Type Here to Get Search Results !

आदिवासी संस्कृति की रक्षा के लिए भाषा और बोली को संरक्षित करना आवश्यक-मीना मसराम

आदिवासी संस्कृति की रक्षा के लिए भाषा और बोली को संरक्षित करना आवश्यक-मीना मसराम 

जल, जंगल और जमीन के संरक्षण में आदिवासियों की महत्वपूर्ण भूमिका-पूर्णिमा शुक्ला 

स्टेडियम ग्राऊँड में हुआ विश्व आदिवासी दिवस का भव्य आयोजन 

मण्डला। गोंडवाना समय।
महात्मा गांधी स्टेडियम ग्राऊँड में विश्व आदिवासी मूल निवासी दिवस का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में आदिवासी संस्कृति पर आधारित विभिन्न प्रस्तुतियाँ दी गई तथा विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्य करने वाले व्यक्तियों का सम्मान किया गया।
इस अवसर पर सांसद राज्यसभा संपतिया उईके, विधायक मंडला देवसिंह सैयाम, विधायक निवास डॉ. अशोक मर्सकोले, कलेक्टर डॉ. जगदीश चन्द्र जटिया, जिलापंचायत अध्यक्ष सरस्वती मरावी, नगर पालिका अध्यक्ष पूर्णिमा शुक्ला, जिला पंचायत उपाध्यक्ष शैलेष मिश्रा, अपर कलेक्टर मीना मसराम सहित अन्य जनप्रतिनिधि, अधिकारी कर्मचारी और बड़ी संख्या में जनसामान्य उपस्थित रहे।
इस अवसर पर कलेक्टर डॉ. जगदीश चन्द्र जटिया ने कहा कि दूरस्थ अंचलों तक बेहतर सुविधाऐं उपलब्ध कराने के लिए सरकार संकल्पित है, इसी क्रम में हाट बाजार वाले ग्रामों में एटीएम मशीन लगाई जायेगी। उन्होंने 9 अगस्त के ऐतिहासिक महत्व पर भी प्रकाश डाला।

इस तरह के आयोजन आदिवासी संस्कृति के संरक्षण और संवर्धन में मील के पत्थर साबित होंगे 

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए जिला पंचायत अध्यक्ष सरस्वती मरावी ने कहा कि आदिवासी दिवस के रूप में इस तरह के आयोजन आदिवासी संस्कृति के संरक्षण और संवर्धन में मील के पत्थर साबित होंगे। नगर पालिका अध्यक्ष पूर्णिमा शुक्ला ने कहा कि जल, जंगल और जमीन के संरक्षण में आदिवासियों की महत्वपूर्ण भूमिका है। जिला पंचायत उपाध्यक्ष शैलेष मिश्रा ने कहा कि शासन की योजनाओं के माध्यम से अंतिम छोर के व्यक्ति को मुख्य धारा से जोड़ने की आवश्यकता है। समग्र विकास के लिए समाज को शिक्षित करना आवश्यक है। उन्होंने आव्हान किया कि बच्चों को शिक्षा के बेहतर अवसर उपलब्ध करायें जिससे वे समाज और देश का नाम रोशन कर सकें। इस अवसर पर अपर कलेक्टर मीना मसराम ने कहा कि आदिवासी संस्कृति की रक्षा के लिए भाषा और बोली को संरक्षित करना आवश्यक है। उन्होंने कुरीतियों को दूर करते हुए परस्पर सहयोग करने का आव्हान किया।

आदिवासी संस्कृति, परंपराओं तथा धरोहरों को संरक्षित करना आवश्यक-अशोक मर्सकोले

कार्यक्रम में विभिन्न नृतक दलों द्वारा आदिवासी संस्कृति पर आधारित नृत्य प्रस्तुत किये गये। कार्यक्रम में विभिन्न क्षेत्र में सराहनीय योगदान करने वाले व्यक्तियों तथा प्रतियोगी परीक्षाओं में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने
वाली प्रतिभाओं का सम्मान किया गया। इससे पूर्व कार्यक्रम के प्रारंभ में तेजलाल धुर्वे द्वारा कार्यक्रम का प्रतिवेदन प्रस्तुत किया गया। कार्यक्रम का संचालन जनपद पंचायत नारायणगंज के उपाध्यक्ष भूपेन्द्र
बरकड़े द्वारा किया गया। संस्कृति, परंपराओं तथा धरोहरों को संरक्षित करना आवश्यक इस अवसर पर विधायक डॉ. अशोक मर्सकोले ने कहा कि गौरवशाली इतिहास को अक्षुण्य रखने के लिए आदिवासी संस्कृति, परंपराओं तथा धरोहरों को संरक्षित करना आवश्यक है। शासन और प्रशासन मिलकर इस दिशा में कार्य करेंगे। आदिवासी दिवस को सकारात्मक पर्व के रूप में मनाते हुए सामाजिक तथा शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वालों को सम्मानित कर एक परंपरा बनाने की कोशिश की गई है जिसके भविष्य में बेहतर परिणाम सामने आयेंगे। उन्होंने क्षेत्र एवं समाज के विकास के लिए शासन की योजनाओं को समझकर उनका लाभ उठाने का आव्हान किया।

Post a Comment

0 Comments
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.