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केंद्र सरकार देश में स्थापित राष्ट्र की संपत्ति शासकीय प्रतिष्ठानों को निजी कंपनियों को बेचना तत्काल बंद करें

केंद्र सरकार देश में स्थापित राष्ट्र की संपत्ति शासकीय प्रतिष्ठानों को निजी कंपनियों को बेचना तत्काल बंद करें

आरक्षित वर्ग विभिन्न मुद्दों को लेकर राजधानी में हजारों की संख्या में जुटे 


रायपुर। गोंडवाना समय। 

आरक्षण बचाओ, संविधान बचाओ संयुक्त आंदोलन महासंघ छत्तीसगढ़ द्वारा संविधान दिवस मना कर अपनी मांगों के समर्थन में महामहिम राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी, महामहिम राज्यपाल, मुख्यमंत्री छत्तीसगढ़ शासन श्री भूपेश बघेल के नाम ज्ञापन सौपा गया।
        अपनी बात रखते हुए अनुसूचित जनजाति शासकीय सेवक विकास संघ छत्तीसगढ़ के प्रांताध्यक्ष श्री आर एन ध्रुव ने कहा कि सरकार द्वारा आरक्षित वर्ग के संवैधानिक हितो की लगातार अनदेखी किए जाने के कारण इस वैश्विक महामारी कोरोनाकाल में भी हजारों की संख्या में आरक्षित वर्ग के अधिकारी कर्मचारी गण सामुहिक अवकाश लेकर पहली बार राजधानी रायपुर के ईदगाह मैदान लाखेनगर में एकत्रित होकर सभा, प्रदर्शन हेतु मजबूर हुए हैं। 

आरक्षित वर्ग को भी न्यायिक सेवा में अनुपातिक रूप से प्रतिनिधित्व की मांग


उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार देश में स्थापित राष्ट्र की संपत्ति शासकीय प्रतिष्ठानों को निजी कंपनियों को बेचना तत्काल बंद करें। केंद्र सरकार कॉलेजियम सिस्टम समाप्त कर सुप्रीम कोर्ट एवं हाईकोर्ट में संविधान अनुच्छेद 312(1)(3) न्यायाधीशों की नियुक्ति यूपीएससी के पैटर्न पर अनुच्छेद 124 एवं 217 में संशोधन कर सुप्रीम कोर्ट, हाईकोर्ट के जजों का भी अखिल भारतीय न्यायिक सेवा आयोग के माध्यम से चयन किए जाने तथा शासकीय अधिवक्ताओं, विधि अधिकारियों का चयन प्रतियोगी परीक्षा व पदोन्नति द्वारा किये जाने हेतु आरक्षित वर्ग को भी न्यायिक सेवा में अनुपातिक रूप से प्रतिनिधित्व की मांग किए है।
         इसके साथ ही पदोन्नति में आरक्षण लागू करने हेतु छत्तीसगढ़ शासन तत्काल ठोस पहल करने एवं इस दौरान हाईकोर्ट के आदेश का गलत व्याख्या कर नियम विरूद्ध संवैधानिक प्रावधानों का उलंघन कर  अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के लिये स्थान सुरक्षित रखे  बिना आरक्षण रोस्टर के विरूद्ध किये गये सभी पदोन्नति को रद्द करने व कर्नाटक की तरह एक माह मे क्वांटीबाईबल डाटा एकत्र कर पदोन्नति मे परिणामिक वरिष्ठता सहित नवीन/संशोधन आरक्षण अधिनियम, नियम बनाये जाने की मांग किए हैं।

फर्जी जाति प्रमाण पत्र व जारीकर्ता पर कार्यवाही की मांग 

छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के अम्बेडकर चौक में संविधान के प्रस्तावना का सामुहिक वाचन पश्चात अपनी विभिन्न मांगों के समर्थन में निम्न प्रमुख मुद्दों पर केंद्र सरकार एवं राज्य सरकार का ध्यान आकृष्ट कराते हुए फर्जी जाति प्रमाण पत्र धारियों व जारीकर्ता, संरक्षण, सहायता करने वाले अधिकारियों के खिलाफ सरकार की घोषणा के अनुरूप तत्काल टीआरआई द्वारा एफआईआर केवियट दर्ज करने एवं विभाग द्वारा तत्काल सेवा से बर्खास्तगी, वसुली सुप्रीम कोर्ट के फैसला स्टे 6 माह से अधिक नही रहेगा स्वत: निरस्त हो जायेगा और एफसीआई विरुद्ध जगदीश बलराम बहिरा मे जारी आदेश के अनुसार हाईकोर्ट से स्टे हटवाने की कार्रवाई किये जाने की मांग की गई है। 

