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प्रधानमंत्री की प्रार्थना को प्रतियोगिता में न बदले

प्रधानमंत्री की प्रार्थना को प्रतियोगिता में न बदले

विरोधी खुलकर विरोध करें पर विद्युत बचत में दे साथ 

कड़वी कलम
संपादक विवेक डेहरिया 
दैनिक गोंडवाना समय
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने राष्ट्र के नाम संदेश में क्या प्रार्थना किया है, यह बताने की आवश्यकता नहीं है क्योंकि सोशल मीडिया में पक्ष और विपक्ष की टिप्पणियां संदेश समाप्त होते ही शुरू हो चुकी है। देश के व्यस्क नागरिकों के साथ साथ बच्चा-बच्चा भी प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के द्वारा 5 अप्रैल को रात्रि 9 बजे किये जाने वाले कार्य के लिये प्रार्थना रूपी संदेश के बारें में जान चुका है। 
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की पूर्व में की गई प्रार्थना को अधिकांश भक्तों ने खुलकर समर्थन कर रोड पर आकर, एकत्र होकर खूब ताली, थाली, घंटी बजाने में कोई कसर नहीं किया तो वहीं बुद्धिजीवि डीएम और एसपी साहब तो भीड़ लेकर रैली निकालकर थाली, घंटी बजाते हुये सामुहिक रूप बजाकर प्रधानमंत्री जी की प्रार्थना का समर्थन कर चुके है।
              जबकि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने पूर्व में  जनता कफर््यू के दौरान अपने घरों पर ताली, थाली और घंटी बजाने के लिये स्वास्थ्य विभाग, सुरक्षाकर्मियों, सफाईकर्मियों के स्वागत के लिये किया था न कि प्रतियोगिता करने के लिये प्रार्थना किया था। इसका विरोधियों ने खूब सोशल मीडिया में मखौल उड़ाया तो भक्तों ने बिना सोचे समझे इसे सोशल मीडिया में वायरल कर अपने बुद्धिजीवि होने का एहसास कराया। 

तो बच सकती है विद्युत की खपत

वैश्विक महामारी के इस संकट में पुन: प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने 5 अप्रैल रात्रि 9 बजे 9 मिनट के लिये प्रार्थना किया है। जिसमें प्रधानमंत्री जी का देश भर में कम से कम 9 मिनिट के लिये विद्युत खपत बचाने का प्रमुख उद्देश्य है जिसे भारतवासियों को गंभीरता से समझने की आवश्यकता है।
          ये बात प्रधानमंत्री जी को भी मालूम है कि इससे कोरोना बीमारी का उपचार नहीं होगा लेकिन विरोधी प्रधानमंत्री की प्रार्थना को ही सोशल मीडिया में कोरोना को भगाने का उपाय बताने पर तुले हुये है। वर्तमान स्थिति में देश में उत्पादन ईकाईयों पर प्रभाव पड़ रहा है कहीं न कहीं विद्युत उत्पादन पर भी असर हो रहा है। इसलिये 5 अप्रैल को 9 मिनिट विद्युत बंद रखकर विद्युत बचाने में अपनी भूमिका निभाना प्रत्येक भारतीय नागरिकों का कर्तव्य है। 

