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भाजपा विधायक समर्थक जनपद सदस्य किसानों को दे रहे सलाह लागत वाली फसल करना छोड़ दो

भाजपा विधायक समर्थक जनपद सदस्य किसानों को दे रहे सलाह लागत वाली फसल करना छोड़ दो

अमरवाड़ा से छपारा क्षेत्र के गांव में नहर आंदोलन की आवाज को दबाने सोशल मीडिया का ले रहे सहारा 

राजनीतिक लूट और किसान के धेर्य में जंग जारी है, ये तो वक्त ही बतायेगा कि पलड़ा किसका भारी है




सिवनी/अमरवाड़ा। गोंडवाना समय।

अमरवाड़ा ब्लॉक व छपारा ब्लॉक के कुछ ग्रामों के किसानों के द्वारा खेतों में सिंचाई की समस्या से परेशान होकर संघर्ष कर जूझते हुये और जनप्रतिनिधियों के द्वारा चुनाव के पहले वोट लेने के लिये हर बार सिंचाई के लिये पानी की सुविधा किसानों को दिलाने के लिये कहा जाता है और चुनाव जीतने के बाद भूल जाते है। इसलिये अब किसान स्वयं ही बिना किसी राजनैतिक दल के साथ गैर राजनैतिक रूप से सभी को एक मंच किसाना महापंचायत के माध्यम से अपने खेतों तक पानी की सुविधा के लिये नहर आंदोलन के लिए सक्रिय भूमिका के साथ आगे बढ़ रहे हैं। किसान अपने-अपने गांव, खेत-खलिहान में नहर लाने के लिए सहमति एवं कार्य योजना बनाने में लगे हुए हैं। जिससे कि आगामी समय में सरकार के कानों तक बुलंद आवाज की गड़गड़ाहट हो तो नींद से जाग सके। 

11 अक्टूबर को ग्राम जमुनिया केवलारी में जमा करेंगे गांव-गांव से आये मांग पत्र 

वहीं किसानों के द्वारा शासन प्रशासन को भी आवेदन निवेदन ज्ञापन के माध्यम से सिंचाई की समस्याआें से अवगत कराया जाना है। इसके लिये  अमरवाड़ा ब्लॉक के कुछ ग्राम व छपारा ब्लॉक के ग्रामों के किसानों द्वारा ग्राम पंचायत से एवं जनपद सदस्य, जिला पंचायत सदस्य, ग्राम सभा का प्रस्ताव, पंचायत का प्रस्ताव स्वीकृत कराकर लाने की योजना के तहत काम कर रहे है। जिसे उनके द्वारा प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री, क्षेत्रिय विधायक, सांसद, कलेक्टर, जल संसाधन विभाग के उच्चाधिकारियों तक भेज सके। इसके लिये किसानों के द्वारा गांव-गांव में हस्ताक्षर अभियान चलाया जा रहा है। इस कार्य को पूर्व जनपद सदस्य लालचंद धुर्वे तुलफ, सदम सिंह वरकडे बंधानी, पटेल विष्णु वर्मा घोघरी, उपसरपंच प्रभु दयाल कुमरे, सामाजिक कार्यकर्ता रामजी इनवाती तुलफ, दल सिंह अहाके तुलफ, गोविंद उईके खैरानरा के द्वारा फार्म को भरवाया जा रहा है जिसे गांव से भरकर 11 अक्टूबर 2020 को ग्राम जमुनिया केवलारी में जमा करेंगे। किसान महापंचायत में अमरवाड़ा व छपारा क्षेत्र के ग्राम के किसान जुटेंगे। 

