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अस्पताल में हुआ था हथकड़ी से जकड़े दो आरोपियों का मुलायजा,एक बैंक लूट का तो दूसरा कौन

अस्पताल में हुआ था हथकड़ी से जकड़े दो आरोपियों का मुलायजा,एक बैंक लूट  का तो दूसरा कौन

चोरी में शामिल नहीं दूसरा आरोपी तो फिर किस मामले में आरोपी था हथकड़ी से जकड़ा दूसरा व्यक्ति

सिवनी। गोंडवाना समय। 
अरी थाना अंतर्गत सैंन्ट्रल बैंक आॅफ इंडिया शाखा में लूट के प्रयास पर दो आरोपियों को पकड़े जाने की चर्चा है लेकिन अरी पुलिस और वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा चोरी के मामले में एक ही आरोपी बताया जा रहा है। जबकि सूत्रों की मानें तो सिवनी जिले की अरी थाने की पुलिस टीम द्वारा एक सप्ताह पूर्व होली पर्व के कुछ दिन पूर्व दो व्यक्तियों को हथकड़ी में जकड़कर जिला अस्पताल में मुलायजा कराने ले जाया गया था। जिसमें 14 मार्च को अरी पुलिस द्वारा किए गए सैंन्ट्रल बैंक आॅफ इंडिया शाखा अरी में लूट के प्रयास के  खुलासे में मुलायजा कराए गए दो आरोपी में एक व्यक्ति अरी पुलिस द्वारा जारी की गई तस्वीर में शामिल है। वहीं हथकड़ी से बंधे हुए दूसरे व्यक्ति को लेकर पुलिस खुलासा करने की बजाय क्यों छुपा रही है यह सवाल खड़ा हो रहा है।

एएसआई, मुंशी सहित पांच पुलिस कर्मचारियों का दल ले गया था मुलायजा कराने-

सूत्र बताते हैं कि अरी थाने के एएसआई,मुंशी सहित तीन आरक्षकों की टीम ने होली पर्व के कुछ दिन पूर्व दो व्यक्तियों को हथकड़ी में जकड़कर ले जाया गया था। जिला अस्पताल के सीसी टीवी कैमरे और मुलायजा करने वाले डॉक्टर व स्वास्थ्य अमला भी बता सकते हैं। सूत्र बताते हैं कि पुलिस चौकी में मीडियाकर्मी द्वारा हथकड़ी से जकड़े आरोपियों के संबंध में पूछताछ के दौरान पुलिस कर्मियों ने चुप्पी साधी हुई थी। हालांकि उन्होंने यह बात जरूर कही थी कि चोरी के मामले में आरोपियों को रिमांड पर लिया गया है और जल्द ही खुलासा होगा जिसकी जानकारी वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा दी जाएगी। इसके बावजूद दो में से एक आरोपी कौन है अरी थानेदार जितेन्द्र गढ़ेवाल उसका खुलासा नहीं कर रहे हैं।

पुलिस बताए कि हथकड़ी से जकड़ा दूसरा व्यक्ति कौन-

जिला अस्पताल में मुलायजा कराने एक हथकड़ी से जकड़े हुए दो आरोपियों में यदि एक आरोपी ही बैंक की चोरी के प्रयास में शामिल है तो फिर दूसरा व्यक्ति कौन है इसका खुलासा करे। यदि बैंक की चोरी के मामले में नहीं है तो फिर किस अपराध में शामिल है उसका भी खुलासा किया जाना चाहिए। सूत्र बताते हैं कि यदि पुलिस द्वारा आरोपी को हथकड़ी में जकड़ा गया है और उसके साथ एक पांच का बल है तो निश्चितौर पर गंभीर अपराध में शामिल होगा। इस मामले को लेकर जितेन्द्र गढ़ेवाल से बात की गई तो वे सेंट्रल बैंक आॅफ इंडिया शाखा अरी में लूट के प्रयास के मामले में सिर्फ एक ही आरोपी पकड़े जाने की बात कह रहे हैं। वहीं दूसरे आरोपी को लेकर वे कोई जवाब नहीं दे पाए।

चेहरे की सर्जरी कर करते थे चोरी और लूट

पुलिस ने अंतर्राज्यीय चोर गिरोह का खुलासे में चौकाने वाली बात का भी खुलासा किया है। बैंक में चोरी को अंजाम देने वालों में आरोपी के साथियों में अमित निम्बोड़कर, रामेश्वर ग्वारी एवं सागर पिता किशनराव देशमुख उर्फ सुरेश पिता काशीराम उमक शामिल है। आरोपियों का मुख्य सरगना सागर पिता किशनराव देशमुख उर्फ सुरेश पिता काशीराम उमक निवासी अमरावती है। जिसने कई राज्यों में बैंक में चोरी करने की वारदात अपने साथियों के साथ मिलकर किया है। सबसे खास व अहम बात तो यह है कि समय-समय पर गिरोह का मुख्य सरगना अपने चेहरे की प्लास्टिक सर्जरी करवाकर घटनाओं को अंजाम देता था। जिसके चलते पुलिस आसानी से पकड़ नहीं पाती थी।

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