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पंचायत की व्यवस्था जितनी मजबूत होगी, उतना ही लोकतंत्र भी मजबूत होगा-प्रधानमंत्री

पंचायत की व्यवस्था जितनी मजबूत होगी, उतना ही लोकतंत्र भी मजबूत होगा-प्रधानमंत्री 

प्रधानमंत्री ने सरपंचों से राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस पर किया बातचीत 

आदिवासी, किसानों ने देश को प्रेरणा देने वाला किया है कार्य

गांवों से जो अपडेट आ रहा है, वो बड़े-बड़े विद्वानों के लिए भी प्रेरणा देने वाला है

हमें बाहर का मुंह नहीं देखना पड़े, अब ये बहुत आवश्यक हो गया है

जम्मू-कश्मीर के मोहम्मद इकबाल बारामुला के ब्लॉक पंचायत नारवाव के चेयरमैन से हुई चर्चा प्रारंभ 

नई दिल्ली। गोंडवाना समय।
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को देश की समस्त ग्राम पंचायतों के सरपंचों से बातचीत के प्रारंभ में सभी को पंचायती राज दिवस की बहुत-बहुत शुभकामनाएं दिया। कोरोना वैश्विक महामारी ने वाकई हम सभी के काम करने के तरीके को बहुत बदल दिया है। पहले हम लोग किसी कार्यक्रम में आमने-सामने मिलते थे, अब वही कार्यक्रम वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से हो रहा है।
         इस वक्त देशभर के लाखों सरपंच और पंचायत सदस्य टेक्नॉलॉजी के माध्यम से जुड़े हुए हैं। इसके लिये उन्होंने सरपंचों का अभिनंदन भी किया। वहीं प्रधानमंत्री ने कहा कि अनेक पंचायतों को अच्छे कार्यों के लिए पुरस्कार भी मिले हैं जिस पर उन्होंने पुरस्कार विजेता सभी पंचायतों को, जनप्रतिनिधियों को भी बधाई भी दिया।

हमें आत्मनिर्भर बनना पड़ेगा

प्रधानमंत्री ने राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस पर बातचीत करते हुये आगे कहा कि पंचायती राज दिवस, गांव तक सुराज पहुंचाने के हमारे संकल्प को दोहराने का भी मौका होता है और कोरोना संकट के इस दौर में इस संकल्प की प्रासंगिकता तो और बढ़ गई है। ये सही है कि कोरोना महामारी ने, हमारे लिए कई मुसीबतें पैदा की हैं लेकिन इससे भी बड़ी बात ये है कि इस महामारी ने हमें एक नई शिक्षा भी दी है, एक नया संदेश भी दिया है।
         
 आज इस कार्यक्रम के माध्यम से मैं देश के प्रत्येक नागरिक, चाहे वो गांव में हो या शहर में, उस तक ये संदेश पहुंचाना चाहता हूं। कोरोना संकट ने अपना सबसे बड़ा संदेश, अपना सबसे बड़ा सबक हमें दिया है कि हमें आत्मनिर्भर बनना पड़ेगा। गांव, अपने स्तर पर, अपनी मूलभूत आवश्यकताओं के लिए आत्मनिर्भर बने, जिला अपने स्तर पर, राज्य अपने स्तर पर, और इसी तरह पूरा देश कैसे आत्मनिर्भर बने, अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए हमें बाहर का मुंह नहीं देखना पड़े, अब ये बहुत आवश्यक हो गया है।
         भारत में ये विचार सदियों से रहा है लेकिन आज बदली हुई परिस्थितियों ने, हमें फिर ये याद दिलाया है कि आत्मनिर्भर बनो। हमारे देश की ग्राम पंचायतों की इसमें बहुत बड़ी भूमिका है। मजबूत पंचायतें, आत्मनिर्भर गांव का भी आधार हैं और इसलिए पंचायत की व्यवस्था जितनी मजबूत होगी, उतना ही लोकतंत्र भी मजबूत होगा और उतना ही विकास का लाभ, आखिरी छोर पर खड़े व्यक्ति तक पहुंचेगा।

अब सवा लाख से ज्यादा पंचायतों तक ब्रॉडबैंड पहुंच चुका है

प्रधानमंत्री ने राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस पर बातचीत करते हुये आगे कहा कि इसी सोच के साथ सरकार ने पंचायती राज से जुड़ी व्यवस्थाओं को, इंफ्रास्ट्रक्चर को, आधुनिक बनाने के लिए निरंतर काम किया है। वरना 5-6 साल पहले एक दौर वो भी था जब देश की सौ से भी कम पंचायतें ब्रॉडबैंड से जुड़ी थीं।
          अब सवा लाख से ज्यादा पंचायतों तक ब्रॉडबैंड पहुंच चुका है। इतना ही नहीं, गांवों में कॉमन सर्विस सेंटरों की संख्या भी तीन लाख को पार कर रही है। सरकार ने भारत में ही मोबाइल बनाने का जो अभियान चलाया हुआ है, उसी का नतीजा है कि आज गांव-गांव तक कम कीमत वाले स्मार्ट फोन पहुंच चुके हैं। ये जो आज इतने बड़े पैमाने पर वीडियो कॉन्फ्रेंस हो रही है, इसमें इन सभी बहुत बड़ा योगदान है।

