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बलिदान दिवस कार्यक्रम के दौरान संवैधानिक अधिकारों व समाज उत्थान का दिया संदेश

बलिदान दिवस कार्यक्रम के दौरान संवैधानिक अधिकारों व समाज उत्थान का दिया संदेश  

सीरूखापा में मनाया गया राजा शंकरशाह व कुंवर रघुनाथ शाह बलिदान दिवस कार्यक्रम
कोयतोड़ गोंडवाना महासभा ब्लॉक शाखा घंसौर जिला सिवनी, अखिल गोंडवाना कोया पुनेम भूमका संघ एवं राष्ट्रीय आदिवासी एकता परिषद सिवनी के तत्वधान में ग्राम शेरूखापा विकासखंड घंसौर में गोंडवाना साम्राज्य के महाराजा शंकर शाह एवं राजा रघुनाथ शाह का 162 वां बलिदान दिवस 18 सितंबर 2019 को मनाया गया। जिसमें हजारों की संख्या में गोंडवाना सगा समाज एवं क्षेत्रीय अन्य समाजों के लोगों ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि राष्ट्रीय आदिवासी एकता परिषद के सदस्य, कोयतोड़ गोंडवाना महासभा के जिला ब्लाक एवं ग्राम पेनठाना तथा अखिल गोंडवाना कोया पुनेम भूमका संघ के पदाधिकारी गण उपस्थित रहे। कार्यक्रम में वक्ता गणों द्वारा महापुरुषों के इतिहास राजा शंकर शाह एवं कुंवर रघुनाथ शाह के बलिदान पर प्रेरणाकारी संदेश दिया गया । इसके साथ ही वक्तव्यों के माध्यम से गोंडी, धर्म, 
संस्कृति, भाषा एवं गोंडवाना आदिवासी सगा समाज के उनके कर्तव्य तथा हक अधिकारों और समाज के उत्थान के बारे में जानकारी दी गई । 

सिवनी/घंसौर। गोंडवाना समय। 
गतवर्ष अनुसार कोयतोड़ गोंडवाना महासभा, राष्ट्रीय आदिवासी एकता परिषद एवं अखिल गोंडवाना कोया पुनेम भुमका संघ के संयुक्त तत्वाधान में गोंडवाना साम्राज्य के महाराजा शंकर शाह एवं कुँवर रघुनाथ शाह जी का 162 वां बलिदान दिवस जिला स्तरीय कार्यक्रम आयोजन ग्राम-सीरुखापा, पोस्ट-खमरिया बाजार तहसील घंसौर जिला सिवनी में किया गया।
बलिदान दिवस कार्यक्रम में सर्वप्रथम अतिथियों का 5 ज्योति कलश के साथ भव्य जुलूस व रैली निकालकर आगवानी लिया गयाा।
इसके बाद महाराजा शंकर शाह एवं कुंवर रघुनाथ शाह जी का हल्दी चावल से तिलक वंदन कर माल्यार्पण कर भुमकाओं द्वारा पूजन किया गया।

ये रहे मुख्य अतिथि व आमंत्रित अतिथि तो इन्होंने किया अध्यक्षता

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्रेमकुमार गेडाम (संयोजक-राष्ट्रीय आदिवासी एकता परिषद नई दिल्ली), रविन्द्र माली जी महाराष्ट्र, विशिष्ट अतिथि- मूलचंद धुर्वे संरक्षक कोयतोड़ गोंडवाना महासभा, डी. सी. उईके जिला कोषाध्यक्ष कोयतोड़ गोंडवाना महासभा, उदय सिंह कोरचे जिला महासचिव सिवनी, धरम सिंह भुमका संघ प्रदेश महासचिव, मंगल पन्द्रे जिला उपाध्यक्ष गोंडवाना महासभा एवं जिला कार्यकारणी के अन्य पदाधिकारी व सदस्यण्गण शामिल हुये। वहीं बलिदान दिवस कार्यक्रम में आमंत्रित अतिथि के रूप में नीलम सरुते ब्लाक अध्यक्ष धनौरा, जवाब सिंह उईके जिला संयोजक राष्ट्रीय आदिवासी एकता परिषद सिवनी, सुमंत्रा परते जिला अध्यक्ष महिला प्रभाग महासभा, पुष्पराज भलावी युवा प्रभाग, विमला कुलस्ते ब्लाक अध्यक्ष घंसौर एवं ब्लाक शाखा घंसौर के सभी पेन ठाना समिति कार्यकारिणी उपस्थित रहे।
बलिदान दिवस कार्यक्रम के जिला स्तरीय रूप में मनाये जाने से होने से सभी ब्लाकों से के एससी, एसटी, ओबीसी के अधिकारी कर्मचारियों की उपस्तिथि रही वहीं हजारों की संख्या मेें क्षेत्रिय जनसमुदाय सगाजनों की महत्वपूर्ण मौजूदगी रही। बलिदान दिवस कार्यक्रम की अध्यक्षता शोभाराम मरावी कोयतोड़ गोंडवाना महासभा ब्लाक अध्यक्ष घंसौर ने किया। अंत मे सभी का आभार व्यक्त करते हुए कार्यक्रम अध्यक्ष ने कार्यकम समापन की घोषणा किया।

