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वेबिनार के माध्‍यम से 45,000 उच्‍च शिक्षण संस्‍थाओं के प्रमुखों से बातचीत की

वेबिनार के माध्‍यम से 45,000 उच्‍च शिक्षण संस्‍थाओं के प्रमुखों से बातचीत की

श्री निशंक ने सभी उच्‍च शिक्षण संस्‍थाओं से एनएएसी प्रत्‍यायन प्रक्रिया में भाग लेने का अनुरोध किया

सभी विश्‍वविद्यालय कोविड-19 की वजह से उपजे विशेष हालात के कारण विद्यार्थियों के समक्ष उत्‍पन्‍न विभिन्‍न समस्‍याओं के समधान के लिए आवश्‍यक रूप से विशेष प्रकोष्‍ठ का गठन करें 


नई दिल्ली। गोंडवाना समय। 
केंद्रीय मानव संसाधन विकास  मंत्री  श्री रमेश पोखरियाल निशंक ने नेशनल असेस्‍मेंट एंड एक्रीडेशन काउंसिल (एनएएसी), बेंगलुरु द्वारा आयोजित वेबिनार के माध्‍यम से देश भर की 45,000 से ज्‍यादा उच्‍च शिक्षण संस्‍थाओं के प्रमुखों से बातचीत की। श्री निशंक ने देश भर के उपकुलपतियों/कुलसचिवों/प्रोफेसरों/आईक्‍यूएसी प्रमुखों/ प्रधानाचार्यों/ संकाय सहित शिक्षाविदों के विशिष्‍ट समूह को संबोधित किया और उनके साथ बातचीत की।
महामारी के मौजूदा दौर में एनएएसी द्वारा की गई पहल की सराहना करते हुए श्री पोखरियाल ने देश की उच्‍च शिक्षण संस्‍थाओं का आह्वान किया कि वे मौजूदा हालात को प्रणाली की सीमाओं पर काबू पाने के अवसर की तरह से लें। उन्‍होंने शिक्षाविदों, विद्यार्थियों और अभिभावकों से ऑन-लाइन पद्धति अपनाने और ऐसे हालात तैयार करने का अनुरोध किया जिनसे विद्यार्थियों और उच्‍च शिक्षण संस्‍थाओं के अकादमिक सत्र में बाधा नहीं पहुंचे। उन्‍होंने कहा कि भारत में ऑनलाइन व्‍यवस्‍था को बेहतर बनाने और संवर्धित किए जाने की तत्‍काल आवश्‍यकता है और शिक्षकों को इसकी पहुंच को व्‍यापक बनाने में योगदान देना चाहिए ताकि ऑनलाइन शिक्षा ग्रामीण क्षेत्रों तक भी पहुंच सके
घंटे भर तक चली बातचीत और सम्‍बोधन में केंद्रीय मंत्री ने अकादमिक कैलेंडर, ऑनलाइन शिक्षा, परीक्षाओं, शुल्‍कों, विद्यार्थियों के मानसिक स्‍वास्‍थ्‍य , विद्यार्थियों की समस्‍याओं, फेलोशिप्‍स, एनईईटी, प्रवेश परीक्षओं आदि से संबंधित विभिन्‍न समस्‍याओं और चिंताओं पर विचार किया। उन्‍होंने महामारी की अवधि के दौरान की गई स्‍वयं प्रभा, दीक्षारम्‍भ, परामर्श और  अनेक विशिष्‍ट पहलों के बारे में विस्‍तार से चर्चा की। उन्‍होंने समस्‍त उच्‍च शिक्षण संस्‍थाओं से एनएएसी प्रत्‍यायण प्रक्रिया में भाग लेने का भी अनुरोध किया। उन्‍होंने दोहराया कि भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी उच्‍च शिक्षण संस्‍थाओं के कल्‍याण को लेकर बहुत ज्‍यादा चिंतित हैं और उन्‍होंने विद्यार्थियों की अकादमिक गति‍विधियों को आगे बढ़ाने में हरसंभव मदद का आश्‍वासन दिया।
केंद्रीय मंत्री ने समस्‍त विश्‍वविद्यालयों से एक विशेष प्रकोष्‍ठ का गठन करने को कहा, जो कोविड-19 के कारण उपजे विशेष हालात के कारण उत्‍पन्‍न हो रही विद्यार्थियों की अकादमिक कैलेंडर और परीक्षा जैसी समस्‍याओं का समाधान करने में समर्थ हो। उन्‍होंने कहा कि विद्यार्थियों की विभिन्‍न समस्‍याओं का समाधान करने के लिए यूजीसी और एनसीईआरटी में एक कार्यबल का सृजन किया गया है। श्री निशंक ने भरोसा दिलाया कि मंत्रालय संकट की घड़ी में विद्यार्थियों को हर संभव सहायता उपलब्‍ध कराने के लिए प्रतिबद्ध है। बातचीत के दौरान केंद्रीय मंत्री इस बात पर प्रकाश डाला कि किस प्रकार नए सत्र की प्रक्रिया शुरु होगी, साथ ही उन्‍होंने विस्‍तृत रूप से बताया कि विद्यार्थियों की सुरक्षा को प्राथमिकतादी जाएगी।
श्री निशंक ने शैक्षणिक बिरादरी को कोराना वारियर्स करार दिया क्‍योंकि इस अभूतपूर्व स्थिति में वे विद्यार्थियों को गुणवत्‍तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने के लिए चौबीसों घंटे कार्य कर रहे हैं।
इस अवसर पर यूजीसी के अध्‍यक्ष प्रोफेसर डी पी सिंह, अध्‍यक्ष,ईसी, एनएएसी  प्रोफेसर वीरेंद्र एस चौहानभी मौजूद थे। एनएएसी के निदेशक प्रोफेसर एस सी शर्मा ने इस आयोजन का संचालन एवं समन्‍वयन किया।

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