ग्राम पंचायतों के संपूर्ण डिजिटलीकरण की तरफ एक बड़ा कदम 

प्रधानमंत्री ने राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस पर बातचीत करते हुये आगे कहा कि गांव के इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने के लिए, शहरों और गांवों में दूरी को कम करने के लिए, आज सरकार द्वारा दो बड़े प्रोजेक्ट और शुरू किए गए हैं। अभी जो वीडियो फिल्म चली है, आपने  उसमें भी देखा है- एक है, e-ग्राम स्वराज पोर्टल और उसके App की लॉन्चिंग और दूसरा है स्वामित्व योजना की शुरुआत।e-ग्राम स्वराज यानि Simplified Work Based Accounting Application for Panchayati Raj,  ये एक प्रकार से ग्राम पंचायतों के संपूर्ण डिजिटलीकरण की तरफ एक बड़ा कदम है।
          ये भविष्य में, ग्राम पंचायत के अलग-अलग कामों का लेखाजोखा रखने वाला सिंगल प्लेटफॉर्म बनेगा।,अब अलग-अलग एप्लीकेशंस में अलग-अलग काम करने की जरूरत आपको नहीं पड़ेगी। जैसा अभी बताया गया, इस पोर्टल पर, इस app पर, पंचायत के विकास कार्य की डिटेल से लेकर उसके लिए तय फंड और उसके खर्च से जुड़ी तमाम जानकारियां रहेंगी।
          इसके जरिए अब कोई भी व्यक्ति अपनी ग्राम पंचायत में हो रहे कामकाज की जानकारी रख पाएगा। इससे ग्रामपंचायतों में पारदर्शिता-ट्रांसपेरेंसी भी बढ़ेगी, रिकॉर्ड रखने का काम भी ज्यादा सरल होगा और प्रोजेक्टस की प्लानिंग से लेकर कंप्लीशन की प्रक्रिया भी तेज होगी। आप कल्पना कर सकते हैं e-ग्राम स्वराज के माध्यम से आप सभी को कितनी बड़ी शक्ति मिलने जा रही है।

गांवों में आवासों की ड्रोन से मैपिंग की जाएगी

प्रधानमंत्री ने राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस पर बातचीत करते हुये आगे कहा कि गांवों में प्रॉपर्टी को लेकर जो स्थिति रहती है, वो आप सभी भली-भांति जानते हैं। स्वामित्व योजना इसी को ठीक करने का एक प्रयास है। इस योजना के तहत देश के सभी गांवों में आवासों की ड्रोन से मैपिंग की जाएगी।
         इसके बाद गांव के लोगों को प्रॉपर्टी का एक मालिकाना प्रमाण पत्र यानि Title Deed दिया जाएगा। स्वामित्व योजना से गांव के लोगों को एक नहीं अनेक लाभ होंगे। पहला तो यही कि प्रॉपर्टी को लेकर जो भ्रम की स्थिति रहती है वो दूर हो जाएगी। दूसरा इससे गांव में विकास योजनाओं की बेहतर प्लानिंग में और ज्यादा मदद मिलेगी।
       इसका एक और बड़ा लाभ ये होगा कि इससे शहरों की ही तरह गांवों में भी बैंकों से लोन मिलने का रास्ता और आसान हो जाएगा। अभी उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, कर्नाटक, हरियाणा, मध्य प्रदेश और उत्तराखंड इन छह राज्यों में ये योजना प्रायोगिक तौर पर, एक बड़े एक्सपेरिमेंट के तौर पर, शुरू की जा रही है। इससे जो अनुभव मिलेंगें, जहां कमियों को ठीक करना होगा, जहां सुधार करना होगा, वो सब सुधार करने के बाद इस योजना को पूरे देश में लागू किया जाएगा।

अपने संस्कारों-अपनी परंपराओं की शिक्षा के दर्शन कराए हैं

प्रधानमंत्री ने राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस पर बातचीत करते हुये आगे कहा कि कभी-कभी मुझे लगता है कि जीवन की सच्ची शिक्षा की कसौटी, उसकी परीक्षा, संकट के समय ही होती है।  Protective Environment में, बहुत देखरेख भरे माहौल में सच्ची शिक्षा का पता नहीं चलता,  सच्चे सामर्थ्य का भी पता नहीं चलता। इस कोरोना संकट ने दिखा दिया है कि देश के गांवों में रहने वाले लोग, भले ही उन्होंने बड़ी और नामी यूनिवर्सिटी में शिक्षा न ली हो लेकिन इस दौरान उन्होंने अपने संस्कारों-अपनी परंपराओं की शिक्षा के दर्शन कराए हैं।
             गांवों से जो अपडेट आ रहा है, वो बड़े-बड़े विद्वानों के लिए भी प्रेरणा देने वाला है। ये काम आपने किया है, गांव के प्रत्येक व्यक्ति ने किया है, मेरे आदिवासी भाई-बहनों, खेत-खलिहान में काम  करने वालों, फसल कटाई और बुवाई में जुटे साथियों, देश को प्रेरणा देने वाला ये काम आपने किया है। आप सभी ने दुनिया को मंत्र दिया है-दो गज दूरी का, या कहें दो गज देह की दूरी का।
         इस मंत्र के पालन पर गांवों में बहुत ध्यान दिया जा रहा है।दो गज दूरी’ यानि सोशल distancing बनाकर रखने से आप कोरोना वायरस को भी खुद से दूर रख रहे हैं, किसी संभावित संक्रमण से खुद को बचा रहे हैं। ये आपके ही प्रयास है कि आज दुनिया में चर्चा हो रही है कि कोरोना को भारत ने किस तरह जवाब दिया है।

झुकने के बजाय, उनसे टकरा रहा है, लोहा ले रहा है 

प्रधानमंत्री ने राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस पर बातचीत करते हुये आगे कहा कि इतना बड़ा संकट आया, इतनी बड़ी वैश्विक महामारी आई लेकिन इन 2-3 महीनों में हमने ये भी देखा है भारत का नागरिक, सीमित संसाधनों के बीच, अनेक कठिनाइयों के सामने झुकने के बजाय, उनसे टकरा रहा है, लोहा ले रहा है।
       ये सही है कि रुकावटें आ रही हैं, परेशानी हो रही है लेकिन संकल्प का सामर्थ्य दिखाते हुए, नई ऊर्जा के साथ आगे बढ़ते हुए, नए-नए तरीके खोजते हुए, देश को बचाने का और देश को आगे बढ़ाने का काम भी निरंतर जारी है।

प्रधानमंत्री ने मोहम्मद इकबाल से पूछे सवाल 

प्रधानमंत्री ने राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस पर बातचीत करते हुये आगे कहा कि इन परिस्थितियों में गांवों में जो हो रहा है, उसकी मैं अलग-अलग स्रोतों से निरंतर जानकारी ले रहा हूं। वहीं उन्होंने इस दौरान कोरोना के दौरान हुए अनुभवों और आपके सुझावों के बारे में भी जाना सबसे पहले जम्मू-कश्मीर के मोहम्मद इकबाल बारामुला से ब्लॉक पंचायत नारवाव के चेयरमैन से प्रधानमंत्री ने नमस्कार करते हुये पूछा कि आपके ब्लॉक में कोरोना के विरुद्ध लड़ाई कैसी चल रही है? आप लोग दो गज दूरी और साफ-सफाई के लिए और क्या कुछ कर रहे हैं?

