संघर्ष, कुबार्नी और त्याग के प्रतीक थे आदिवासी नायक बिरसा मुंडा-कमल नाथ
मुख्यमंत्री कमल नाथ ने बिरसा मुंडा जयंती कार्यक्रम में दिया संबोधन
भोपाल। गोंडवाना समय।
मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ ने कहा है कि आदिवासी नायक और स्वतंत्रता संग्राम सेनानी स्वर्गीय श्री बिरसा मुंडा संघर्ष, कुबार्नी और त्याग के प्रतीक थे। वे कम उम्र में ही अपने सद्कर्मों से भारतीय इतिहास में स्वर्णाक्षरों में अंकित हो गए।
मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ ने बिरसा मुंडा जयंती पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुये कहा कि स्वतंत्रता संग्राम सेनानी बिरसा मुंडा ने कम उम्र में ही अपने समाज के उत्थान और वंचितों को न्याय दिलाने के लिए संघर्ष की राह को चुना था। उन्होने गुलामी के दौर में अंग्रेजों द्वारा आदिवासियों पर अत्याचार के खिलाफ आवाज उठाई। देश को आजाद कराने के लिये अंग्रेजों के खिलाफ हुए आंदोलन में बिरसा मुण्डा के योगदान को भुलाया नहीं जा सकता।बिरसा मुण्डा के विचार को युवाओं को समझने और आत्मसात करने की आवश्यकता
मुख्यमंत्री ने कहा कि आदिवासी नायक बिरसा मुण्डा ने अपने विचार और संघर्ष से आदिवासी समाज को नई दिशा और दृष्टि प्रदान की। मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ ने कहा कि समाज और देश के लिए जो विचार बिरसा मुंडा के हैं, उन्हे आज युवाओं को समझने और आत्मसात करने की आवश्यकता है। प्रारंभ में मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ ने स्वतंत्रता संग्राम सेनानी बिरसा मुंडा के चित्र पर माल्यार्पण कर पुष्पांजलि अर्पित की। इस मौके पर पूर्व मंत्री श्री चंद्रप्रभाष शेखर, पूर्व विधायक श्री भूपेन्द्र जैन एवं श्री रामनिवास रावत तथा श्री राजीव सिंह उपस्थित थे।