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गोंडवाना राष्ट्र के नवनिर्माण के लिए सतत प्रयत्नशील रहने की है जरूरत

गोंडवाना राष्ट्र के नवनिर्माण के लिए सतत प्रयत्नशील रहने की है जरूरत 

गढ़चिरोली में आयोजित रीजनल संवाद में जीएसयू ने दिया समाजिक संदेश 

कमलेश गोंड संवाददाता 
गढ़चिरोली। गोंडवाना समय। 
महाराष्ट्र के गढ़चिरोली में आयोजित दो दिवसीय रीजनल संवाद के लिए गोंडवाना स्टूडेंट्स यूनियन ने अपनी उपस्थिती दर्ज कराई। इस आयोजन की परिचर्चा में अपनी बात रखने के लिये मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, तेलांगना, झारखंड सहित पांच राज्यों के अलग-अलग संगठन से लोग पहुँचे हुये थे। जहाँ गोंडवाना स्टूडेंट्स यूनियन इंडिया के पदाधिकारियों ने भी अपनी सहभागिता निभाई। जीएसयू इंडिया के तरफ से सामाजिक पक्ष में बात रखते हुये राहुल परधान ने गोंडी संस्कृति के नेंग-सेंग, तीज -ितहार और भाषा के सन्दर्भ में संवाद किया । इसी क्रम में कौशिकी उइके ने शिक्षा के स्तर एवं गोटुल व्यवस्था में वक्तव्य दिया तो वहीं ओमप्रकाश उईके ने जल, जंगल, जमीन, विस्थापन और पलायन के संबंध में संदेश दिया । आगे नरेश उइके ने नशा मुक्ति पर संवाद किया। इसी क्रम में कोयान द विजन के संचालक रावेन शाह उइके ने संवेधानिक पक्ष में बात रखते हुये कहा हमें अपने संवैधानिक आदर्शों एवं मूल्यों के अनुरूप आचरण करना चाहिए। हमें आपसी प्रेम, भाईचारे और सद्भाव से गोंडवाना आंदोलन को मजबूत बनाना हैं तथा उन्नत गोंडवाना राष्ट्र के नवनिर्माण के लिए सतत प्रयत्नशील रहने की जरूरत है। इस दो दिवसीय संवाद में छत्तीसगढ़ से सरपंच रितु पन्द्राम, अरविंद शाह धुर्वे सिवनी, वीरेन्द्र उइके डायरेक्टर समीर हेंडीक्राफ्ट एंड इंटरप्राइसेज गोंदिया, विजय मसराम तेलांगना सहित प्रत्येक प्रदेश से कार्यकर्ता उपस्थित रहे।

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