मोहम्मद इकबाल ने बताया कोरोना के खिलाफ लड़ी जा रही जंग 

जम्मू-कश्मीर के मोहम्मद इकबाल बारामुला से ब्लॉक पंचायत नारवाव के चेयरमैन इकबाल ने प्रधानमंत्री को अपना जवाब देते हुये कहा कि काफी बेहतर तरीके से कोरोना के खिलाफ जंग लड़ी जा रही है। बारामुला जिला क्योंकि Red Zone में से एक है। यहां कई मरीज सामने आए हैं।  शुरू-शुरू में लोगों को लगता था कि ये मामला इतना नहीं बढ़ेगा, लेकिन अब हर कोई इस बीमारी से सतर्क हो चुका है।
            सभी पंचों और सरपंचों द्वारा घर-घर जाकर लोगों को कोरोना को लेकर जागरूक किया गया और बचाव के तौर तरीकों को बताया गया। जो सबसे गरीब लोग थे उनको बीएसएफ और दूसरे संगठनों के साथ मिलकर मदद पहुंचाई गई। ग्राम पंचायत के पदाधिकारियों ने रोस्टर तय कर सड़कों पर गैरजरूरी आवाजाही को रोकने में भी अपना रोल अदा किया।
            लगातार बरसात और भू-स्खलन से कलाइबान कुडपोरा इलाके में 15 घर पूरी तरह नष्ट हो गए थे । ऐसे सभी परिवारों को रहने के लिए टेंट की व्यवस्था की तथा उन्हें मुफ्त राशन उपलब्ध कराया। हम लोगों को मास्क पहनने के लिए जागरूक कर रहे हैं। कई लोग घर में ही मास्क बनाने लगे हैं।  आजकल तो नमाज भी लोग घरों के अंदर ही पढ़ रहे हैं। लोग अब ये समझ रहे हैं कि हम खुद को और दूसरों को खतरे में नहीं डाल सकते।

दिक्कत आती है, तो जरूर प्रशासन के नोटिस में लाएं

​प्रधानमंत्री​ ने कहा मोहम्मद इकबाल से कहा कि कठिन समय है। इसमें पूरे देश को, पूरी दुनिया को बहुत परेशानी हो रही है। आप इसी तरह लोगों की सेवा करते रहिए, उनकी परेशानियों को कम करते रहिए। किसी भी गांव में अगर कोई जरूरी सामान की कमी होती है, दवाओं को लेकर दिक्कत आती है, तो जरूर प्रशासन के नोटिस में लाएं। इस दौरान प्रधानमंत्री ने प्रशासन से भी आग्रह किया है कि पंचायतों की तरफ से जो सुझाव और प्रस्ताव आ रहे हैं, उन पर तेजी से कार्य किया जाए।

कर्नाटक के चिक्काबल्लापुर की ग्राम पंचायत वटाडा होसाहल्ली के सर

प्रधानमंत्री ने कर्नाटक के चिक्काबल्लापुर से नवीन जो कि ग्राम पंचायत वटाडा होसाहल्ली के प्रेसीडेंट से चर्चा के दौरान कहा कि कर्नाटका में तो आप सभी कोरोना महामारी का फैलाव रोकने के लिए अच्छा काम कर रहे हैं। खासतौर पर संक्रमित लोगों की पहचान और उनके कॉन्टेक्ट में आए लोगों की पहचान को लेकर तेजी से काम किया गया। प्रधानमंत्री ने उनसे जाना कि उन्होंने अपनी पंचायत या आसपास की पंचायतों में Home Quarantine या Contact Tracing में सरकार का, प्रशासन का सहयोग कैसे किया ?

प्रधानमंत्री के सवाल पर ये दिया जवाब

कर्नाटक के चिक्काबल्लापुर से नवीन जो कि ग्राम पंचायत वटाडा होसाहल्ली के प्रेसीडेंट ने प्रधानमंत्री को बताया कि हमारी पंचायत में कोई इन्फेकेटेड व्यक्ति तो अभी नहीं है लेकिन 14-15 लोग ऐसे हैं, जो एक संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आए। हमने इन सभी लोगों को होम क्वारनटाइन पर रखा है और ये पूरा सहयोग भी कर रहे हैं।
          पंचायत की तरफ से भी इन पर नजर रखी जा रही है। इन सबके खाने-पीने का प्रबंध पंचायत ही कर रही है। प्रशासन और मेडिकल टीम के साथ हम लगातार टच में रहते हैं। उसके बाद जैसा-जैसा प्रशासन हमें बताता है, वैसे-वैसे हम बाहर से आने वाले लोगों की ट्रेसिंग करते हैं। आशा, ANM, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, एएनएम, स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के साथ हर हफ्ते हम 2 बार बैठक भी करते हैं।

हमें ये कोशिश करनी है कि गांव तक ये संक्रमण ना पहुंचे

प्रधानमंत्री​ ने पुन: कर्नाटक के चिक्काबल्लापुर से नवीन जो कि ग्राम पंचायत वटाडा होसाहल्ली के प्रेसीडेंट नवीन से चर्चा करते कहा कि आप और आपके तमाम साथी प्रशंसनीय काम कर रहे हैं। अभी ये काम हमें करते रहना है। हमें ये कोशिश करनी है कि गांव तक ये संक्रमण ना पहुंचे।

बिहार के परिश्रम और बिहार के विवेक का रोल भारत की प्रगति में रहा बहुत अहम 

प्रधानमंत्री ने बिहार के जहानाबाद जिले से ग्राम पंचायत धरणिया के प्रधान श्री अजय सिंह यादव से चर्चा करते हुये कहा कि बिहार के करोड़ों साथी कोरोना वैश्विक महामारी को हराने में बहुत बड़ी भूमिका निभा रहे हैं। बिहार के परिश्रम और बिहार के विवेक का रोल भारत की प्रगति में बहुत अहम रहा है। आपकी पंचायत से भी अनेक प्रवासी साथी दूसरे शहरों से घर लौटे होंगे। वो सुरक्षित रहें, उनको परेशानी कम हो, इसके लिए क्या इंतजाम आपके यहां किए गए हैं?