सोशल मीडिया के शौकीन प्रधानमंत्री की प्रार्थना को समझे और अमल करें 

प्रधानमंत्री जी की प्रार्थना को अंधभक्ती का परिचय देकर भक्ती करने वाले भक्त 5 अप्रैल को दिया ढूढ़ने दुकानों में भीड़ लगाने के लिये घरों से निकल पड़े इस पर विचार करना आवश्यक है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की प्रार्थना को अंधभक्ति बनाने वाले इसे प्रतियोगिता में न बदले इसका विशेष ध्यान रखे। दूसरे घरों में ज्यादा दिये और मोमबत्ती जलाने के चक्कर में तेल और मोमबत्ती का दुरूपयोग न करें, वैश्विक महामारी और आर्थिक स्थिति को देखते हुये इसे भी बचाने का प्रयास करें।
        दीवाली के पूराने दिये से ही काम चलाये, एक मोमबत्ती में घर में प्रकाश करने का प्रयास करें न कि अंधभक्ति के चक्कर में ज्यादा दिये और ज्यादा मोमबत्ती जलाकर घर में आग मत लगा देना। घर में सबके पास मोबाईल है तो सभी के मोबाईल के टार्च आॅन न करें कम से कम मोबाईल के टार्च आॅन कर हम संदेश दे सकते है क्योंकि प्रधानमंत्री जी का संदेश में बिजली बचाने का तरीका छिपा हुआ है इसे समझने का प्रयास करें। 
घर में विद्युत बंद कर रोशनी कर उजाला फैलाने के चक्कर में प्रतियोगिता के रूप में प्रधानमंत्री जी की प्रार्थना को कतई न ले। सोशल मीडिया के शौकीन ज्यादा दिये और ज्यादा संख्या में मोमबत्ती जलाकर वायरल का शौक से वर्तमान में बचने का प्रयास करें। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने जिस संजीदगी के साथ प्रार्थना किया है उसे संवेदनशील नागरिक बनकर पूर्ण करने में अपनी भूमिका निभाये न कि घर के अंदर रोशनी कर बाहर निकलकर मोहल्ले में एकत्र होकर भीड़ मचाये। 

विरोधी बेशक विरोध कर राजनैतिक धर्म निभाये पर विद्युत बचाकर राष्ट्रधर्म भी निभाये

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के राजनैतिक विरोधी खुलकर प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की 5 अप्रैल की पा्रर्थना का खुलकर और डटकर विरोध करें। अपने घरों में भले ही दीपक, मोमबत्ती, टार्च से रोशन न करें जिससे प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के विरोधी होने का आपका कार्य भी पूरा हो जायेगा लेकिन कम से कम से अपने घर की विद्युत 9 मिनिट के लिये जरूर बंद कर दे ताकि देश में विद्युत की खपत बच सके।
         विरोधी यही समझ ले कि देश में 9 मिनिट के लिये विद्युत बंद कर दी गई है। जिससे विरोधियों का राजनैतिक विरोध कर नैतिक धर्म भी पूरा हो जायेगा और देश की विद्युत खपत भी बचेगी तो राष्ट्र धर्म भी पूरा हो सकता है। यह विचार प्रधानमंत्री के प्रार्थना के विरोधियों को करना है।  

प्रधानमंत्री की प्रार्थना न मानों पर विज्ञान की सलाह तो समझों

वैश्विक महामारी से जूझ रहे भारत में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की प्रार्थना का असर आपको 5 अप्रैल को 9 बजे 9 मिनिट के बाद ही सोशल मीडिया पर दिखाई देने लगेगा कि किसने किस तरह की प्रतियोगिता किया, किसने संवेदनशीलता दिखाया बाकी विरोधियों, अंधभक्तों को ज्यादा ज्ञान देने की आवश्यकता नहीं है क्योंकि भारत में किसी को रूपया दे दो वह ले लेगा लेकिन ज्ञान, सलाह और प्रार्थना की संजीदगी को संवेदनशीलता से नहीं लेने का चलन ज्यादा है। कोरोना से बचना है तो शारीरिक दूरी बनाये रखे, प्रधानमंत्री की प्रार्थना को नहीं समझ पा रहे है तो कम से कम विज्ञान पर विश्वास करों स्वास्थ्य विभाग की सलाह तो मानो। 

कड़वी कलम
संपादक विवेक डेहरिया 
दैनिक गोंडवाना समय

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2 Comments
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  1. जो व्यक्ति अमेरिका के राष्ट्रपति को 8 फिट की दीवार उठा कर बेवकूफ बना सकता है उसके लिए अंध भक्तों को बेवकूफ बनाना कौन सी बड़ी बात है!

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  2. जो व्यक्ति अमेरिका के राष्ट्रपति को 8 फिट की दीवार उठा कर बेवकूफ बना सकता है उसके लिए अंध भक्तों को बेवकूफ बनाना कौन सी बड़ी बात है!

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