गोंडवाना स्टूडेंट यूनियन की तरफ बढ़ते खूनी पंजे और षणयंत्र
और पूरे गोंडवाना स्टूडेंट यूनियन के आंदोलन को न कर दे बर्बाद
गोंडवाना स्टूडेंट यूनियन(जीएसयू) भारत के कई प्रांतों में अपनी पकड़ बनाने में कामयाब हो रहा है और बहुत ही बेहतरीन ढंग से अपने संगठनात्मक ढांचे को खड़ा कर रहा है। जीएसयू के युवा-युवतियों में एक गजब का उत्साह, एक गजब की जिंदादिली और एक गजब का प्रोत्साहन देखने को मिल रहा है। जहां देखिए वही गोंडवाना स्टूडेंट यूनियन की पताका लहरा रही है। कुछ युवा अपनी पूरी ताकत, पूरा ज्ञान, पूरा अनुभव और पूरे संसाधन इस आंदोलन में झोंक चुके हैं। ऐसे युवाओं को देखकर बड़ी खुशी होती है और साथ ही साथ डर भी सताने लगा है।
इस संगठन की कमजोरी यह है कि इसका कोई भी राजनैतिक सरपरस्त नहीं है
इस संगठन में इतनी अपार ऊर्जा है कि जैसे कोई एटम बम और यही इसकी सबसे बड़ी ताकत है और दुर्भाग्य से जो किसी की सबसे बड़ी ताकत होती है, वही उसकी सबसे बड़ी कमजोरी भी होती है। इस संगठन की कमजोरी यह है कि इसका कोई भी राजनैतिक सरपरस्त नहीं है। जैसा कि अन्य संगठनों जैसे एबीवीपी, एनएसयूआई, आइसा इत्यादि के हैं। इसका मतलब ये हुआ की यह एटम बम किसी नियंत्रित प्रयोगशाला सुरक्षित स्थान में नहीं हैं और जिस पर दुश्मनों की पूरी पैनी नजर है। इसी कमजोरी का फायदा उठा कर बहुत सारे राजनैतिक दल अपने-अपने मोहरे इस संगठन में घुसा रहे हैं और इस संगठन को बर्बाद करने के षणयंत्र में लगे हैं।कुछ पार्टियों के दलाल छात्र नेता भी घुसपैठ बना रहे हैं
खुशी इस बात की है कि बड़े दिनों के बाद कोइतूर भारत बनाने के लिए युवा जोश, उमंग, जज्बा और लक्ष्य इत्यादि लेकर मैदान में उतरे हैं और नित नए आयाम स्थापित कर रहे हैं। कई जिलों के कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में उनके संगठन को सफलता भी मिल रही है। यही सफलता उनके गले की हड्डी भी बन रही है और डर इसलिए लग रहा है कि इन्ही भोले भाले कोइतूर युवाओं में कुछ पार्टियों के दलाल छात्र नेता भी घुसपैठ बना रहे हैं और जो भविष्य में अपने व्यक्तिगत लाभ के लिए संगठन को नुकसान पहुँचाकर बिक जाएंगे।कहीं ये दो चार लोभी छात्र पूरे आंदोलन को चौपट न कर दें
कुछ युवा यह तय नहीं कर पा रहे हैं कि वो लोग किसके प्रति उत्तरदायी हैं? और यह उत्तरदायित्व का ना होना ही बहुत बड़ा डर पैदा कर रहा है। पिछले कुछ दिनों से देखने में आ रहा है कि जीएसयू के युवा विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं के संपर्क में मोलतोल करते हुए पाये गए हैं। हालांकि ऐसे दो चार ही हैं लेकिन फिर भी यह पूरे संगठन के लिए खतरनाक हो सकते है। वर्षों से प्यासा कोइतूर समाज और खासकर युवा वर्ग जो जीएसयू से एक बड़े परिवर्तन की आस लगाए बैठा है, जो जीएसयू से बड़ी-बड़ी उम्मीदें पाल रखी हैं, कहीं ये दो चार लोभी छात्र पूरे आंदोलन को चौपट न कर दें और पूरे गोंडवाना स्टूडेंट यूनियन के आंदोलन बर्बाद न कर दें।भाजपा, कांग्रेस, गोंगपा, अभागोपा, जयस के इर्द-गिर्द घूमते आ रहे नजर