हमारी कोशिश है कि गांव में रोजगार के ज्यादा से ज्यादा अवसर मिलें 

बिहार के जहानाबाद जिले से ग्राम पंचायत धरणिया के प्रधान श्री अजय सिंह यादव ने प्रधानमंत्री को जवाब देते हुये बताया कि हमारे यहां से अनेक लोग बाहर काम के लिए जाते हैं। अधिकतर लोगों के बाल-बच्चे, बड़े-बुजुर्ग यहीं गांव में ही रहते हैं। ऐसे में उनकी देखभाल करना हमारी पहली जिम्मेदारी होती है। पंचायत की तरफ से हम ये सुनिश्चित कर रहे हैं कि ऐसे परिवारों को जीवन के लिए जरूरी चीजों की समस्या ना हो।
           इसके लिए सरकार की तरफ से, प्रशासन की तरफ से जो भी मदद दी जा रही है, वो ठीक से लोगों तक पहुंचे, इस पर ध्यान दिया जा रहा है। जो लोग बाहर से लौटे हैं, उनके लिए सरकार ने आइसोलेशन सेंटर बनाए हैं। पंचायत की तरफ से हम ये सुनिश्चित करते हैं कि इन सेंटर में साफ-सफाई से लेकर खाने-पीने के सामान की व्यवस्था बनी रहे।
          गरीबों को मुफ्त अतिरिक्त अनाज का वितरण किया जा चुका है । अब तक ग्राम पंचायत के सभी गांवों में कुल 762 परिवारों को अनाज जन वितरण प्रणाली विक्रेता के द्वारा मुफ्त अनाज वितरण करा दिया गया है इसके साथ-साथ गांव में खेती के, सड़कों, रास्तों, नहर, तालाब और दूसरे काम भी अब होने लगे हैं। हमारी कोशिश है कि गांव में रोजगार के ज्यादा से ज्यादा अवसर मिलें।

गांव में काम अधिक से अधिक अवसर मिलने चाहिए, इसके लिए सरकार ने किये अनेक प्रावधान 

प्रधानमंत्री ने बिहार के जहानाबाद जिले से ग्राम पंचायत धरणिया के प्रधान श्री अजय सिंह यादव से आगे चर्चा बढ़ाते हुये कहा कि आपके प्रयास सराहनीय हैं। गांव में निश्चित रूप से लोगों को काम के अधिक से अधिक अवसर मिलने चाहिए, इसके लिए सरकार ने अनेक प्रावधान भी किए हैं लेकिन ध्यान रखिए कि ये सब पूरी सावधानी के साथ होने चाहिए, सरकार जो दिशा-निर्देश जारी कर रही है, उसके मुताबिक होना चाहिए।
            आपसे और देश के सभी पंचायत सदस्यों से मेरा एक और आग्रह ये भी है कि गांव या शहर में, जिन साथियों को, या जिन परिवारों में कोरोना का संक्रमण पहुंचा भी है, उनके साथ भी हमें पूरी मजबूती से खड़ा रहना है। ये संक्रमण की महामारी है, ये किसी को भी हो सकती है। इसलिए इसमें किसी का कोई दोष नहीं है। हमें मिलकर इस लड़ाई को लड़ना है, पूरे सामर्थ्य और संवेदनशीलता से लड़ना है।
         जिसको भी संक्रमण की आशंका है वो समय पर अस्पताल को सूचना दे, ताकि समय पर उसका इलाज हो सके। जितनी जल्दी संक्रमण का पता चलेगा, उतना ही जल्दी उसका इलाज भी शुरू हो पाएगा। इससे अन्य लोगों की भी सुरक्षा होगी।

आपकी पंचायत में उसका लाभ लोगों तक ठीक से पहुंचा है?

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने उत्तर प्रदेश के बस्ती की ग्राम पंचायत नकटी देई की प्रधान बहन वर्षा सिंह से चर्चा करते हुये उन्होंने पूछा कि बस्ती में लॉकडाउन का ठीक से पालन हो रहा है? वर्षा जी आप ये बताइए कि केंद्र सरकार ने जो पीएम गरीब कल्याण योजना के तहत, पीएम किसान सम्मान निधि के तहत जो मदद भेजी है, आपकी पंचायत में उसका लाभ लोगों तक ठीक से पहुंचा है?

महिलाओं के नाम पर ये पैसा आ रहा है तो इसका सदुपयोग भी हो पा रहा है

उत्तर प्रदेश के बस्ती की ग्राम पंचायत नकटी देई की प्रधान बहन वर्षा सिंह ने प्रधानमंत्री के प्रश्न पर जवाब दिया कि इसका गरीबों को बहुत लाभ हो रहा है। विशेष तौर पर जो हर बहन के जनधन खाते में जो पैसा जमा हुआ है और जो मुफ्त गैस सिलेंडर उज्जवला के तहत मिल रहे हैं। उससे बहुत बड़ी राहत गरीब परिवारों को मिल रही है।
            सबसे बड़ी बात ये है कि आपने इस राहत के केंद्र में महिलाओं को रखा है, महिलाओं के नाम पर ये पैसा आ रहा है तो इसका सदुपयोग भी हो पा रहा है। इसके अलावा जो सरकारी दुकान से राशन कार्ड वालों को राशन मिलता था, उस पर आपने 5 किलो अतिरिक्त फ्री राशन भेजा है, उसका भी बहुत ज्यादा लाभ मिल रहा है। यहां राज्य सरकार भी गरीबों, मजदूरों के लिए अनेक प्रकार की मदद चला रही है।
            राज्य सरकार ने काफी पैसा भी समय पर लोगों के खाते में जमा कर दिया है। जो लोग गरीबों के हक पर डाका डालते हैं, उनपर यहां कड़ी कार्रवाई भी हो रही है। ग्राम पंचायत में ऐसे गरीब और घुमंतू परिवार जिनका राशन कार्ड नहीं बना था उनको तहसील के माध्यम से राशन की व्यवस्था कराई गई। एम किसान सम्मान निधि की जो किश्त मिली है, उससे किसानों को बहुत राहत मिली है। इससे समय पर बुआई में मदद मिल रही है। हम पंचायत की तरफ से मास्क भी बांट रहे हैं और आरोग्य सेतु ऐप्प भी डाउनलोड करवा रहे हैं।

