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अनुसूचित ब्लॉक घंसौर में कर्जदार आदिवासियों ने जेबर वापस दिलाने पुलिस थाना में किया शिकायत

अनुसूचित ब्लॉक घंसौर में कर्जदार आदिवासियों ने जेबर वापस दिलाने पुलिस थाना में किया शिकायत

मुख्यमंत्री की घोषणाअनुसार जेबर वापस दिलवाये जाने दिया आवेदन 

घंसौर। गोंडवाना समय। 
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ के द्वारा विश्व आदिवासी दिवस 9 अगस्त 2019 को अनुसूचित ब्लॉक में आदिवासी के जेबर व जमीन गिरवी को वापस दिलाने की घोषणा छिंदवाड़ा में किया था। मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ की घोषणा के बाद अपने परिवार की महिलाओं के जेबर गिरवी रखने वाले पीड़ित व कर्जदार आदिवासियों ने मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ के प्रति प्रसन्नता भी जाहिर किया था कि मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ ने कर्जदार आदिवासियों के हित में बहुत ही अच्छा फैसला लिया है लेकिन मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ के द्वारा घोषणा किये जाने के 6 माह बीते जाने के बाद भी किसी भी आदिवासियों को जेबर व जमीन अनुसूचित क्षेत्र में वापस नहीं मिल पाने वे अब घोषणा पूरी कराने के लिये पुलिस थाना व अन्य कार्यालयों में शिकायत दे रहे है। इसी तरह का एक मामला घंसौर पुलिस थाना में भी आया है जहां पर पीड़ित आदिवासी सुखलाल कुड़ोपा और राजाराम मरावी ने अनुसूचित ब्लॉक घंसौर में गिरवी रखे जेबर वापस दिलाने जाने के लिये आवेदन दिया है। 

अनुसूचित ब्लॉक घंसौर के ये है पीड़ित व कर्जदार आदिवासी 

अनुसूचित ब्लॉक घंसौर पुलिस थाना अंतर्गत पीड़ित आदिवासी सुखलाल कुड़ोपा ग्राम दलकापाडीवाड़ा और राजाराम मरावी पिता अच्छे लाल मरावी निवासी नयेगांव, बखतलाल कुर्राम पिता धरमसिंह कुर्राम निवासी साल्हेपानी ने मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ से गिरवी रखे हुये जेबर वापस दिलवाये जाने की मांग करते हुये जेबर गिरवी रखने वाले सुशील कुमार जैन महावीर ज्वेलर्स, भरत अग्रवाल, मुकेश जैन अनुसूचित ब्लॉक घंसौर में जेबर गिरवी रखने वालों से जेबर वापस दिलाने के लिये घंसौर पुलिस थाना में शिकायत दिया है। 

अनुसूचित ब्लॉक घंसौर में इनके यहां पर रखें है पीड़ित आदिवासी के जेबर गिरवी

सुशील कुमार जैन महावीर ज्वेलर्स एवं भरत अग्रवाल, मुकेश जैन के यहां पर 10 अक्टूबर 2014 को छन्नी एक जोड़ी 7000 रूपये में, वहीं 3 जनवरी 2014 को छन्नी एक जोड़ी 1500 रूपये में, इसी तरह 2 दिसंबर 2014 को बाकड़ा एक जोड़ी 3000 रूपये में, वहीं 15 मई 2015 को बाकड़ा 3500 रूपये में जेबर गिरवी रखा था एवं भरत अग्रवाल के पास कड्डोरा 15,000 रू पये में गिरवी रखा था। वहीं मुकेश जैन के पास कड्डोरा 10,000 रूपये में गिरवी रखा हुआ है। जिसके कुल 40,000 रू. में जेवर गिरवी रखे हुये है, वहीं जब जेवर गिरवी को मुख्यमंत्री से घोषणानुसार वापस दिलाये की मांग किया है।

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