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बैगा जनजाति के लिए पृथक से बैगानी धर्म कोड लागू किया जाये अन्यथा बैगा जनजाति का हिंदू धर्म कोड यथावत रहने दिया जावे

बैगा जनजाति के लिए पृथक से बैगानी धर्म कोड लागू किया जाये अन्यथा बैगा जनजाति का हिंदू धर्म कोड यथावत रहने दिया जावे

सर्वआदिवासी के लिए पृथक से धर्म कोड लागू किया जाता है तो बैगा जनजाति के अतित्व को खतरा है

बैगा आदिम जनजाति समाज विकास एवं कल्याण संघ मध्य प्रदेश ने सौंपा ज्ञापन


मण्डला। गोंडवाना समय। 

विशेष पिछड़ी बैगा जनजाति समुदाय आदि काल से वनांचलों एवं दूरदराज ग्रामीण क्षेत्रों में निवास करते आ रहा है। शासन द्वारा बैगा जनजाति के विभिन्न योजनाओं को लागू किये जाने बावजूद बैगा जनजाति तक मूलभूत सुविधाएं नहीं पहुंच पाती। आज भी बैगा जनजाति का जीवन वनों पर निर्भर है बैगा बाहुल्य क्षेत्रों में शिक्षा का स्तर अत्यन्त दयनीय है।
            विभिन्न सुविधाओं के अभाव में बैगा जनजाति विलुप्त होने की कगार पर है। इस संबंध में बैगा जनजाति के हितों के संबंध में मांगों की पूर्ति हेतु ज्ञापन महामहिम राज्यपाल, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री व आदिम जाति कल्याण मंत्री के नाम कलेक्टर मंडला के माध्यम से 9 सूत्रिय मांगों को लेकर सौंपा गया। 

बैगा बाहुल्य ग्रामों में शिक्षा का स्तर अत्यंत दयनीय 

ज्ञापन में शिक्षा व्यवस्था मध्यप्रदेश शासन द्वारा बैगा जनजाति की शिक्षा में सुधार लाने के लिए अनेकों प्रयास किय जा रहे हैं किन्तु वनांचलों में विद्यालयों एवं शिक्षकों की कमी तथा शिक्षकों द्वारा घर से विद्यालय अप-डाउन करने कारण शिक्षा व्यवस्था चौपट होते जा रही है।  मण्डला, डिंडौरी, बालाघाट, उमरिया, शहडोल अनुपपुर जिलों के बैगा बाहुल्य ग्रामों में शिक्षा का स्तर अत्यंत दयनीय है बहुत मुशकिल से 10 वीं से 12 वीं कक्षा तक की पढ़ाई कर पाते हैं।
            अत: प्रत्येक विद्यालय में शिक्षक सह प्रेरक की नियुक्ति की जावे, जो विद्यालय मुख्यालय में रहकर ग्रामीण क्षेत्रों में निवासरत बैगा बच्चों को शिक्षा के लिए प्रेरित करे तथा बच्चों को शिक्षा प्रदान करे। बैगा जनजाति के शिक्षित बेरोजगार युवक-युवतियां जो कर चुके है, उन्हें वर्ग-3, वर्ग-2 वर्ग- 1 शिक्षक में सीधी भर्ती की जाये एवं भर्ती उपरान्त  डी.एड., बी.एड. का प्रशिक्षण कराया जाये। 

पुलिस आरक्षक भर्ती में बैगा जनजाति के लिये नहीं किया प्रावधान 

ज्ञापन में महामहिम राज्यपाल व सरकार का ध्यानाकर्षण कराते हुये यह मांग की गई है कि बैगा जनजाति के छात्र-छात्राएं जो 12 वीं उत्तीर्ण कर चुके है, उनके उच्च शिक्षा के लिए इंजीनियरिंग कॉलेज, मेडिकल कॉलेज, उद्यानिकी महाविद्यालय, वेटनरी कॉलेज, आदि में बिना परीक्षा के कॉलेज में सीधे प्रवेश दिया जाये, म.प्र. शासन द्वारा विशेष पिछड़ी बैगा जनजाति के अभ्यर्थियों को बिना किसी पात्रता परीक्षा या भर्ती प्रक्रिया अपनाये बगैर तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी के पदों पर सीधी भर्ती किये जाने प्रावधान किया हैं किन्तु हाल ही में म.प्र. पुलिस विभाग द्वारा आरक्षक वर्ग हेतु जारी नोटिफिकेशन में बैगा जनजाति के लिए विशेष भर्ती का प्रावधान नहीं किया गया है, अत: भर्ती प्रक्रिया में सीधी भर्ती का प्रावधान किया जावे।

अभिकरणों की गर्वनिंग बाडी में बैगा जनजाति को बनाया जाये सदस्य 

ज्ञापन में गर्वनिंग बॉडी गठित करने विषयक पर ध्यानाकर्षण कराते हुये मांग की गई है कि राज्य एवं जिला स्तर में बैगा विकास अभिकरण पिछले 3 वर्षों से भंग है। अत: समस्त अभिकरणों में की गर्वनिंग बाडी का गठन किया जाये तथा बैगा जनजाति के लोगों को ही अभिकरण में सदस्य बनाया जाये।