प्रावधान का लाभ जमीन पर उन लोगों को मिल रहा है, जिनको मिलना चाहिए

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने उत्तर प्रदेश के बस्ती की ग्राम पंचायत नकटी देई की प्रधान बहन वर्षा सिंह से चर्चा करते हुये कहा कि ये जानकर अच्छा लगा कि सरकार ने जो प्रावधान किए हैं, उनका लाभ जमीन पर उन लोगों को मिल रहा है, जिनको मिलना चाहिए। मुझे संतोष है कि बीते 5-6 वर्षों में जो योजनाएं बनाई गईं, उनका इस मुश्किल समय में लोगों को लाभ मिला है।
            कल्पना कीजिए अगर करोड़ों गरीब परिवारों के जनधन योजना के खाते ना होते, उनके घर उज्जवला के गैस कनेक्शन ना होते, डीबीटी की सुविधा ना होती, पीएम किसान सम्मान योजना ना होती तो, इतने कम समय में 30 हजार करोड़ रुपए से अधिक, सीधे लाभार्थियों के खाते में कैसे पहुंच पाते? आज देश के करीब 26 करोड़ परिवारों में से करीब 20-21 करोड़ परिवारों को पीएम गरीब कल्याण योजना का किसी ना किसी रूप में जरूर लाभ मिला है।
            इसके अलावा स्वच्छ भारत अभियान के तहत गांवों में जो काम हुआ है, उसका लाभ भी गांव के लोगों को बहुत हो रहा है। मेरा आपसे निवेदन रहेगा कि आप नजर बनाए रखिए। हमें हर जरूरतमंद का, हर गरीब का पूरा ख्याल रखना है। 

किसान दूरी के नियम, मास्क और साफ-सफाई का ध्यान रख रहे हैं या नहीं?

प्रधानमंत्री ने देश के सरपंचों से चर्चा की ओर बढ़ते हुये अगले क्रम में पंजाब के पठानकोट की ग्राम-पंचायत हाड़ा की सरपंच, बहन पल्लवी ठाकुर से चर्चा हुये कहा कि पंजाब के गांवों में तो आजकल गेहूं की कटाई का काम चल रहा है। आपके क्षेत्र में क्या स्थिति है? किसान दूरी के नियम, मास्क और साफ-सफाई का ध्यान रख रहे हैं या नहीं?

मैंने खुद गांव के प्रवेश द्वारों पर की है नाकाबंदी 

पंजाब के पठानकोट की ग्राम-पंचायत हाड़ा की सरपंच, बहन पल्लवी ठाकुर ने प्रधानमंत्री को जानकारी देते हुये बताया कि फसल कटाई का काम और उपज को मंडी पहुंचाने का काम चल रहा है।  ग्राम पंचायत की तरफ से हमने डिस्टेंसिंग, मास्क और दूसरी सावधानियों को लेकर गांव में लोगों को लगातार बताया है।
           हम खेतों में भी जाते हैं और वहां लोगों को एक दूसरे से 6 फीट की दूरी बनाए रखने की बात बताते हैं। गेहूं की खरीद के लिए गांव में मंडी बनाई गई है और किसानों को होलोग्राम पर्ची दी गई है। इससे किसान को मंडी में खड़ा रहने की जरूरत नहीं है, जब बारी आएगी तब वो आ सकते हैं।
           किसानों को हिदायतें दी गई हैं कि वह एक ट्राली पर 50 क्विंटल से ज्यादा फसल मंडी में न लेकर जाए और ट्राली में किसान के साथ केवल एक सहयोगी होना चाहिए। संक्रमण को दूर करने क लिए सोडियम हाइपोक्लोराइड दवा का छिड़काव पूरे गांव में किया गया है। मैंने खुद अपनीपीठ पर स्प्रे पंप बांधकर गांव की गलियों में छिड़काव किया ताकि मेरे साथ और भी नौजवान प्रेरित हो सकें और इस काम में सहयोग दें ।
       बाहर का कोई व्यक्ति गांव में प्रवेश न करे और गांव के लोग भी बाहर न जायें इसके लिए मैंने खुद गांव के प्रवेश द्वारों पर नाकाबंदी की है और इसमें मेरी पंचायत तथा गांव के और भी लोगों ने बहुत सहयोग दिया है।

देश का किसान यूरिया के उपयोग को थोड़ा कम कर सकता हैं?

प्रधानमंत्री ने पंजाब के पठानकोट की ग्राम-पंचायत हाड़ा की सरपंच, बहन पल्लवी ठाकुर से चर्चा हुये कहा किसान का स्वस्थ रहना बहुत जरूरी है क्योंकि वो अन्नदाता होता है, निस्वार्थ भावना से पूरे देश का पेट पालता है। ये किसान और पशुपालक साथी ही हैं, जिन्होंने पूरे लॉकडाउन के कारण देश को जरूरी अनाज, सब्जी, दूध, फल की कमी नहीं होने दी।
            मैं उनके इस हौसले की भूरि-भूरि प्रशंसा करता हूं। हां, तारीफ के साथ ही मेरी आप सभी से, एक प्रार्थना भी है। क्या पंजाब हो, हरियाणा हो, देश का किसान यूरिया के उपयोग को थोड़ा कम कर सकता हैं? यूरिया से हमारी मिट्टी और हमारे जल पर जो असर होता है, उसे हम सभी जानते हैं।
          इसका आपके स्वास्थ्य पर जो प्रभाव पड़ता है, उससे भी आप परिचित हैं। ऐसे में हमें यूरिया के प्रयोग को घटाना है और आॅर्गेनिक तरीकों को अपनाना है। पंचायत के सदस्य इस बारे में गांव के साथियों को जितना जागरूक करेंगे, उतना ही देश को लाभ मिलेगा। 

आपकी पंचायत में जो नहरें, कुएं, पुल, रास्तों के काम हैं, वो कैसे चल रहे हैं? 

