नवगठित नगर परिषद छपारा का गठन असंवैधानिक-रावेन शाह उईके
ग्राम पंचायत को नगर पंचायत बनाने के मामले में छत्तीसगढ़ राज्यपाल जैसी कार्यवाही की मध्य प्रदेश में भी उठ रही मांग
ग्राम पंचायत छपारा को नगर पंचायत बनाने पर सामाजिक कार्यकर्ता ने रावेन शाह उईके ने लगाई आपत्ति
सिवनी। गोंडवाना समय।
अनुसूचित क्षेत्रों में ग्राम पंचायतों को नगर पंचायत बनाये जाने के मामले में छत्तीसगढ़ की राज्यपाल सुश्री अनुसुुइया उईके जी के द्वारा की गई कार्यवाही के बाद अब ऐसे राज्य जहां पर अनुसूचित क्षेत्र आते है वहां पर ग्राम पंचायत से नगर पंचायत बनाये जाने के मामले में संवैधानिक प्रावधानों की आवाज उठने लगी है। हम आपको बता दे कि छत्तीसगढ़ में राज्यपाल सुश्री अनुसुइया उईके जी नगर पंचायत मरवाही के गठन पर आपत्ति जताई थी। वहीं शासन को आगामी कार्यवाही स्थगित करने के दिए निर्देश दिये गये थे। वहीं इस संबंध में नगरीय प्रशासन विकास विभाग को पत्र जारी कर परीक्षण कराने के निर्देश देते हुए राजभवन सचिवालय को प्रतिवेदन देने को कहा गया था। इसके साथ ही बीते दिनों संबंधित विभाग के प्रमुख अधिकारियों को राज्यपाल द्वारा राजभवन तलब किया गया था।
27 ग्राम पंचायतों को नगर पंचायत परिवर्तन पर जताई थी आपत्ति
चूंकि नवगठित जिला गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही पांचवी अनुसूची के अन्तर्गत आता है। इसलिए इस विषय पर राज्यपाल ने तत्काल संज्ञान लेते हुए कार्यवाही करने के निर्देश दिए थे, इस विषय पर जारी पत्र में उल्लेख किया गया था कि भारत के संविधान की भाग 9 क नगर पालिकाएं अनुच्छेद 243 यग (क) के अनुसार इस भग की कोई बात अनुच्छेद 244 के खण्ड(1) में निर्दिष्ट अनुसूचित क्षेत्रों में लागू नहीं होता। अत: नगर पालिका अधिनियम 1961 का प्रावधान इस कानून के तहत अनुच्छेद 244 (1) में निर्दिष्ट अनुसूचित क्षेत्रों में लागू नहीं होगा। उल्लेखनीय है कि राज्यपाल ने पूर्व में छत्तीसगढ़ में करीब 27 ग्राम पंचायतों को नगर पंचायत में परिवर्तन किये जाने पर आपत्ति जताई थी। साथ ही पत्र लिखकर शासन को कार्यवाही करने को कहा था।
अधिसूचना महामहिम राज्यपाल के नाम से जारी किया गया है न कि राज्यपाल के द्वारा जारी किया गया है
पांचवी अनुसूची क्षेत्र छपारा में भी ग्राम पंचायत छपारा को नगर पंचायत बनाये जाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। इसके लिये चतुरसीमा व वार्ड को लेकर आपत्ति भी स्थानीय प्रशासन द्वारा मंगाई गई है। छपारा ग्राम पंचायत को नगर पंचायत बनाये जाने के मामले में सामाजिक कार्यकर्ता रावेन शाह उईके ने आपत्ति दर्ज कराई है। आपत्ति में उन्होंने लेख किया है कि राज्य शासन के द्वारा नगर परिषद का गठन किया गया है तथा उक्त जारी अधिसूचना महामहिम राज्यपाल के नाम से जारी किया गया है न कि राज्यपाल के द्वारा जारी किया गया है।
अधिसूचना महामहिम राज्यपाल के द्वारा जारी नहीं किया जाता जबकि लोक अधिसूचना जारी की जाती है। महामहिम राज्यपाल के द्वारा लोक अधिसूचना भारत का संविधान अनुच्छेद 244 (1) भाग (ख) पारा 5 (1) के तहत जारी नहीं किया गया है। तथा जारी लोक अधिसूचना संबंधित विभाग के कार्यालय में उपलब्ध नहीं है। वहीं भारत का संविधान अनुच्छेद 243 भाग (क) (ख) (ग) तथा (ड) के तहत भी महामहिम राज्यपाल के द्वारा इस भाग नगर पालिका/नगर परिषद के प्रयोजनों के लिये लोक अधिसूचना द्वारा नगर पालिका/नगर परिषद के रूप में विनिर्दिष्ट नहीं किया गया है।
मध्य प्रदेश नगर पालिका अधिनियम 1961 के तहत नवगठित नगर परिषद छपारा का गठन असंवैधानिक है। सामाजिक कार्यकर्ता रावेन शाह उईके ने आपत्ति प्रस्तुत करते हुये नगर परिषद छपारा तथा वार्डों की संख्या निर्धारण एवं वार्ड विभाजन पर पूर्णतय: प्रतिबंध लगाये जाने की मांग किया है।