अभी पिछले कुछ दिनों से सोशल मीडिया में एक ही संगठन (जीएसयू) के विभिन्न छात्र अन्य संगठनों के प्रतिनिधियों के साथ अपनी नजदीकियाँ दिखा रहे हैं और उनकी विचारधारा से प्रभावित होते होते हुए देखे जा रहे हैं। आप लोग खुद देख रहे होंगे कि कुछ छात्र भाजपा के नेताओं के साथ, कुछ छात्र कांग्रेस के नेताओं के साथ, कुछ गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के नेताओं के साथ, कुछ अखिल भारतीय गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के साथ, कुछ छात्र जयस के साथ और कुछ छात्र अन्य संगठनों के इर्द गिर्द घूमते नजर आ रहे हैं। किसी भी संगठन के सदस्यों का इस तरह विभिन्न विचारधारा के प्रति मोह ठीक नहीं और यही मोह उन्हे अपने संगठन से विद्रोह या धोका करने के लिए प्रेरित करेगा। मेरे डर का कारण भी यही है कि कहीं जीएसयू का सुंदर महल बनाने से पहले ही ठेकेदार ईंट, सीमेंट, सरिया व अन्य समान किसी और को न बेंच दें और लाखों युवाओं और युवतियों के भविष्य के सपनों पर कुठाराघात न हो जाये।युवा युवतियों के भविष्य को भी अधर में न लटका दें
इन जोश से लबालब, युवाओं के हौसले देख के ऐसा लगता है कि वे हर असंभव कार्य कर सकते हैं और यहाँ तक कि वे आसमान से सितारे भी तोड़ सकते हैं लेकिन इनके बीच में छिपे कुछ राजनीतिक लोभी नेता कहीं सारे समाज के साथ-साथ युवा युवतियों के भविष्य को भी अधर में न लटका दें। जैसे बिना मां बाप के बच्चे को कोई भी आसानी से पाल तो लेता है लेकिन ज्यादातर मामलों में पाले गए बच्चे का शोषण ही होता है । ठीक वैसी ही आशंका यहां पर भी पैदा हो रही है। कहीं ये राजनीतिक पार्टियां हमारे भोले भाले युवाओं को अपना गुलाम बनाकर उनके ही कंधों पर बंदूक रखकर समाज को गोली मारने का काम न करवाने लगें।जब गोंडवाना अपने गौरव और सम्मान को पुन: प्राप्त कर सकेगा
लेकिन मुझे गोंडवाना स्टूडेंट यूनियन के छात्र और छात्राओं पर पूरा भरोसा है कि वे लोगों की भावनाओं, समाज की दशा और अपने और अपने साथियों के भविष्य को लेकर जरूर सतर्क रहेंगे और अपने बीच में पनप रहे, उभर रहे, छुपे हुए भेड़ियों को पहचानेंगे और उनपर नजर रखेंगे। जीएसयू को बिना किसी बिचौलिये के आपस में तय करना है कि उनकी मंजिल कहाँ है और उन्हें कहां जाना है ? अगर आज गोंडवाना का कोइतूर युवा यह तय कर ले कि उसे किस दिशा में जाना है तो वह दिन दूर नहीं जब गोंडवाना अपने गौरव और सम्मान को पुन: प्राप्त कर सकेगा और कोइतूर भारत के सपने को साकार कर सकेगा।फिर भी मेरी मंशा किसी को भी दुख पहुंचाना नहीं है
