Type Here to Get Search Results !

9 हजार 500 करोड़ की अतिवृष्टि और बाढ़ से हुई हानि-मुख्यमंत्री

9 हजार 500 करोड़ की अतिवृष्टि और बाढ़ से हुई हानि-मुख्यमंत्री 

कुल 8 हजार 442 गांवों में नुकसान, कोई जनहानि न होने देना, बड़ी उपलब्धि, 

केन्द्रीय दल ने मुख्यमंत्री से की मुलाकात


भोपाल। गोंडवाना समय।

मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि प्रदेश में अतिवृष्टि और बाढ़ के कारण प्रारंभिक आकलन के अनुसार लगभग 9 हजार 500 करोड़ की हानि हुई है। प्रदेश में फसलें, मकान, पशु हानि के साथ-साथ सड़कों तथा अधोसंरचना को हुई क्षति के कारण व्यवस्थाएं प्रभावित हुईं। इस स्थिति में लोगों को अपने घरों से रेस्क्यू कर राहत शिविरों में पहुंचाया गया। जनहानि न हो इसके प्रयास किए गए और इसमें सफलता भी मिली। 

अधिक नुकसान की स्थिति भी आ सकती है सामने 

मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि मध्यप्रदेश में बीते पखवाड़े अतिवर्षा से हुई हानि की विस्तृत जानकारी केन्द्र सरकार को दी गई है। सर्वे कार्य निरंतर जारी है और अधिक नुकसान की स्थिति भी सामने आ सकती है। राज्य सरकार ने प्रभावित लोगों को अधिकाधिक सहायता दी है। आगे भी राहत पहुँचाने में कोई कसर नहीं छोड़ी जाएगी। केन्द्रीय अध्ययन दल के प्रभावित जिलों में भ्रमण के पश्चात राहत कार्यों को पूरी तरह से पूर्णता तक पहुंचाने में सहयोग मिलेगा। मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान शुक्रवार को निवास पर, बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का अवलोकन और अध्ययन करने आए केन्द्रीय अध्ययन दल के सदस्यों से चर्चा कर रहे थे। इस अवसर पर मुख्य सचिव श्री इकबाल सिंह बैंस, कृषि उत्पादन आयुक्त श्री के.के. सिंह, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री श्री मनीष रस्तोगी और अन्य अधिकारी उपस्थित थे। अध्ययन दल के समक्ष गुरुवार को विस्तृत प्रजेंटेशन के माध्यम से भी प्रदेश के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों की स्थिति को सामने रखा जा चुका है।

पृथक केन्द्रीय दल भेजने का अनुरोध

मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि फसल बीमा और राहत राशि से नुकसान की भरपाई की जा रही है, परन्तु कीट-व्याधि से हुए नुकसान की पूर्ति के लिए केन्द्र से सहयोग की अपेक्षा है। उन्होंने कहा कि कीट-व्याधि के कारण फसलों को बहुत अधिक नुकसान हुआ है। प्रदेश का राजस्व अमला उस नुकसान का सर्वे कर रहा है। उन्होंने कीट-व्याधि से हुए नुकसान के आकलन के लिए भी पृथक से केन्द्रीय अध्ययन दल भेजे जाने का अनुरोध किया। बैठक में जानकारी दी गई कि मुख्यत: सोयाबीन, मक्का तथा चने की फसल कीट व्याधि से प्रभावित हुई है। प्रदेश में 15 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में फसलें और 17 लाख कृषक कीट-व्याधि से प्रभावित हैं।

लगातार निगरानी से जनहानि रोकने में मिली सफलता

मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने बताया कि 28 एवं 29 अगस्त को अतिवृष्टि से जलस्तर खेतों के साथ ग्रामीण आवासीय क्षेत्रों तक पहुंच गया था। सेना और अन्य राहत दलों ने सतर्कतापूर्वक दिन-रात कार्य किया। निरंतर मॉनीटरिंग की गई। प्रदेश के 12 जिले गंभीर रूप से और 23 जिले आंशिक रूप से प्रभावित हुए। कुल 8 हजार 442 गांवों में नुकसान हुआ। मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने बताया कि वे स्वयं भी 48 घंटे सोये नहीं। तत्काल प्रभावित क्षेत्रों का भ्रमण कर लोगों की जीवन रक्षा और राहत शिविरों में उनके ठहरने और खाने-पीने की व्यवस्था का कार्य सुनिश्चित किया। श्री चौहान ने कहा कि परिणाम स्वरूप हमें इस बात का संतोष है कि पूरे अमले की सक्रियता के परिणामस्वरूप जनहानि रोकने में सफल हुए।

औसत से 39 प्रतिशत तक अधिक हुई वर्षा

मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने बताया कि सीहोर, रायसेन, होशंगाबाद, हरदा, देवास सहित इन्दौर, आगर-मालवा, भोपाल और छिंदवाड़ा में औसत से 26 से 39 प्रितशत तक अधिक वर्षा अगस्त माह में दर्ज की गई। प्रदेश में होमगार्ड, सेना, एसडीईआरएफ और एनडीईआरएफ ने रेस्क्यू आॅपरेशन के लिए सक्रिय होकर कार्य किया। प्रदेश में 13 हजार 344 लोग रेस्क्यू किए गए। अतिवर्षा से अधिक प्रभावित जिलों में उज्जैन, खरगौन, खण्डवा, विदिशा, निवाड़ी, नरसिंहपुर, सिवनी से कुल 22 हजार 546 लोगों को उनके निवास स्थान से हटाकर सुरक्षित किया गया। प्रदेश में कुल 231 राहत शिविर स्थापित किए गए।

फसलों और मकानों को हुआ नुकसान

मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने बताया कि अतिवर्षा और बाढ़ से 24 जिलों में लगभग 11 लाख 30 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में फसलों का नुकसान हुआ है। करीब 11 लाख 34 हजार किसान प्रभावित हुए हैं। लगभग 60 हजार मकान बाढ़ से क्षतिग्रस्त हुए। सरकार ने फौरी राहत के लिए पूरे प्रयास किए हैं। अभी भी लोगों को राहत की आवश्यकता है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने केन्द्रीय दल से प्रदेश के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के विस्तृत निरीक्षण और प्रभावित व्यक्तियों से मुलाकात और चर्चा के बाद क्षति की विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करने का आग्रह किया।

Post a Comment

0 Comments
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.