नसबंदी संबंधी माननीय न्यायालय के निर्देश अनुसार मिले लाभ 

बैगा जनजाति विलुप्त होने के कगार पर है। जिसके संरक्षण हेतु म.प्र. शासन एवं माननीय न्यायालय के द्वारा बैगा जनजाति के दम्पत्ति को दो संतान प्राप्ति उपरान्त भी नसबंदी नहीं किये जाने के निर्देश हैं। जिसके बावजूद विभाग द्वारा शासकीय नौकरी एवं शासन प्रशासन की योजनाओं में तीसरी संतान होने पर आपत्ति लगा दी जाती है। अत: बैगा जनजाति के दम्पत्ति को तीसरी संतान होने पर भी शासकीय नौकरी एवं अन्य शासकीय योजनाओं का लाभ प्रदान किया जावे। 

बैगा समाज के हितरक्षक हेतु संघ को दी आर्थिक मदद 

बैगा आदिम जनजाति समाज विकास एवं कल्याण संघ संघ वर्ष 2019 से बैगा समाज के हितों तथा विभिन्न अधिकारों के लिए संघर्ष करते आ रहा है। संगठन आर्थिक रूप से कमजोर होने के कारण विभिन्न आवश्यकताओं की पूर्ति नहीं कर नहीं पा रहा है अत: संगठन को विशेष अनुदान प्रदान करने की कृपा करें।

अन्तरजातीय विवाह करने वाली बैगा महिलाओं को न मिले लाभ 

बैगा परिवार के पोषण आहार की राशि रू. 1000 बैगा परिवार की बैगा मुखिया को दी जा रही है किन्तु ऐसे महिलाएं जो अन्तरजातीय विवाह कर बैगा बच्चों को जन्म दी हैं एवं बैगा परिवार का पालन पोषण कर रही हैं। ऐसे बैगा परिवार के मुखिया महिला को उसके पति या पति के पिता का जाति प्रमाण पर के आधार पर लाभ प्रदान किया जावे। ताकि बैगा परिवार का भरण पोषण हो सके।

विशेष भर्ती चयन समिति में बैगा जनजाति सदस्य अनिवार्य 

महामहिम राज्यपाल व सरकार का ध्यानाकर्षण कराते हुये ज्ञापन में मांग की गई है कि विशेष भर्ती अंतर्गत चयन समिति में सदस्यता प्रदान करने विषयक म.प्र. के विभिन्न विभागों में विशेष भर्ती अभियान अंतर्गत भर्तियां की जाती है परंतु चयन समिति में बैगा जनजाति का सदस्य न होने के कारण समितियों द्वारा चयन प्रक्रिया में मनमानी तथा गड़बड़ियां की जाती है। जिससे अनावश्यक भर्ती प्रकिया में विलम्ब होता है। अत: प्रत्येक जिले में भर्ती चयन समिति में संघ के सदस्यों को समिति का सदस्य बनाया जावे।

बैगा जनजाति के लोग हमारे पूर्वजों से हिन्दू धर्म के अनुयायी रहे है

महामहिम राज्यपाल व सरकार का ध्यानाकर्षण करते हुये ज्ञापन में कहा गया है कि बैगानी धर्म कोड के संबंध में बैगा जनजाति के लोग हमारे पूर्वजों से हिन्दू धर्म के अनुयायी रहे है तथा हमारे द्वारा ग्राम के कुल देवी-देवता, खेत-खनिहाल, जन्म-मृत्यु विवाह आदि सातों संस्कार बैगानी रीति रिवाज, परम्परा अनुसार करते आ रहे है तथा हमेशा से ही प्रकृति के पूजक रहे हैं। बैगा जनजाति की परम्परा, रीति-रिवाज, खान-पान, रहन-सहन आदि सभी आदिवासी समुदाय से भिन्न है।
            किन्तु सर्व आदिवासी संगठनों द्वारा समस्त आदिवासी के लिए बैगा जनजाति अति पिछड़ी जनजाति है। संपूर्ण जनजीवन वन पर आश्रित है तथा रीति रिवाज, परम्परा आदि सभी आदिवासी समुदाय से भिन्न है । ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा तथा जागरूक्ता का आभाव है। ऐसी स्थिति में सर्वआदिवासी के लिए पृथक से धर्म कोड लागू किया जाता है तो बैगा जनजाति के अतित्व को खतरा है।
            अत: सर्व आदिवासी समाज के लिए यदि पृथक से आदिवासी धर्म कोड लागू किये जाते हैं तो, बैगा जनजाति के लिए पृथक से बैगानी धर्म कोड लागू की जाये अन्यथा बैगा जनजाति का हिंदू धर्म कोड यथावत रहने दिया जावे। ज्ञापन के दौरान प्रदेश संरक्षक नंदराम बैगा, संयोजक पचलू सिंह भारतीया, वरिष्ठ अध्यक्ष कुलदीप भारतीया अध्यक्ष नारायण सिंह भारतीया, सचिव दिनेश भारतीया, कोषाध्यक्ष शिव लाल भगदिया, जिला अध्यक्ष संजय बिलवर्, सचिव अनूप बिल्ठरिया, संघ के पदाधिकारी उपस्थित रहे। 


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