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अब जनजातीय बच्चों को उच्च शिक्षा के लिए बाहर नहीं जाना पड़ेगा, जनजातीय बहुल क्षेत्रों में खोले जाएंगे कॉलेज

अब जनजातीय बच्चों को उच्च शिक्षा के लिए बाहर नहीं जाना पड़ेगा, जनजातीय बहुल क्षेत्रों में खोले जाएंगे कॉलेज

मुख्यमंत्री ने सीहोर के लाड़कुई गांव में शासकीय महाविद्यालय भवन का लोकार्पण किया

यह केवल भवन नहीं बल्कि शिक्षा का मंदिर है




भोपाल। गोंडवाना समय।

मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि अब जनजातीय बच्चों को उच्च शिक्षा के लिए बाहर नहीं जाना पड़ेगा। जनजातीय बहुल क्षेत्रों में कॉलेज खोले जाएंगे। मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने रविवार को सीहोर जिले की नसरूल्लागंज तहसील के ग्राम लाड़कुई में 65 लाख रूपए की लागत से बनाए गए शासकीय स्नातक महाविद्यालय के नवनिर्मित भवन का लोकार्पण किया।

लाड़कुई में अब 30 कमरों का महाविद्यालय भवन बनकर तैयार


मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने अपने संबोधन में कहा कि लाड़कुई में अब 30 कमरों का महाविद्यालय भवन बनकर तैयार है। इससे लाड़कुई सहित आस-पास के बच्चों की कॉलेज की पढ़ाई आसान हो जाएगी। अब बच्चों को उच्च शिक्षा के लिए सीहोर, नसरूल्लागंज अथवा भोपाल नहीं जाना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि जनजातीय बच्चों की उच्च शिक्षा के लिए आवश्यक सभी सुविधाएँ शासन द्वारा प्रदान कीजाएंगी।

अगले वर्ष से बी.एससी. और बी.कॉम कक्षाएं भी

मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि अगले वर्ष से लाड़कुई महाविद्यालय में बी.एससी. एवं बी.कॉम की कक्षाएं भी प्रारंभ हो जाएंगी। उन्होंने कहा कि यह केवल भवन नहीं बल्कि शिक्षा का मंदिर है, इसकी देखभाल आप सभी को करनी है। उन्होंने बच्चों के सुनहरे भविष्य की कामना की। गाँव में दशहरा मैदान बनाए जाने की मांग पर विचार किए जाने का आश्वासन भी दिया।

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