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धार जिले में खनन माफिया सोनभ्रद जैसी घटना को अंजाम देने पर आमादा

धार जिले में खनन माफिया सोनभ्रद जैसी घटना को अंजाम देने पर आमादा 

जमीन से बेदखल करने का रच रहे षडयंत्र
आदिवासियों की जमीन बचाने जयस ने संभाला मोर्चा 

धार। गोंडवाना समय। 
आदिवासी बाहुल्य जिला धार की सरदारपुर तहसील के निपावली ग्राम पंचायत के ग्राम किलोली में खनन माफियाओं की दबंगई सर चढ़ कर बोल रही है इनके आगे शासन प्रशासन नतमस्तक है या जानबूझकर खनन माफियाओं का साथ देकर संरक्षक बना हुआ है। खनन माफियाओं के द्वारा अपना व्यापार-व्यावसाय करते हुये धन दौलत कमाकर पूंजीपति बनने के लिये शासन प्रशासन के सहयोग से खदान डालने हेतु जहां या उस जमीन पर बीते लगभग 15-20 वर्षो से काबिज आदिवासियों की बोई हुई खड़ी फसल पर जेसीबी चलाकर नष्ट कर दिया गया है। जबकि खड़ी फसल पर जेसीबी चलाना अपने आप में अपराध की श्रेणी में आता है जिस पर मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री के रिश्तेदार पर माननीय न्यायालय ने प्रकरण दर्ज करने का निर्देश दिया था लेकिन स्थानीय शासन प्रशासन खनन माफियाओं पर किसी भी तरह से कार्यवाही न करते हुये संरक्षक की भूमिका निभा रहा है।

जांचकर्ता नहीं सौंप रहे वास्तविक रिपोर्ट

खड़ी फसल में जेसीबी चलाने के बाद ही ग्रामवासियो द्वारा इसका विरोध दर्ज करवाया गया था परन्तु शासन प्रशासन एवं खनन माफियाओं की मिली भगत से ग्रामीण गरीबो की कहीं कोई सुनवाई नहीं हो पा रही थी तब राष्ट्रीय जयस संरक्षक एवं मनावर विधायक डॉ हीरा अलावा के हस्तक्षेप से कलेक्टर द्वारा जांच करने के आदेश देकर पूर्व में खदान निर्माण का कार्य तो रुकवा दिया गया था।
इसके बाद भी खनन माफियाओं का पक्ष लेने के लिये जिम्मेदारों के द्वारा वास्तविक रिपोर्ट से कलेक्टर को अवगत न कराते हुए झूठी मनगढ़ंत व आदिवासियों के विरोध में रिपोर्ट पेश करने का प्रयास किया जा रहा है। जिससे वहां पर काबिज आदिवासियों की भूमि छीनने का खतरा मंडरा रहा है।

आदिवासियों की धार्मिक आस्था पर कर रहे आघात

आये दिन उत्खनन का कार्य करते हुये व्यापार व्यवसाय करने वाले खनन माफियाओं द्वारा धन दौलत कमाने के लिये दबंगई के साथ आदिवासी परिवारों को परेशान कर उन्हें जमीन से बेदखल करने की पुरजोर कोशिश की जा रही है। उन्हें मानसिक रूप से धमकाने का प्रयास किया जा रहा है और प्रचार-प्रसार करते हुये जबरन उन्हें जमीन से बेदखल करने की बात फैलाई जा रही है । जिससे आदिवासियों में डर व भय का माहौल व्याप्त है। वहीं क्षेत्रिय आदिवासियों को डर है कि कहीं उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जिले जैसी कोई घटना धार जिले में खनन माफिया भी अंजाम ने दे क्योंकि इस मामले में स्थानीय शासन-प्रशासन की प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष भूमिका दबंगो का साथ देने की प्रतीत हो रही है। अभी हाल में ही दबंगो द्वारा जहां आदिवासियों की शासकीय जमीन है वहां पर स्थित आदिवासियों के कुल देवता स्थापित थे उन्हें उठा कर पानी मे फेक दिया है। जिससे आदिवासी समुदाय को धार्मिक रूप से ठेस पहुचाई जा रही है। जिसका जयस ने पुरजोर तरीके से विरोध करते हुये ऐसे कृत्यों की निदां किया है ।

कार्यवाही को लेकर राजोद थाना में सौंपा ज्ञापन 

अगर शासन प्रशासन किलोली ग्राम के पीड़ित आदिवासियों के मामले में निष्पक्ष जांच कर उन्हें वापस काबिज सरकारी जमीन नहीं दिलाता है एवं उनकी धार्मिक आस्था के साथ छेड़छाड़ करने वाले दबंगो के विरुद्ध कार्यवाही नहीं करता है इसके साथ ही खदान की स्वीकृति निरस्त नहीं करता है तो समस्त आदिवासी समुदाय जयस के नेतृत्व में चरणबद्ध आंदोलन करेंगे। जिसकी सम्पूर्ण जवाबदारी शासन प्रशासन की रहेगी। आदिवासियों की धार्मिक भावना के साथ छेड़छाड़ करने पर स्थानीय नागरिकों के द्वारा राजोद थाना में ज्ञापन भी सौंपा गया है।

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