प्रधानमंत्री ने महाराष्ट्र के पुणे की मेदनकरवाड़ी ग्राम पंचायत की प्रधान बहन प्रियंका मेदनकर से चर्चा करते हुये पूछा कि महाराष्ट्र में कोरोना का संकट बना हुआ है। इस संकट के बीच केंद्र सरकार ने गांव में खेती के साथ दूसरे काम काज के लिए भी मंजूरी दी है ताकि गांव में सामान्य लोगों की परेशानी को कम किया जा सके। आपकी पंचायत में जो नहरें, कुएं, पुल, रास्तों के काम हैं, वो कैसे चल रहे हैं? आप दो गज दूरी के नियम का ध्यान रखने के लिए लोगों को कैसे प्रोत्साहित कर रही हैं?

मनरेगा की मजदूरी बढ़ाने से मिलेगी मदद

महाराष्ट्र के पुणे की मेदनकरवाड़ी ग्राम पंचायत की प्रधान बहन प्रियंका मेदनकर ने प्रधानमंत्री सबसे पहले आभार व्यक्त करते हुये कहा कि आपने गांवों के लोगों के लिए बहुत सुविधाएं दी हैं। मनरेगा की मजदूरी को बढ़ाने का जो फैसला सरकार ने लिया है, उससे भी बहुत मदद होने वाली है। इसी तरह जो हमारे स्वयं सहायता समूह हैं, उनके लिए भी सरकार ने बैंकों से ऋण की सुविधा को बढ़ाया है, इससे हमारी पंचायत की भी अनेक बहनों को लाभ मिलने वाला है।
           कोरोना महामारी का खतरा अब हमारे यहां हर गांव वासी समझ रहे हैं। इसलिए जो भी सावधानियां उन्हें बताई जा रही है, लोग ले रहे हैं। ग्राम पंचायत की तरफ से लोगों तक मास्क, सेनिटाइजर और दूसरे सामान पहुंचाने के लिए लगातार काम किए जा रहे हैं। हमारी कोशिश ये है कि बरसात से पहले कुओं, नहरों और पुल-पुलिया के काम तेजी से हों। इसके लिए केंद्र और राज्य सरकार की जो भी योजनाएं हैं, उनको जरूरी सावधानियां रखते हुए तेजी से पूरा किया जा रहा है।

गोदाम मनरेगा अंतर्गत 18 लाख रुपए का बनाने की योजना  

मेदनकरवाड़ी ग्राम पंचायत की प्रधान बहन प्रियंका मेदनकर ने कहा कि मेरा गांव एम आई डी सी /औद्योगिक क्षेत्र में आता है, तो लोग कंपनियों में ही काम करते हैं। अभी क्योंकि उद्योग उस तरह से चल नहीं रहे इसलिए हम लोगों में बेरोजगारों का सर्वे शुरू किया है। हमने 18 लाख रुपए का गोदाम मनरेगा अंतर्गत बनाने का नियोजन किया है और उसमें 20 लोगों को रोजगार देने वाले हैं।
         इस गोदाम से हमारे गांव में छोटे उद्योग को लाभ मिलेगा और ग्राम पंचायत की भी आमदनी होगी। इसके अलावा, हम बाहर के राज्यों के कुटुंबों का भी जॉब कार्ड तैयार कर रहे हैं और उनको रोजगार दे रहे हैं। जिन महिलाओं को स्किल इंडिया अंतर्गत प्रशिक्षण मिला था उन महिलाओं को हमने बचत गठ के जरिए मास्क बनाने के काम में रोजगार दिया है।
          हमने किसानों और हाउसिंग सोसायटी से सीधे सम्पर्क प्रस्थापित किया है। हमने किसानों और हाउसिंग सोसायटी से सीधे सम्पर्क प्रस्थापित किया है। हम e-NAM और APMC के साथ समन्वय कर हम सीधे हाउसिंग सोसायटी को वालिंटियर के जरिए किसानों का उत्पाद बेच रहे हैं । इसमें हमारा गांव शहर से नजदीक होने की वजह से बहुत अच्छा फायदा हो रहा है ।

हमें हर छोटे उद्यमी और गांव की बहनों को ताकत देनी है

​प्रधानमंत्री ने महाराष्ट्र के पुणे की मेदनकरवाड़ी ग्राम पंचायत की प्रधान बहन प्रियंका मेदनकर से चर्चा करते हुये कहा कि इस मुश्किल स्थिति में जिस तरह से आपकी पंचायत काम कर रही है वो प्रशंसनीय है। हमें ये निरंतर कोशिश करनी है कि e-NAM का अधिक से अधिक उपयोग करना है।
            इसके अलावा एक गर्वनमेंट ई-मार्केटप्लेस यानि GeM पोर्टल भी केंद्र सरकार ने बनाया है। इसके माध्यम से हमारे महिला बचत गठ, छोटे उद्यमी सीधे सरकार को अपना सामान बेच सकते हैं। उसका भी आप जरूर प्रचार प्रसार करें। हमें हर छोटे उद्यमी और गांव की बहनों को ताकत देनी है, ज्यादा से ज्यादा रोजगार से जोड़ना है।

उत्तम स्वास्थ्य का सीधा संबंध शुद्ध पीने के पानी से है

इसके साथ प्रधानमंत्री ने सरपंचों से संबोधन के दौरान कहा कि आप सभी ये भी जानते हैं कि उत्तम स्वास्थ्य का सीधा संबंध शुद्ध पीने के पानी से भी है। इस सोच के साथ ही देश के हर घर तक जल पहुंचाने का एक बहुत बड़ा अभियान भी देश में चल रहा है।
          अनेक ग्राम पंचायतों में इसको लेकर बहुत सा काम हो भी चुका है। हमारे गांवों को शुद्ध पानी से जोड़ना हमारी प्राथमिकता में होना चाहिए। जल जीवन मिशन की सफलता इसलिए भी आप सभी पर अधिक निर्भर करती है, क्योंकि ये पूरी तरह से स्थानीय लोगों, स्थानीय संस्थाओं द्वारा चलाया जा रहा अभियान है।
        आप बेहतर जानते हैं कि पानी का कौन सा सोर्स कहां है और कौन सी पाइपलाइन कहां से जानी है। इसलिए मैं देश भर की पंचायतों से ये अपील करूंगा कि जन जीवन मिशन के कार्यों को प्राथमिकता देती रहें, इससे जुड़े कामों को गति देती रहें।