सीताफल के रेट अच्छे है, इसलिये लागत वाली फसल करना छोड़ दे


लाठी/खंता परयान/ किसानी सभ्यता का प्रतीक है, क्षेत्रिय किसान यह बताते है कि हमारे बुजुर्ग हर वक्त अपने साथ रखते थे लेकिन हमने छोड़ दिया तभी तो हमारे ऊपर लट्ठ पड़ रहे हैं। इसके साथ ही अमरवाड़ा व छपारा ब्लॉक के गांव-गांव में नहर आंदोलन जिंदाबाद का नारा बुलंद हो रहा है। इसमें माचागोरा बांध अमरवाड़ा, खिरेटी, मरकावाड़ा क्षेत्र, छपारा-लकवाह, तुलफ क्षेत्र में लाये जाने की मांग किसानों के द्वारा किया जा रहा है। वहीं दूसरी और भाजपा विधायक के खास समर्थक जनपद सदस्य राजीव उईके किसानों के इस आंदोलन धोखा बता रहे, असंभव बता रहे है, यह क्षेत्रिय लोगों को बहकाने की योजना बता रहे है यह कभी संभव नहीं हो सकता है बताते हुये प्रचार कर रहे है। इतना ही नहीं भाजपा विधायक के विशेष समर्थक जनपद सदस्य राजीव उईके ने बकायदा सोशल मीडिया में यह लिखकर पोस्ट किया है कि बिना लागत की फसल सीताफल के रेट अच्छे है, इसलिये लागत वाली फसल करना छोड़ दे, मतलब भाजपा विधायक के समर्थक भाजपा के ही नेता जनपद पंचायत सदस्य किसानों को यह सलाह दे रहे है कि आपको यदि लागत आ रही तो अब फसल ही लगाना बंद कर दे सिर्फ सीताफल बेचकर ही अपना घर परिवार का पालन पोषण करें। 

भाजपा बताने जा रही कृषि बिल के लाभ, जनपद सदस्य फसल नहीं लगाने की दे रहे सलाह 

जहां एक और भाजपा किसानों को केंद्र सरकार द्वारा पास बिल का लाभ बताने के लिये गांव-गांव जाने की तैयारी कर रही है तो वहीं दूसरी और भाजपा के ही नेता किसानों को यह सलाह दे रहे है कि आप फसल लगाना ही बंद कर दो। खेत में नहर के माध्यम से सिंचाई के लिये पानी लाने के लिये स्वयं किसान जब अपनी आवाज एकता के साथ मजबूत कर रहे है तो भाजपा के नेता जनपद सदस्य राजीव उईके सोशल मीडिया के माध्यम से किसानों की आवाज को दबाने की रातदिन कोशिश कर रहे है, किसानों को पर्सनल मोबाईल नंबर में विवादित मैसेज भेजकर संदेश दे रहे है। वहीं नहर आंदोलन करने वाले युवा किसानों का भी कहना है कि किसान बचाओ देश बचाओ, राजनीतिक लूट और किसान के धेर्य में जंग जारी है, ये तो वक्त ही बतायेगा की पलड़ा किसका भारी है। 

यहां से आ सकता नहर से किसानों के खेत तक पानी 

माचागोरा डेम से नहर चौरई से होते हुए रामगढ़ कुंडा, उमरिया, लिंगपानी, खेरिटी से  झिलमिली मरकावाडा, शकरवाड़ा, सालीवाड़ा, घोगरी, दरवई, नाकाटोला, लहगडुआ, धसनवाड़ा, फारसबेल, घूगरला, निवारी, पेठ देवरी, जंगवाडा, थावोंरी, मुआरी, गहरानाला, डुंगरिया, धतुरिया, खेरिटी, पिपरिया, बीजा देवरी, बारहहीरा, केवलारी, कोंडरा, देवतामऊ, बारी, पीपरढाना, भौंरगढ़, ठेलनदी, दिघोरी, लकवाह, दरबईटोला, जटलापुर, ऊपर बंजर, औरैया रैयत, ढारिया, बंदरिया, केवलारी, जमुनिया रामगढ़, भटमतरा, खैरी, जामुनटोला, बकोड़ा सिवनी, पिंडराई बंजर, खटकर, लुड़गी, तुलफ, बेरढाना, कोडरा, जामुन टोला, सागर, ढुलबजा, दानीमेटा आदि और गावों को भी किसानों ने अपने नहर आंदोलन के साथ जोड़ने की रणनीति बना रहे है। 