मेरा उद्देश्य अपने इन जोशीले युवाओं औय युवतियों, छत्रों और छात्राओं का मनोबल बनाए रखना है और साथ ही साथ उन्हे संभावित खतरों से आगाह और सावधान भी करना है। हो सकता है कि कुछ लोगों को मेरी ये सलाह और विचार नागवार लगे फिर भी मेरी मंशा किसी को भी दुख पहुंचाना नहीं है। यह अपने समाज के युवाओं के प्रति अपार प्यार और स्नेह ही है जो मुझे ऐसा लिखने के लिए मजबूर कर दिया। यदि किसी को मेरे विचारों से दुख पहुंचे तो अपना शुभचिंतक मानकर माफ कर दीजिएगा।जो देश, प्रदेश और समाज के लिए अच्छा नहीं होगा
यकीन मानिए ऐसे समय में अगर पूरा गोंडवाना स्टूडेंट यूनियन का आंदोलन अगर किसी एक दिशा में ना जाकर विभिन्न दिशाओं में बिखरेगा तो पूरा आंदोलन ही खत्म हो जाएगा और एक ही जगह पर स्थिर हो जाएगा जो देश, प्रदेश और समाज के लिए अच्छा नहीं होगा। आशा करता हूं कि इस समाज के युवा अपनी जिम्मेदारी को समझेंगे और ऐसा कोई कदम नहीं उठाएंगे जिससे उनका अपना आंदोलन कमजोर पड़ जाये और निजी स्वार्थों के कारण टूट जाये।फिर देखना सब कुछ आपकी मुट्ठी में होगा और सारा जहां आपके कदमों में होगा!
हां एक बात और कहना चाहूंगा किहो सकता है कि आपको व्यक्तिगत छोटा-मोटा लाभ हो जाये लेकिन आपके समाज को बहुत बड़ी हानि उठानी पड़ेगी। यकीन मानिए आज तक किसी को भी अकेले चलकर कभी भी बड़ा लाभ नहीं हुआ है बल्कि अकेले चलने पर बिकने के आसार बढ़ जाते हैं जैसा कि आप विगत दिनों में देख और सुन चुके हैं। इसलिए हे मेरे युवाओं! हे मेरे देश के भविष्य! हे मेरे समाज के खेवनहारों! कृपया अपनी छोटी मोटी आकांक्षाओं को अभी कुछ दिनों तक नियंत्रित रखो और पूरे जोश के साथ सब लोग एक होकर गोंडवाना स्टूडेंट यूनियन को एक नई ऊंचाइयों तक ले जाओ और फिर देखना सब कुछ आपकी मुट्ठी में होगा और सारा जहां आपके कदमों में होगा, आप सभी को बहुत बहुत हार्दिक सेवा-सेवा, सेवा जोहार।
विशेष संपादकीय
क्रान्ति के , राहों मे जो चल पङते हैं ।
ReplyDeleteउनको रोटी - पानी की चिन्ता नही होनी चाहिये
क्रान्ति की, राहों मे चलते यदि कोई ऐसा सोचे कि, मै B M W मे घूमूं तो , आप स्वयं इसके लिए कुछ भी करें ।
आन्दोलनरत्त जन - समूह क्रान्ति के अन्दर बेईमानी करने की सहुलियत प्रदान नही करती ।
आपने बहुत सच्चाई और वास्तविकता के साथ अपनी बात रखी है और यही सारे गोंडवाना आंदोलन की सारे
ReplyDeleteदेश में गजबुहाट है इसलीये आप लेखणी द्वारा आंदोलन को सही दिशा निर्देश देते रहें.🙏"जयसेवा"
सजग और सावधान रहने की आवशकता है
ReplyDeleteGsu वालों को.."जय सेवा"जय जोहार"
सभी अपनी जिम्मेदारियों को समझेंगे और किसी पार्टी के बहकावे मे न आकर निरंतर आगे बढते रहेंगे ऐसा मुझे विश्वास और आशा है।
ReplyDeleteमैने अक्सर बर्बाद होते देखा है जहाँ पर लोभ होता है । इसलिये ये जरूरी है कि हम किसी व्यक्ति विशेष के झांसे मे न आकर समाज हित मे और अपने अधिकारो को सुरक्षित रखने प्रयासरत रहेंगे ।
जय सेवा जय जोहार जय गोंडवाना