कोरोना के खिलाफ असम के लोगों का ये संयम बहुत प्रशंसनीय 

प्रधानमंत्री ने असम के कचार जिले की ग्राम पंचायत छोटा-दूधपाटिल से प्रधान रंजीत सरकार से कहा कि इस बार तो कोरोना के कारण बिहू भी लोग सीमित स्तर ही मना पाए। कोरोना के खिलाफ देश की इस लड़ाई में असम के लोगों का ये संयम बहुत प्रशंसनीय है। असम में तो मैं देख रहा हूं कि हमारे गांव की बहनें, गमछे से मास्क बनाने में जुटी हुई हैं। जो स्वास्थ्य कर्मी चेक करने के लिए आ रहे हैं, उनको मदद देने के लिए आपकी पंचायत क्या काम कर रही है?

आशा कार्यकर्ता और दूसरे मेडिकल से जुड़े लोग सर्वे पर आते हैं

असम के कचार जिले की ग्राम पंचायत छोटा-दूधपाटिल से प्रधान रंजीत सरकार ने प्रधानमंत्री को जानकारी देते हुये बताया कि हमारी पंचायत की ये कोशिश है कि अपने गांव को कोरोना से बिल्कुल सुरक्षित रखा जाए। बाहर से आने वालों पर नजर रखी जा रही है। यहां आशा कार्यकर्ता और दूसरे मेडिकल से जुड़े लोग सर्वे पर आते हैं।               मेडिकल के इन साथियों को घर-घर तक पहुंचाने में और जरूरी जानकारी जुटाने में हमारी पंचायत की टीम से पूरी मदद की जा रही है। आपने डॉक्टरों और दूसरे हेल्थ वर्कर्स की सुरक्षा के लिए जो नया कानून बनाया है, उसके लिए पूरी पंचायत की तरफ से मैं आपको आभार व्यक्त करना चाहता हूं। इसकी बहुत ज्यादा जरूरत थी। हमारी पंचायत उन लोगों की भी मदद कर रही है जिनके पास इस समय काम नहीं है। केंद्र और राज्य सरकार की तरफ से जो भी मदद दी जा रही है, उसको तेजी से लोगों तक पहुंचाया जा रहा है।

क्योंकि वो अपने लिए नहीं हमारे लिए मैदान में हैं

आगे प्रधानमंत्री ने असम के कचार जिले की ग्राम पंचायत छोटा-दूधपाटिल से प्रधान रंजीत सरकार से कहा कि आपको और आपकी पंयायत की टीम को अभी बहुत काम करना है। जहां तक आपने हेल्थ वर्कर की प्रोटेक्शन को लेकर नए कानून की बात की तो, मैं चाहूंगा कि इस कानून के उपयोग की जरूरत ही ना पड़े। हमें अपने कोरोना योद्धाओं को काम करने देना है, उनको सम्मान देना है, क्योंकि वो अपने लिए नहीं हमारे लिए मैदान में हैं।

बड़ी से बड़ी शक्ति का केंद्र, संगठन या एकजुटता में ही होता है

प्रधानमंत्री ने चर्चा करते हुये कि इस सार्थक बातचीत से मुझे बहुत संतोष हुआ है। आप सभी इस मुश्किल परिस्थिति में भी गांवों में जीवन को सुरक्षित और आसान बनाने में अपना योगदान दे रहे हैं। महात्मा गांधी कहा करते थे कि-मेरे स्वराज की कल्पना का आधार ग्राम स्वराज ही है। इसलिए, ग्राम पचायतें हमारे लोकतंत्र की एकजुट शक्ति का केंद्र हैं। हमारी लोकतान्त्रिक एकजुटता का केंद्र हैं।
           हमारे यहाँ कहा गया है- ''संघमूलम् महाबलम्”। अर्थात बड़ी से बड़ी शक्ति का केंद्र, संगठन या एकजुटता में ही होता है। इसलिए आज की परिस्थिति में देश को आगे ले जाने की शुरूआत, देश को आत्मनिर्भर बनाने की शुरूआत, गाँव की सामूहिक शक्ति से ही होगी, आप सबकी एकजुटता से ही संभव होगी। इन प्रयासों के बीच हमें ये याद रखना है कि किसी एक की भी लापरवाही पूरे गांव को खतरे में डाल सकती है। इसलिए ढील की जरा भी गुंजाइश नहीं है।
         गाँव में sanitization अभियान हो, शहरों से आने वाले लोगों के लिए इतने कम समय में quarantine centres बनाने का काम हो हर एक व्यक्ति के खान-पान और जरूरतों की चिंता हो, या फिर आम लोगों को जागरूक करने का काम हो, ये काम हमें निरंतर बिना रुके, बिना थके करना है। गांव में बुजुर्ग, दिव्यांग या फिर बीमार लोगों की सबसे पहली पहुंच आप तक होती है, इसलिए पहला समाधान भी आपके पास ही होना चाहिए।            हमें ये ध्यान रखना है कि शारीरिक दूरी, मुंह को फेसकवर या मास्क से ढंकना और अपने हाथों की बार-बार साफ-सफाई ही आने वाले दिनों में भी हमारे लिए इस बीमारी से बचाव के सबसे बड़ी दवा है। हमें बचाव और स्वच्छता पर ज्यादा बल इसलिए भी देना है क्योंकि गर्मी और बरसात के मौसम में अनेक प्रकार की बीमारियों का खतरा भी बढ़ जाता है। इस बार कोरोना बीमारी ने इस खतरे को और बढ़ा दिया है। इसलिए हमें बहुत सतर्क रहते हुए काम करना है।

