्षक जगत को प्रेरित किया है। पुस्तक पढ़ने की पहल से विद्यालयों को एक नई दिशा मिली है। विद्यालयों में प्राकृतिक वातावरण में बच्चों को पुस्तक पढ़ने और उस पर चर्चा करने का पीरियड लगने लगा है। डॉ. मनोज वर्मा ने बताया कि राज्यपाल ने क्षय रोग उन्मूलन प्रयासों को नई गति और प्रेरणा दी है। जबलपुर मेडिकल यूनिवर्सिटी के डॉ. चन्द्रेश शुक्ला ने बताया कि श्रीमती पटेल दूरदर्शी प्रशासक है। सचिव श्री मनोहर दुबे ने आभार प्रदर्शन किया। प्रमुख सचिव संस्कृति श्री पंकज राग, मुख्य वन संरक्षक श्री एस.पी. तिवारी, सेवानिवृत्त सचिव श्री डी.डी. अग्रवाल सहित विश्वविद्यालय के कुलपति, गणमान्य नागरिक एवं स्वयंसेवी संस्था के प्रतिनिधि उपस्थित थे।

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