गरीब हो या अमीर सभी को किसान अनाज देकर पेट भरता है 

इन सभी गांव के किसान को पानी की जरूरत है। इसके लिये क्षेत्र के सभी जनप्रतिनिधि ग्राम पंचायत, जिला पंचायत सदस्य, जनपद सदस्य, पंच एवं सभी पूर्व पदाधिकारी अपने अपने लेटर पेड में प्रस्ताव देकर किसान आंदोलन का समर्थन करें इसकी मुहिम किसानों के द्वारा चलाई जा रही है। इसके लिये वे गांव में महिला-पुरुष, युवा किसान हस्ताक्षर अभियान से जुड़कर इस मुहिम में शामिल होकर सहयोग देकर खेती को उन्नत खेती, विकसित खेती बनाएं, जाने का अभियान चलाया जा रहा है। पानी है तो बानी है, किसान के खेत से चिड़िया, पक्षी, अन्य जीव-जंतु, जानवर और मजदूर, किसान, सेठ साहूकार हो या दुकानदार, व्यापारी छोटा हो या बड़ा, गरीब हो या अमीर सभी को किसान अनाज देकर पेट भरता है। इस दौरान सभी कोरोना वायरस संक्रमण की रोकथाम के लिये प्रचार-प्रसार भी किया जा रहा है। मास्क लगाएं सोशल डिस्टेंस का पालन करें, आत्मनिर्भर भारत बनाएं। वहीं इसके लिये 11 अक्टूबर 2020 को ग्राम जमुनिया केवलारी में किसान पंचायत में किसानों से पहुंचने की अपील भी की जा रही है। 

नहर का नक्शा दिखाकर कांग्रेस ने नकुल नाथ के लिये मांगा था वोट 


छिंदवाड़ा जिले के सांसद नकुलनाथ गांव के किसानों को पानी की सुविधा लालच देकर नक्शा दिखाकर चुनाव जीतकर सांसद तो बन गये है लेकिन किसानों से किया वादा को वह भूल गये है। इसको लेकर अमरवाड़ा ब्लॉक के किसान सासंद नकुल नाथ से नाराज भी है। क्षेत्रिय किसानों ने चर्चा में बताया कि वर्ष 2016 में अमरवाड़ा ब्लॉक के किसानों के द्वारा आंदोलन किया गया था। इसके बाद क्षेत्रिय किसान माचागोरा डेम परियोजना अधिकारियों के कार्यालय छिंदवाड़ा में 2 बस भरकर व अन्य वाहनों से पहुंचे थे। जहां पर किसानों को माचागोरा डेम से संबंधित तकनीकि अधिकारियों ने बताया था कि इसके लिये संभावित सकरवाड़ा डेम में पानी गिराके वहां से सालीवाड़ा वहीं से जंगल के किनारे बिनैकी से धतुरिया से मरकावाड़ा, लिंगपानी, वहां से घोघरी, से लकवाह तक यानि सिवनी जिले के छपारा ब्लॉक तक में पानी किसानों के खेतों में पहुंचाया जा सकता है। इसके लिये क्षेत्र में जल संसाधन विभाग के द्वारा सर्वे व जानकारी लेने के लिये पहुंचे थे। किसान चेतन कुमरे ने बताया कि लोकसभा चुनाव के समय सांसद नकुल नाथ के चुनाव में उम्मीदवार के समय में कांग्रेस पार्टी वालो ने किसानों को इस क्षेत्र में नहर के माध्यम से पानी आयेगा इसका नक्शा भी दिखाया था। कहा था कि आपके क्षेत्र में भी नहर का पानी किसानों को सिंचाई के लिये मिलेगा आप नकुल नाथ को सांसद बनाओ और नकुल नाथ चुनाव जीतकर सांसद भी बन गये लेकिन किसानों को नहर के माध्यम से पानी दिलाने का वादा भूल गये है। 

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