हमें हर प्रकार की गलतफहमी से लोगों को बाहर निकालना है

प्रधानमंत्री ने आगे चर्चा करते हुये कहा कि हमारा अतीत का अनुभव बताता है कि बीमारियों और उनके इलाज के बारे में गलत जानकारियों की वजह से हमें बीमारियों को रोकने में काफी समय लग गया। इस बार हमें ऐसा नहीं होने देना है। हमें हर प्रकार की गलतफहमी से लोगों को बाहर निकालना है। हर परिवार तक सही जानकारी, चाहे वो बचाव को लेकर हो या फिर इसके इलाज के लिए, ये जानकारी पहुंचनी ही चाहिए।
            इसके लिए आप छोटी-छोटी टोलियां बनाकर जागरूकता के अभियान को तेज कर सकते हैं। आशा-एएनएम-आंगनबाड़ी कार्यकतार्ओं के साथ-साथ आपको सेल्फ हेल्प ग्रुप, महिला और युवक मंडलों, पूर्व सैनिकों और दूसरे संगठनों की भी इस काम में भरपूर मदद लेनी चाहिए। प्रधानमंत्री ने कहा कि सोशल मीडिया पर खान-पान को लेकर भी कुछ लोग तरह-तरह की बातें करते हैं। इससे भी तमाम अफवाहें उड़ती हैं, जिससे हमें सतर्क रहना है। हम जो भी खाएं वो खूब धोकर और खूब पकाकर खाएं, इस बात को हमें गांव-गांव में बताना है। 

गांव में कई अच्छी परंपराएं भी होती हैं, जिनको हमें और प्रोत्साहित करना है

प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारे यहां आयुर्वेदिक काढ़ा पीने की परंपरा है, अनेक प्रकार के मसालों का उपयोग हम करते हैं। इसके साथ-साथ अगर हम नियमित रूप से योग-प्राणायाम करेंगे, तो निश्चित रूप से हमें लाभ ही होगा। ये किसी बीमारी का इलाज नहीं हैं, लेकिन ये हमारे शरीर को बीमारी से लड़ने के लिए ज्यादा सक्षम जरूर बना सकते हैं। आयुष मंत्रालय की तरफ से इससे जुड़ी कुछ गाइडलाइंस भी जारी की गई हैं। 

आरोग्य सेतु ऐप्प को डाउनलोड करवाएं

एक और बात जिस पर आप सभी को बहुत ध्यान देना है, वो है आरोग्य सेतु मोबाइल App. आजकल आप टीवी पर भी विज्ञापन देख रहे होंगे, ये मोबाइल App कोरोना से लड़ाई में बहुत जरूरी है। ये App आपके मोबाइल में रहेगा तो आपको पता चल जाएगा कि आपके गांव में, सामने वाला किसी ऐसे इलाके से तो नहीं आया जो कोरोना प्रभावित रहा हो।
          आपकी खुद की सुरक्षा के लिए, अपने आस पास वालों की सुरक्षा के लिए मोबाइल App को जरूर डाउनलोड करें। प्रधानमंत्री ने देश के सभी पंचायत प्रतिनिधियों से निवेदन करते हुये कहा कि आप सभी अपने गांव के प्रत्येक सदस्य के मोबाइल फोन में आरोग्य सेतु ऐप्प को डाउनलोड करवाएं। ये एक प्रकार से हमारी सुरक्षा का सेतु है। साथियों, देश के ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले भाइयों और बहनों का स्वास्थ्य, हमारी सरकार की सबसे बड़ी प्राथमिकताओं में से एक रहा है।

शौचालय न होने से कितनी बीमारियां फैलती थीं, ये भी आपको पता है

प्रधानमंत्री ने आगे चर्चा करते हुये कहा कि आपकी एक एक आवश्यकता को समझते हुए हमने लगातार काम किया है। पहले टीकाकरण को लेकर इतनी दिक्कतें होती थीं। हमारी सरकार ने न सिर्फ टीकों की संख्या बढ़ाई, बल्कि दूर-दराज वाले क्षेत्रों में भी टीकाकरण अभियान को लेकर गए। पहले गर्भवती महिलाओं और नवजात बच्चों में कुपोषण की बहुत ज्यादा समस्याएं थीं।
          हमने पीएम मातृ वंदना योजना के माध्यम से, सीधे महिलाओं के बैंक खाते में पैसे ट्रांसफर करने शुरू किए ताकि कुपोषण कम हो। पहले शौचालयों की क्या स्थिति थी, ये भी आपको पता है। शौचालय न होने से कितनी बीमारियां फैलती थीं, ये भी आपको पता है। 

आयुष्मान भारत योजना भी गांव के गरीबों के लिए बहुत बड़ी राहत बनकर उभरी है

प्रधानमंत्री ने आगे संबोधन में कहा कि हम बहुत गंभीरता से प्रयास कर रहे हैं कि गांव के गरीब से गरीब को उत्तम स्वास्थ्य सेवा मिले, इसके लिए प्रयास किए जा रहे हैं। आयुष्मान भारत योजना भी गांव के गरीबों के लिए बहुत बड़ी राहत बनकर उभरी है। इसके तहत अब तक करीब-करीब एक करोड़ गरीब मरीजों को अस्पताल में मुफ्त इलाज मिल चुका है।
          इस योजना ने ग्रामीण इलाकों में जहां अस्पतालों की कमी है, वहां अस्पतालों के निर्माण में भी मदद की है। सरकार द्वारा भी देशभर के गांवों में लगभग डेढ़ लाख हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर बनाने का काम तेजी से चल रहा है। इन सेंटर्स में अनेक गंभीर बीमारियों के टेस्ट की सुविधाएं मुहैया कराई जा रही हैं।
          पहले से किए जा रहे इन प्रयासों ने, हमारे गावों को कोरोना के खिलाफ लड़ाई में अहम भूमिका निभाने के लिए तैयार किया है। मुझे विश्वास है कि आप सभी अपनी सामूहिक कोशिशों से, अपनी एकजुटता से, अपनी संकल्पशक्ति से कोरोना को जरूर परास्त करेंगे।

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