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आदिवासियों पर एकतरफा वन विभाग व पुलिस द्वारा कार्यवाही किये जाने से गुस्सायें ग्रामीण

आदिवासियों पर एकतरफा वन विभाग व पुलिस द्वारा कार्यवाही किये जाने से गुस्सायें ग्रामीण 

अचानकमार टाइगर रिजर्व क्षेत्र में आदिवासियों को जबरन फंसाने में लगा है वन विभाग 

मुंगेली। गोंडवाना समय।
मुंगेली के लोरमी थाना अचानकमार टाइगर रिजर्व अंतर्गत वन परिक्षेत्र सुरही के ग्राम निवास खार में वन विभाग की टीम पर हमले के आरोप में लगभग 17 आदिवासियों के खिलाफ प्रशासन द्वारा एक तरफा नामजद अपराध दर्ज किया गया है। सूत्र बताते है कि वन विभाग व पुलिस प्रशासन द्वारा जिसमें विभिन्न धाराओं 294, 323, 506 (बी), 186, 188 ,147, 148, 149, 354, 341, 342, 353, 427, 188 इन पर ऐसे अपराध दर्ज किया गया है। ग्रामों में रह रहे ग्रामीण जन प्राचीन काल से वनों से आश्रित जीवन जी कर जीविकोपार्जन करते आ रहे है। वनों में तीर, धनुष, टांगिया लेकर आदिवासी प्राचीन काल से ही विचरण करते हुए आ रहे हैं। यह वनांचल क्षेत्र में रहने वाले आदिवासियों की परंपरागत संस्कृति है। वनों के बिना जीवन की कल्पना नहीं की जा सकती। एक तो पूरा देश लॉक डाउन की वजह से आर्थिक संकट से घिरा हुआ है। जिसमें गरीब ग्रामीण जन यूं ही आर्थिक रूप से परेशान है। वनों से चार, चिरौंजी, लासा, महुआ, तेंदूपत्ता संग्रहण कर बमुश्किल जीवन यापन कर रहे हैं।

वन विभाग गांव में पहुंचकर धमकाने का बाद भड़के ग्रामीण 

वनों में लगे कैमरे के फुटेज में ग्रामीणों का आवागमन कोई विधि विरूद्ध अपराध को सिद्ध नहीं करता है। ग्रामीणों का कहना है कि इसी फुटेज को आधार बनाकर वन विभाग, वन कर्मियों की टीम ग्राम में आकर बेबुनियाद आरोप लगाकर पूरे गांव में घेराबंदी कर ग्रामीणों व महिलाओं के साथ अभद्रता कर विस्थापन करा देने की धमकी देने लगे। इससे ग्रामीण आक्रोशित हो गए और वन विभाग की कार्यवाही का विरोध किया।

लॉकडाउन के दौरान वन विभाग की कार्यवाही से ग्रामीणजन नाराज

हम आपको बता दे कि ग्रामीण जन बताते हैं वन विभागकर्मी हमेशा इस तरह की बेवजह कार्यवाही कर ग्रामीण को परेशान करते रहते हैं। वन विभाग की कार्यप्रणाली किसी से छुपी नहीं है। वर्तमान में लॉक डाउन के समय इस प्रकार से भीड़ लगाना। इसके साथ ही संबंधित थाने में खबर ना करना स्वयं वन विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाता है। इस प्रकार के कार्यप्रणाली अत्याचार से परेशान होकर ग्रामीण जनो द्वारा विरोध जताया गया। बताया जाता है कि इसके बाद वन कर्मियों ने थाने में जाकर कार्यवाही करवाते हुये पुलिस प्रशासन ने भी एक तरफा कार्यवाही करते हुए आदिवासी ग्रामीणों पर कार्यवाही किये जाने की जानकारी सामने आई है। 

निर्दोष आदिवासियों को आखिर क्यों बनाया जाता है दोषी 

वन विभाग व पुलिस प्रशासन द्वारा की गई कार्यवाही से नाराज हुये गोंगपा के ब्लॉक अध्यक्ष भुवन श्याम ब्लॉक उपाध्यक्ष और वीर गुण्डाधुर युथ फोर्स के जिला अध्यक्ष मुकेश शाह टेकाम, गोंगपा प्रवक्ता स्वार्थ सिंह धुर्वे, वीर गुण्डाधुर युथ फोर्स सरंक्षक दिनेश शाह उइके, गोंगपा ब्लॉक सचिव तीजेस मरकाम ने निवासखार में पहुंचकर ग्रामीणों से जो चर्चा किया। जहां पर उन्हें एकतरफा कार्यवाही को लेकर वास्तविकता की जानकारी मिली। इस मामले में उन्होंने बताया कि सत्ता, सरकार, शासन प्रशासन हमेशा की तरह बिना वजह और बिना किसी ठोस कारण ही निर्दोष आदिवासियों को ही दोषी बनाकर कानूनी धाराओं के तहत प्रकरण कायम कर उन्हें प्रताड़ित करती है। 

 ये हुआ था घटनाक्रम

सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार बीते 2 मई 2020 को दोपहर में लगभग 2 बजे की घटना है। जहां पर ग्राम निवासखार ब्लॉक लोरमी जिला मुंगेली मेें रेंजर संदीप ठाकुर के साथ 3 चार पहिया और 25 मोटरसाइकल में लगभग 60 कर्मचारी आये और राम प्रसाद गोंड पिता अघनु गोंड के घर आये और सीधा बिना पूछे तलाशी शुरू कर दिया था। इस दौरान घर में कीमतों सामनों व अनाज को बिखेर दिया गया था वहीं अपशब्दों का उपयोग कर अभद्रता भी किया गया था। उसके बाद अमर सिंह बैगा के घर मे जाकर उसके पत्नी से पति के बारे में पूछताछ करते हुये भी अभद्रता किया गया। इसी तरह रामचरण गोंड पिता सम्हर गोंड के घर के बाहर एवं रामकुमार आरमो के रामचरण के सामने कांच की गाड़ी में बन्द कर दिया गया। शंकर दसरू बैगा के घर जाकर भी अभद्रता किये जाने की जानकारी ग्रामीणों ने दिया है। 

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