बैकलाग, रोस्टर का पालन व जांच कराने की मांग 

इसके साथ ही शिक्षा विभाग छत्तीसगढ़ द्वारा उत्कृष्ट अंग्रेजी माध्यम के स्कूलों में बगैर आरक्षण रोस्टर का पालन किए व्याख्याता, सहायक ग्रेड 3, ग्रंथपाल आदि  के पदों पर की जा रही भर्ती में आरक्षण रोस्टर का पालन किए जाने।
         एकलव्य विद्यालय व स्वामी आत्मानंद इंग्लिश मीडियम स्कूल में प्रतिनियुक्ति ना करके सीधी भर्ती में आरक्षण की मांग, सभी विभागों के नियुक्तिए पदोन्नति से भरे जाने वाले रिक्त पदों बैकलाग पदों, रोस्टर, बैकलाग रोस्टर की जांच तत्काल गठित स्थायी समिति से कराने जाने की मांग की गई है। 

अनुकंपा नियुक्ति व पेशा एक्ट लागू किये जाने की मांग 

वहीं संविधान दिवस के अवसर पर सौंपे गये ज्ञापन में अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के अधिकारियों, कर्मचारियों के लंबित शिकायत, विभागीय जांच, निलंबन, स्थानांतरण, पदोन्नति के प्रकरणों का शीघ्र निराकरण करने कमेटी गठित करने, अनुसूचित जाति, जनजाति वर्ग के अनुकंपा नियुक्ति के लंबित प्रकरणो में तत्काल संज्ञान लेकर अनुकंपा नियुक्ति दिलाए जाने, पांचवी अनुसूची क्षेत्र में संपूर्ण रुप से पेसा एक्ट को लागू किया जाने की मांग की गई है। 

छात्रवृत्ति में आय सीमा व सीधी भर्ती के लिए विज्ञापन निकाले जाने की मांग 

संविधान दिवस के अवसर पर सौंपे गये ज्ञापन में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति वर्ग के विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति हेतु निर्धारित ढाई लाख की आय सीमा हटाने, अनुसूचित जाति, जनजाति का निर्धारण जन्म से ही होता है। इसलिए आय सीमा की बाध्यता समाप्त करने, संविदा भर्ती एवं आउटसोर्सिंग पर पूर्ण रूप से रोक लगाकर सीधी भर्ती  किये जाने, वर्ष 2000 से लेकर 2020 तक बैकलॉग की पदों की गणना कर सीधी भर्ती के लिए विज्ञापन निकाले जाने की मांग की गई है। 

आरक्षण को संविधान की नौवी अनुसूचि में शामिल करने की मांग 

संविधान दिवस के अवसर पर सौंपे गये ज्ञापन में आरक्षण को संविधान के नौवीं अनुसूची में शामिल करने के लिए विधानसभा में प्रस्ताव पारित कर भारतीय संविधान संशोधन हेतु भारत सरकार को प्रेषित किया जाने सहित विभिन्न मुद्दों को लेकर ज्ञापन सौंपा गया।
         अनुसूचित जाति,अनुसूचित जनजातियों के ऊपर हो रहे अन्याय अत्याचार के खिलाफ संघर्ष के लिए आरक्षित वर्ग के विभिन्न संगठन जिसमें प्रमुख अजाक्स छत्तीसगढ़, अनुसूचित जनजाति शासकीय सेवक विकास संघ छत्तीसगढ़, अनुसूचित जाति, जनजाति का अखिल भारतीय परिसंघ छत्तीसगढ़, अनुसूचित जाति, जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग, अल्पसंख्यक छत्तीसगढ़, राष्ट्रीय अति पिछड़ा मोर्चा छत्तीसगढ़, अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति विद्युत मंडल कर्मचारी संघ, अनुसूचित जाति-जनजाति रविशंकर विश्वविद्यालय संघ, अपाक्स छत्तीसगढ़  सहित अन्य संगठनों द्वारा संयुक्त रूप से आरक्षण बचाओ, संविधान बचाओ संयुक्त आंदोलन महासंघ छत्तीसगढ़ के बैनर तले  किया गया। आरक्षित वर्ग के सभी वर्गों ने कहा कि मांग पूरा नहीं होने की स्थिति में भविष्य में बड़े आंदोलन किया जावेगा।


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