जब लड़ाई अलग अलग लड़ रहे हैं तो हम जीतेंगे कैसे

बलिदान दिवस के अवसर पर अपने वक्तव्य में मुख्य अतिथि प्रेमकुमार गेडाम जी ने उपस्थित सगाजनों को संदेश देते हुये बताया कि सबसे पहले कुपार लिंगों ने कोया पुनेम की गोंड़ी धर्म की स्थापना की तब टोटम व्यवस्था, गण्ड, गौत्र, गणतंत्र स्थापना किया। वहीं वर्तमान समस्याओं के बारे में भी अवगत कराया और कहा कि इसके लिये अपने समाज को जागरूक करना होगा और संगठित करते हुये जनआंदोलन करना ही हमारी समस्या का समाधान है क्योंकि देश मे संविधान खतरे में है, संविधान जलाया जा रहा है।
बाबा साहब ने सबसे ज्यादा आदिवासियों के लिए अधिकार लिखे ये हमे भूलना नहीं चाहिए। आज आदिवाशियो को नक्सलवाद के नाम पर मारा जा रहा, विस्थापित किया जा रहा, जमीन से बेदखल किया जा रहा है। सबसे मुख्य बात संविधान में आदिवासियों को मालिकाना हक दिया गया है। जिसे 5 वी और 6 वी अनुसूची का अधिकार कहते है जिसमें आदिवासियों का शासन, प्रशासन, नियंत्रण का अधिकार दिया गया है लेकिन सरकार ने आज तक 5 वी 6 वी अनुसूची को पूर्ण रूप से लागू किया नहीं किया गया वहीं अन्य वक्ताओं ने कहा कि सिर्फ गोंड़ की समस्या नहीं, भील की नही, मुंडा की नहीं, संथाल की नही, भिलाला की नहीं सभी अनुसूचित जनजातियों की समस्या एक तो हम अलग अलग क्यों लड़ रहे हैं। जब लड़ाई अलग अलग लड़ रहे हैं तो हम जीतेंगे कैसे।

1100/1100 रुपये की राशि से किया सम्मानित 

बलिदान दिवस के अवसर पर प्रेरणादायक सांस्कृतिक कार्यक्रम भी हुये है । वहीं रीना नृत्य कार्यक्रम बिनेकी, सैला नृत्य बन्देली खापा केवलारी, सैला नृत्य मढ़देवरी धनोरा, रिकॉर्डिंग डांस पिपरिया भसोड़ा, सैला नृत्य भिलाई पुलहेरा, रिकॉर्डिंग डांस काछी बुधवारा, रीना नृत्य देवरी कला द्वारा प्रस्तुति दी गई। सभी सांस्कृतिक कार्यक्रम समूहों को कोयतोड़ गोडवाना महासभा ब्लाक शाखा घंसौर की ओर से 1100/1100 रुपये की राशि सभी को दिया गया।

ऐतिहासिक बलिदान के साथ गोंडवाना संस्कृति की दिखी झलक

समाज में एकता, समाज के विकास एवं वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए समाज की रक्षा, सुरक्षा एवं संरक्षण पर जोर देने हेतु वक्ताओं द्वारा अपने विचाररूपी संदेश सगाजनों को संदेश के रूप में प्रदान किये गये । बलिदान दिवस कार्यक्रम में महाराजा शंकर शाह जी व कुंवर रघुनाथ शाह जी को अंग्रेजों के द्वारा तोफ के मुंहाने मेें बांधकर गोला बारूद्ध से उड़ाये जाने की याद और ऐतिहासिक शहादत से देश भक्ति का जज्बा बच्चों व युवाओं को प्रेरणा लेने के लिये गाड़ी में तोफ का रूप देकर राजा शंकर शाह व कुंवर रघुनाथ के रूप में सगाजन दिखाई दिये इसी तरह बलिदान दिवस की यह भी विशेषता रही कि बलिदान दिवस कार्यक्रम में गोंडवाना संस्कृति की झलक स्पष्ट दिखाई दी। जिसमें विभिन्न प्रकार के गोंडी नृत्य, सेला नृत्य, रीना नृत्य एवं छोटी-छोटी बालिकाओं द्वारा नृत्य पेश कर गोंडवाना सगा समाज में जागरूकता का संदेश दिया गया ।

शांतिपूर्ण संपन्न हुआ कार्यक्रम की सभी ने किया सराहना

इस प्रकार बलिदान दिवस गोंडवाना सगा समाज द्वारा मनाया गया । जिला संगठन की ओर से बलिदान दिवस कार्यक्रम की सराहना करते हुए ग्राम इकाई से लेकर ब्लॉक इकाई तक के समस्त पदाधिकारी गणों को उनके तन, मन, धन एवं बड़ी मेहनत से कार्यक्रम को शांतिपूर्वक ढंग से आयोजन संपन्न कराने पर प्रशंसा की गई और इसी प्रकार आगामी सामाजिक कार्यक्रमों को शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न कराने हेतु समस्त ब्लॉक इकाइयों से अपील की गई।

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