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कर्फ्यू आदेश में आंशिक संशोधन

कर्फ्यू आदेश में आंशिक संशोधन

चिन्हांकित ग्रामों के अतिरिक्त शेष ग्रामों को शिथिलता प्रदाय

सिवनी। गोंडवाना समय। 
कलेक्टर एवं जिला दंडाधिकारी श्री प्रवीण सिंह द्वारा कोरोना वायरस संक्रमण की रोकथाम हेतु दण्ड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा 144 तहत जारी सम्पूर्ण सिवनी जिले की राजस्व सीमा में कर्फ्यू आदेश में आंशिक संशोधन करते हुए कर्फ्यू अवधि 28 अप्रैल 20 की रात्रि 12 बजे से 30 अप्रैल 20 रात्रि 12 बजे तक बढ़ा दी हैं। उक्त आदेश में नगरीय क्षेत्र सिवनी , बरघाट एवं लखनादौन एवं उल्लेखित ग्रामीण क्षेत्रों को छोड़कर शेष ग्रामीण क्षेत्रों को शतार्नुसार शिथिलता प्रदान की गई है ।

यहां रहेगा पूर्ववत कर्फयू आदेश 

जारी आदेशानुसार नगरीय क्षेत्र-सिवनी, बरघाट एवं लखनादौन के अतिरिक्त कान्हीवाड़ा, बंडोल, गोपालगंज, भोमा, लखनवाड़ा, बखारी ,अरी, गंगेरुआ, धारना, आष्टा, बहराई, केवलारी, पलारी, ऊगली, चन्दनवाड़ा, पांडिया छपारा, छिंदा, छपारा, चमारी, केकड़ा, भीमगढ़, खुसीर्पार, पहाडी , गणेशगंज, सनाई डोंगरी, धूमा, सिहोरा, सिरमंगनी, आदेगांव, करापदोल, सांगईमाल, नागटोरिया, हमीरगढ घंसौर, कहानी, बिनेकी / गोरखपुर, शिकारा, किंदरई , कुरई, खवासा, मोहगांव, सुकतरा, बादलपार, चक्किखमरिया, धोबिसर्रा एवं धनोरा, मझगवां ग्रामीण क्षेत्र में कर्फ्यू आदेश पूर्ववत प्रभावशील रहेगा।

यहां पर कुछ प्रतीष्ठानों को छोड़कर खुली रहेगी ग्रामीण क्षेत्र की दुकाने

उपरोक्त नगरीय एवं ग्रामीण क्षेत्रों के अतिरिक्त जिले के अन्य ग्रामीण क्षेत्रों में सभी दुकानें (मॉल, सिनेमाघर, जिम, होटल, स्वीमिंग पुल, ब्यूटी पार्लर, सैलून, बार/शराब, गुटखा, तम्बाकू की दुकानें, छोडकर) खुले रहेगी। आर्थिक गतिविधियाँ सम्पन्न की जा सकेगी । आदेशानुसार शिथिलता प्राप्त क्षेत्र में कोई भी दुकानदार बिना मास्क लगाए हुए किसी भी व्यक्ति को सामग्री विक्रय नहीं करेगा। क्रेता की सुरक्षा के लिए 2-2 गज की दूरी में गोले बनाकर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए ही दुकान संचालित करेंगे। कोई भी व्यक्ति सावर्जनिक स्थलों पर यहां वहां नहीं थूकेगा। दुकान पर एक समय में दुकानदार, स्टॉफ सहित 5 व्यक्ति से अधिक एकत्र नहीं रहेगें, ग्राहक संख्या अधिक होने पर दुकानदार क्रमश: सामग्री का विक्रय करेगें। यदि कोई व्यक्ति उपर्युक्त आदेश का उल्लंघन करता पाया जाता है, तो उसके विरूद्ध भारतीय दण्ड संहिता के प्रावधानों के तहत अभियोजन की कार्यवाही की जावेगी। ये आदेश तत्काल प्रभाव से प्रभावशील रहेगा एवं इस आदेश का उल्लंघन धारा 188 भारतीय दण्ड विधान अंतर्गत दण्डनीय अपराध की श्रेणी में आवेगा। 

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