आॅस्ट्रेलिया में मध्य प्रदेश की जनजातियों के बच्चों में मौजूद कुपोषण की स्थिति को पूरी दुनिया के सामने रखेंगे डॉ सूर्या बाली
एम्स भोपाल के डॉ सूर्या बाली को आॅस्ट्रेलिया में व्याख्यान देने के लिए मिला विशेष आमंत्रण
भोपाल। गोंडवाना समय।
डॉ सूर्या बाली एम्स भोपाल में प्रोफेसर के पद पर कार्यरत है वे 10 से 16 दिसम्बर तक आॅस्ट्रेलिया के दौरे पर जा रहे हैं। यहां यह उल्लेखनीय है कि डॉ सूर्या बाली को उनके शोध कार्य को अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन में रखने के लिए आमंत्रित किया गया है। इस अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन में डॉ सूर्या बाली मध्य प्रदेश की जनजातियों के बच्चों में मौजूद कुपोषण की स्थिति को पूरी दुनिया के सामने रखेंगे और और कुपोषण को दूर करने के लिए जनजातियों के बच्चों में विशेष उपायों के बारे में चर्चा करेंगे।
अंतर्राष्ट्रीय कोया पुनेमी चिंतन कार के रूप में बेहद लोकप्रिय और है प्रसिद्ध
हम आपको बता दें कि डॉ सूर्या बाली जाने माने अंतर्राष्ट्रीय स्तर के पब्लिक हेल्थ विशेषज्ञ है, जो संप्रति एम्स भोपाल के कम्यूनिटी एवं फैमिली मेडिसिन विभाग में बतौर एडिशनल प्रोफेसर कार्यरत हैं। डॉ सूर्या बाली अपने शोध कार्यों के साथ सांस्कृतिक और सामाजिक विषयों पर भी शोध करते हैं और जनजातीय प्रदेशों में एक अंतर्राष्ट्रीय कोया पुनेमी चिंतन कार के रूप में बेहद लोकप्रिय और प्रसिद्ध हैं। डॉ सूर्या बाली के द्वारा जनजातियों की सांस्कृतिक धरोहरों को खोजकर उसमें नई नई जानकारी सामने ला रहे है और इसके लिये वे जनजातियों के धरोहर स्थल पर स्वयं पहुंचकर बहुत ही बारिकी से खोज कर अध्ययन कर रहे है। इसके साथ ही वे जनजातियों की सांस्कृतिक धरोहर के साथ जनजातियों की पुरातन, परंपरा, रीति-रिवाज, धर्म-भाषा को लेकर भी खोजकर उसे कलमबद्ध करने कर इतिहास लिखने के साथ साथ जनजातियों की वर्तमान व आने वाली पीढ़ियों के लिये संजोने का काम कर रहे है।
अमेरिका के प्रसिद्ध विश्वविद्यालय की हालिस की डिग्रियां
हम आपको बता दे कि डॉ सूर्या बाली का जन्म उत्तर प्रदेश के जौनपुर जिले में एक गोंड कोइतूर परिवार में हुआ और वहीं पर उनकी प्रारम्भिक शिक्षा दीक्षा सम्पन्न हुई। आपने मोती लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस और एमडी की शिक्षा प्राप्त की इसके बाद स्कूल आॅफ पब्लिक हैल्थ, पी जी आई, चंडीगढ़ से पब्लिक हैल्थ में सीनियर रेसिडेंसी किया। आपने अमेरिका के प्रसिद्ध विश्वविद्यालय यूनिवर्सिटी आॅफ फ्लॉरिडा से एमएचए और एमबीए की डिग्रियाँ हासिल किया है।
हैल्थ के क्षेत्र का प्रतिष्ठित पुरस्कारों से हुये सम्मानित
हम आपको बता दे कि डॉ सूर्या बाली मध्य प्रदेश में सुदूर जनजातीय इलाकों में स्वास्थ्य सुविधाएं पहुंचाने के लिए टेलीमेडिसिन की शुरूवात की, इसलिए इन्हे मध्य प्रदेश में टेलीमेडिसिन का जनक कहा जाता है। आपने सैकड़ों शोध पत्र देश विदेश की जानी मानी पत्र पत्रिकाओं और जर्नलों में प्रकाशित हो चुके हैं। आपके शोध कार्यों के लिए आपको पब्लिक हैल्थ के क्षेत्र का प्रतिष्ठित पुरस्कार कालू राम मेमोरियल अवार्ड मिल चुका है। आपको भारत के उपराष्ट्रपति के हाथों से अमेजिंग इंडियन अवार्ड भी मिला है। जनजातियों के स्वास्थ्य के लिए बेहतरीन कार्य के लिए आपको हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल के हाथो से ऋतु सिंह मेमोरियल अवार्ड मिला है। अमेरिका की प्रतिष्ठित मारक्विस संस्था से हू इस हू इन द वर्ल्ड और हू इस हू इन साइंस एंड टेक्नोलोजी अवार्ड मिल चुके हैं। इसके अतिरिक्त आपको दर्जनों अन्य सम्मान और प्रशस्ति पत्र से सम्मानित किया गया है।
30 से अधिक देशों में प्रस्तुत कर चुके अपना शोध
आपका जीवन बेहद कठिन रहा है और बड़ी परिश्रम और संघर्ष के बाद इस मुकाम तक पहुंचे हैं। भारत की कई भाषाओं में आपकी जीवन संघर्ष की कहांनिया प्रकाशित हो चुकी है। टाइम्स नाऊ टीवी चैनल पर आपकी जिंदगी पर आधारित शॉर्ट फिल्म दिखाई जा चुकी है। आॅस्ट्रेलिया के क्वीन्सलैंड प्रांत के ब्रिस्बेन शहर में हो रही अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन एड्वान्सेज इन न्यूट्रिशनल साइंस, हेल्थ केयर एंड एजिंग में डॉ सूर्या बाली को एक विशेष वक्ता के रूप में बुलाया गया है, जहां पर आप पोषण संबन्धित समस्याओं पर व्याख्यान देंगे। इस सम्मेलन में डॉ सूर्या बाली मध्य प्रदेश की जनजातियों में कुपोषण की स्थिति पर भी बात रखेंगे और दुनिया का ध्यान जनजातियों की कुपोषण की तरफ आकर्षित करेंगे। इससे पहले भी डॉ सूर्या बाली अमेरिका, इंग्लैंड, कनाडा, मेक्सिको, इटली जैसे 30 से अधिक देशों की यात्रा कर चुके हैं और अपना शोध अंतराष्ट्रीय स्तर पर प्रस्तुत कर चुके हैं।
Very nice & necessary.
ReplyDeleteVery Nice Sir Ji
ReplyDeleteसेवा सेवा सेवा-सेवा जोहार,