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हुनर हाट से लाखों शिल्पकारों, कारीगरों, पारंपरिक रसोइयों को मिलेगा रोजगार

हुनर हाट से लाखों शिल्पकारों, कारीगरों, पारंपरिक रसोइयों को मिलेगा रोजगार 

2019 और 2020 में आयोजित होने वाले हुनर हाटों की थीम होगी एक भारत श्रेष्ठ भारत

नई दिल्ली। गोंडवाना समय।
केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री श्री मुख्तार अब्बास नकवी ने नई दिल्ली में कहा कि सरकार अगले पांच वर्षों के दौरान हुनर हाट के जरिए लाखों शिल्पकारों, कारीगरों और पारंपरिक रसोइयों को रोजगार के अवसर उपलब्ध कराएगी। केंद्रीय मंत्री श्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि अगला हुनर हाट 1 से 10 नवम्?बर, 2019 तक प्रयागराज (यू.पी.) के नॉर्थ सैंट्रल जोन कल्चरल सेंटर में आयोजित किया जायेगा। इस हाट में देश के सभी हिस्सों से 300 शिल्पकार और रसोइए भाग लेंगे। 2019 और 2020 में आयोजित होने वाले हुनर हाटों की थीम होगी एक भारत श्रेष्ठ भारत।

2.5 लाख शिल्पकारों, कारीगरों और पाक कल विशेषज्ञों को रोजगार मिला

केंद्रीय मंत्री श्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा हुनर हाट शिल्पकारों को रोजगार के अवसर उपलब्ध कराता है। पिछले तीन वर्षों के दौरान 2.5 लाख शिल्पकारों, कारीगरों और पाक कल विशेषज्ञों को रोजगार मिला है। श्री मुख्तार अब्बास नकवी ने आगे कहा कि अल्पसंख्यक मंत्रालय पांच वर्षों के दौरान पूरे देश में 100 हुनर हाटों का आयोजन करेगा। हुनर हाट दिल्ली, गुरूग्राम, मुंबई, चेन्नई, कोलकाता, बेंगलुरू, लखनऊ, अहमदाबाद, देहरादून, पटना, इंदौर, भोपाल, नागपुर, रायपुर, हैदराबाद, पुडुचेरी, चंडीगढ़, अमृतसर, जम्मू, शिमला, गोवा, कोच्चि, गुवाहाटी, रांची, भुवनेश्वर, अजमेर और अन्य स्थानों पर आयोजित किए जाएंगे। हुनर हाट मेक इन इंडिया, स्टैंडअप इंडिया, स्टार्टअप इंडिया आदि कार्यक्रमों के लिए प्रधानमंत्री की प्रतिबद्धता को पूरा करने में सहायता प्रदान करेगा।

हुनर हाट में स्वदेशी हस्तनिर्मित उत्पाद किये जायेंगे प्रदर्शित 

श्री नकवी ने कहा कि प्रयागराज में आयोजित होने वाले हुनर हाट में स्वदेशी हस्तनिर्मित उत्पाद जैसे असम के बांस व जूट उत्पाद, वाराणसी सिल्क, लखनऊ की चिकनकारी, सिरेमिक, कांच के बने सामान व चर्म उत्पाद, उत्तर प्रदेश के पारंपरिक हस्तशिल्प, उत्तर पूर्वी क्षेत्र के पारंपरिक हस्तशिल्प, गुजरात से बंधेज, मिट्टी का काम व तांबा उत्पाद, आंध्र प्रदेश से कलमकारी और मंगलागिरी, राजस्थान से संगमरमर की कलाकृतियां और हस्तशिल्प, बिहार से मधुबनी पेंटिंग, हिमाचल प्रदेश और कर्नाटक से लकड़ी का काम, मध्य प्रदेश से ब्लॉक प्रिंट, पुदुचेरी से आभूषण और मोती, तमिलनाडु से चंदन के उत्पाद, पश्चिम बंगाल से हाथ की कढ़ाई वाले उत्पाद, कश्मीर-लद्दाख की दुर्लभ आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियां आदि प्रदर्शित किए जाएंगे। वहीं आगंतुक देश के हर कोने के पारंपरिक व्यंजनों का भी आनंद लेंगे। इसके अलावा, पारंपरिक सांस्कृतिक कार्यक्रम, कव्वाली, सूफी संगीत, कविता पाठ आदि प्रसिद्ध कलाकारों द्वारा प्रस्तुत किए जाएंगे।

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