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आपसी मतभेद भूलाकर कोरोना जैसी भयंकर महामारी से जीत सकते है-राजिक अकील

आपसी मतभेद भूलाकर कोरोना जैसी भयंकर महामारी से जीत सकते है-राजिक अकील

सिवनी। गोंडवाना समय। 
कोरोना संकट से पूरा देश थम गया है, कड़ी चुनौती है। इससे निपटने की सभी धर्म, जाति, वर्ग प्रत्येक राजनीतिक दल, पक्ष, विपक्ष आपसी मतभेद भूलाकर कोरोना जैसी भयंकर महामारी से जीत सकते है। आपदा के समय कुछ मीडिया, सोशल मीडिया में इस बीमारी को जाति, धर्म में बाटकर इस लड़ाई को कमजोर करने का प्रयास कर रहे है। कांग्रेस पार्टी ऐसे देश को तोड़ने वाली ताकतों से दूर रहने की सलाह देती है उक्त बाते जारी विज्ञप्ति में कांग्रेस प्रवक्ता राजिक अकील बताया कि कांग्रेस पार्टी के नेता श्री राहुल गांधी ने कोरोना बीमारी के शुरूआती चरण में सतर्क किया था लेकिन उनकी बातों को केंद्र सरकार द्वारा गंभीरता से नहीं लिया गया। यदि उस समय थोड़ी भी सतर्कता सरकार द्वारा कोरोना बीमारी को लेकर बरती जाती तो आज देश मे ऐसे हालात न बनते।

इसलिये उन्होंने कहा था सरकार विपक्ष से मदद ले सकती है       

कांग्रेस पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीमती सोनिया गांधी ने देश को आर्थिक संकट से उबारने और इस बीमारी के लिए चिकित्सा व्यवस्था दुरस्त करने, महत्वपूर्ण सुझाव दिए है। सरकारी विज्ञापनों पर रोक, संसद प्रोजेक्ट स्थागित किया जाए, सरकारी खर्चो पर 30% कटौती की जाए, प्रधानमंत्री केयर्स की राशि राष्ट्रीय सहायता कोष (ल्ल१ा) में ट्रांसफर की जाए। केंद्र की योजनाओं में कटौती ना हो, वर्तमान में देश के जो हालात है। यदि श्रीमती सोनिया जी के सुझाव पर सरकार अमल करती है तो कोरोना से और देश की बिगड़ती अर्थव्यवस्था से जीता जा सकता है, अर्थव्यबस्था में सुधार हो सकता है।  केंद्र की योजनाओं के बंद ना होने से  देश के विकास कार्य अवरुद्ध नही होंगे। रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर डॉक्टर रघु रामराजन बहुत अच्छे से यह बात जानते है की कांग्रेस पार्टी ही ऐसे समय में कोई रास्ता बताकर इस संकट से देश को उबार सकती है, इसलिये उन्होंने कहा था सरकार विपक्ष से मदद ले सकती है। 

गरीब, किसान, मजदूर के लिये रोटी का संकट खड़ा हो गया है           

मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री श्री कमलनाथ ने कोरोना के बढ़ते प्रभाब को देखते हुये विधान सभा 26  मार्च तक स्थागित करने की बात कही पर उनकी बातों पर ध्यान नहीं दिया गया। इस संकट के समय जहां पूरे प्रदेश में गरीब, किसान, मजदूर के लिये रोटी का संकट खड़ा हो गया है। पूर्व मुख्यमंत्री श्री कमलनाथ ने यह अपील मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह से किया है कि गरीब मजदूर, किसानों के खाते में नकद राशि डाली जाए, सफेद राशन कार्ड धारी या जिनके पास राशन कार्ड नहीं उन्हें राशन से अनाज मुफ्त दिया जाए। चिकित्सा सुविधाएं बेहतर की जाए किंतु अभी तक श्री कमलनाथ की बातों पर अमल नहीं किया गया है। सफेद राशन कार्ड धारी शासकीय उचित मूल्यों की दुकान में लॉक डाउन के समय चक्कर लगा रहे है कि उन्हें भी राशन मिले, उचित मूल्य दुकान संचालकों और अधिकारी का एक ही जबाब मिलता है सरकार का आदेश नहीं मिला।

सिवनी में प्रशासन की पहल पर चिन्हित परिवारों को मिल रही सुविधा      

सिवनी नगरपालिका अंतर्गत जिला कलेक्टर द्वारा ऐसे  निर्धन परिवार जिनका गरीबी रेखा का कार्ड नहीं है जिन्हें उचित मूल्य दुकानों से सस्ता अनाज नहीं मिलता, उनकी आर्थिक स्थिति काफी  दयनीय है। उन गरीब परिवारों को  चिन्हित कर सिवनी के दानदाताओ द्वारा दिये गए दान राशि और अनाज में से चावल, आटा, दाल, नमक उपलब्ध कराया जा रहा है। सफेद राशन कार्ड धारी या जिनके पास राशन कार्ड नही है, ऐसे परिवारों को अभी भी शासकीय उचित मूल्य दुकान से मुफ्त या सस्ता अनाज नहीं मिल रही है। श्री शिवराज सिंह चौहान को इस मुश्किल घड़ी में श्री कमलनाथ की बात मानते हुए गरीबो के हित मे निर्णय लेना चाहिये।

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