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भू-माफिया अभियान कार्रवाई की जद में आए शासकीय भूमि पर रोजगार करने वाले सैकड़ों परिवार

भू-माफिया अभियान कार्रवाई की जद में आए शासकीय भूमि पर रोजगार करने वाले सैकड़ों परिवार

मुख्यमंत्री के नाम सौंपा ज्ञापन


छपारा। गोंडवाना समय। 

पिछले 5 दिन तक छपारा में अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की गई, जिसके चलते छपारा के सैकड़ों परिवार जो फुटपाथ में गुमठी या ठेले लगाकर अपना परिवार का भरण पोषण किया करते थे, वह सड़कों पर आ गए। अब उनका रोजगार छिन जाने से परिवार के भरण पोषण पर संकट छा गया है।


अपने परिवार पर पालन पोषण के संकट आने के बाद छपारा में प्रभावित हुये परिवारों के मुखिया ने जो कि छपारा मुख्यालय में गुमठी ठेले और फुटपाथ में दुकान लगाते थे ऐसे समस्त प्रभावित लोगों ने एकत्रित होकर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान के नाम एक ज्ञापन सौंपा है। 

भूमाफिया नहीं रोजमर्रा की जिंदगी जीने वाले लोग हैं


ज्ञापन में उन्होंने कहा है कि फुटपाथ पर रोजगार कर परिवार का भरण पोषण करने वाले निर्धन दलित आर्थिक स्तर से पिछड़े परिवार के अंतर्गत आते हैं, जिन्हें भू माफिया के अंतर्गत कार्यवाही करते हुए सभी को बेरोजगार कर दिया गया है।

ज्ञापन में कहा है कि छपारा में जो कार्रवाई भू माफियाओं के नाम पर की गई है, वह कोई भूमाफिया नहीं है शासन की भूमि पर बैठकर रोजगार करने वाले परिवार हैं। जबकि वह भूमाफिया नहीं रोजमर्रा की जिंदगी जीने वाले लोग हैं। 

अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई में गरीबों पर ही कार्रवाई होती है


भूमाफिया जो शासन की भूमि पर बैठकर अवैध कारोबार करें और शराब इत्यादि बेचे, गुंडागर्दी करें, ऐसा तो छपारा में नहीं हो रहा था। हर साल अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई में गरीबों पर ही कार्रवाई होती है।जबकि नगर के कई इलाकों में पूंजीपतियों ने शासकीय भूमि पर कब्जा कर बड़े-बड़े भवन बनाए हैं। उन पर प्रशासन की नजर नहीं जाती है जबकि फुटपाथ में बैठकर ठेले गुमठी चलाकर परिवार का भरण पोषण करने वाले लोगों पर ही कार्रवाई होती है। 

प्रभावितों को दुकान व काम्पलेक्स में दी जाये प्राथमिकता 

ज्ञापन में आगे उन्होंने अपनी मांग में कहा कि नगर परिषद जब भी कांप्लेक्स कमरे-दुकान इत्यादि बनाए तो फुटपाथ में बैठकर अपना परिवार के पालन पोषण के लिये रोजी रोजगार करने वालों को प्राथमिकता से वह दुकान आवंटित की जाए क्योंकि अधिकांशतय: यह होता है कि रसूखदार शासकीय दुकान और कांप्लेक्स को ले लेते हैं। फुटपाथ में दुकान लगाने वाले आज भी फुटपाथ पर ही जीवन यापन कर रहे हैं। जिन पर शासन के द्वारा अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही के नाम पर डंडा चला दिया जाता है। जिससे कई परिवार छपारा नगर के अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही के चलते बेरोजगार हो गए हैं। वहीं ज्ञापन में यह भी मांग की गई है कि फिलहाल उन्हें उन्हीं स्थानों पर ठेले गुमठी लगाकर व्यवसाय करने की अनुमति दी जाए।

भूमि हीनों को ठहराया भू-माफिया 

जो व्यक्ति कोई अपराधी नही, कोई गलत कार्य नहीं करता, शराब माफिया नहीं, गांजा तस्कर नहीं, अवैधानिक कारोबारी नहीं है, उन पिछड़ों दलितों की पक्की दुकान थी, जिनसे उनके परिवार का भरण पोषण होता था, चाहे वह संजय कालोनी चौक हो या चमारी तिराहा, उन सभी गरीबों को जमींदोज कर दिया गया है। जबकि यह लोग  भू-माफिया नहीं है, भूमि हीन लोगों को  ही भू-माफिया साबित कर उनकी दुकानों को ध्वस्त कर दिया गया है जो प्रशासन पर सबाल खड़े करता है 

तहसीलदार ने दिया आश्वासन


छपारा तहसीलदार ने ज्ञापन लेते हुए फुटपाथ पर ठेले गुमठी लगाकर व्यापार करने वाले लोगों को आश्वासन दिया है कि यह बात उच्चाधिकारियों तक भेजी जाएगी। इसके साथ ही उन्होंने कहा है कि सोमवार को एक बैठक रखी गई है जिसमें नगर परिषद के सीएमओ और लखनादौन एसडीएम भी बैठक में रहेंगे। जिन्हें भी अवगत कराया जाएगा हर संभव मदद और स्थाई व्यवस्था के लिए उच्च अधिकारियों से चर्चा कर न्यायोचित व्यवस्था कराई जाएगी।

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