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बरगी बांध के विस्थापितों के साथ हुआ ऐतिहासिक अन्याय-डॉ अशोक मर्सकोले

बरगी बांध के विस्थापितों के साथ हुआ ऐतिहासिक अन्याय-डॉ अशोक मर्सकोले 

पर्यटक विभाग ने जबलपुर शहर के ठेकेदार को लीज में दे दिया निस्तारी की जमीन

8 गांव के ग्रामीणों ने सभा लेकर जताया विरोध 


मंडला। गोंडवाना समय। 

बीजाडांडी 12 जनवरी 2021 को विधानसभा क्षेत्र निवास के विधायक डॉ अशोक मर्सकोले का बरगी बांध डूब क्षेत्र के ग्राम मूसाखोह एवं लखनपुर का जनसंपर्क किया गया इस दौरान ग्राम मूसाखोह के ग्राम वासी श्री सूरज सिंह वरकड़े, श्री नर्मदा प्रसाद वरकड़े, श्री तेजी लाल यादव, श्री नन्नू तुमराची और महिला मंडल की श्रीमति गीता यादव, मोमबत्ती बाई, सांता बाई, बख्तिया बाई, सीताबाई, कृष्णा बाई आदि ग्रामीणजनों से गांव की समस्याओं को लेकर रूबरू हुए। 

स्नानघाट, पेयजल, व सड़क की समस्या से कराय अवगत 

इस दौरान विधायक डॉ अशोक मर्सकोले से चर्चा के दौरान महिला मंडल के सदस्यों ने स्नान के लिए घाट की मांग एवं पीने के पानी की समस्या को लेकर जानकारी दिया कि हमको 100 फिट पहाड़िया के नीचे से पानी लाना पड़ता है। इसलिए घाट के ऊपर दिनेश के चक्की के सामने एक हेडपंप लगवाया जाए। वही अन्य ग्रामवासियो द्वारा आवागमन की समस्या बताया गया कि तेजी लाल यादव के मकान के सामने से चंदनी मोड़ पी एम रोड तक पहुंच मार्ग बनाने में लगभग 300 मीटर घाट कटिंग होना है जो कि मानव श्रम से संभव नही है। इसमें घाट कटिंग में जेसीबी मशीन का उपयोग करने की अनुमति दी जाये। 

आज तक यहाँ कोई प्रशासन के लोग नहीं पहुँचे यह चिंता का विषय

इसके साथ ही यहाँ पर रोजगार की भी अत्याधिक समस्या बनी हुई है। पारिवारिक भरण पोषण के लिये सभी लोगो का जीवन यापन पलायन पर ही टिका हुआ है। इसलिये हमारे गांव में सरकार की कोई भी ऐसी रोजगार मूलक कार्य योजना का लाभ दिलाये जाये ग्राम वासियो की रोजगार के साथ साथ अन्य सभी समस्याओं के निराकरण हो सके। इस समस्या पर विधायक डॉ अशोक मर्सकोले द्वारा ग्रामवासियो को रोजगार के समाधान हेतु भरोसा दिया गया। वहीं विधायक डॉ अशोक मर्सकोले द्वारा खेद व्यक्त करते हुये कहा गया कि बरगी बांध से विस्थापित लोगो के साथ ऐतिहासिक अन्याय हुआ है। जिस स्थिति में यहां पर ग्रामीणजन अपना जीवन यापन कर रहे है उसे देखकर मैं स्वयं भी कुछ कहने की स्थिति मे नही हूँ। आज तक यहाँ कोई प्रशासन के लोग नही पहुँचे यह चिंता का विषय है । 

ग्राम सभा की बिना सहमति के पर्यटन विभाग को स्थानांतरित कर दिया निस्तारी की जमीन             


वहीं इसके बाद निवास विधानसभा क्षेत्र के विधायक डॉ अशोक मर्सकोले ग्राम लखनपुर पहुंचे जहाँ पर 4 गांव की निस्तारी भूमि को बिना ग्राम सभा के सहमति के ही सरकार द्वारा लीज में जबलपुर शहर के ठेकेदारों को देने के विरोध में एक सभा आयोजित किया गया था। उक्त सभा में  लगभग 8 गांव के लोग जिसमें लखनपुर, मूसाखोह, बेरपानी, बकई, मैली, पापरी, देवरी ओर निवारी के ग्राम वासी शामिल थे। बैठक का प्रमुख मुद्दा चार गांव की निस्तारी भूमि जो की शासकीय अभिलेखों मे पहाड़ चट्टान मद में उलेखित था उक्त भूमि को पर्यटक विभाग को बिना ग्राम सभा के सहमति के स्थानांतरित कर दिया गया और पर्यटक विभाग ने लीज में जबलपुर शहर के सौरभ बड़ेरिया नामक कोई बड़े ठेकेदार को लीज में दे दिया गया है । 

सरपंच को भी नहीं मालूम पशुचारागाह की भूमि में कैसे बना रहा रिसोर्ट                   

विधायक डॉ अशोक मर्सकोले को  सभा में उपस्थित ग्राम पंचायत देवरी के सरपंच श्री तिलोक सिंह द्वारा बताया गया कि उक्त रिसोर्ट के बारे में हमको कोई जानकारी नहीं दिया गया है कि वास्तव में यहां क्या बनाया जा रहा है। यह खाली पड़त भूमि हमारे गांव की पशु चारागाह है। वहीं अन्य समस्या की ओर सरपंच श्री तिलोक सिंह द्वारा विधायक डॉ अशोक मर्सकोले को अवगत कराते हुये कहा कि दूसरी समस्या बेरपानी से लखनपर तक पहुँच मार्ग नहीं इसको बनाया जाए। वहीं हमारे क्षेत्र मे थ्री फेस विद्युत लाइन किया जाए ताकि सिंचाई व्यवस्था बेहतर हो सके ।

ठेकेदार सरपंच से कहते है तुम जाकर कलेक्टर से बात करों   

ग्राम पंचायत मैली सरपंच द्वारा बताया गया कि उक्त भूमि जिसमें रिसोर्ट बनाया जा रहा है, वह मेरे पंचायत क्षेत्र के अंतर्गत आता है। मेरे पूछे जाने पर ठेकेदार बोलता है तुम जा कर कलेक्टर से बात करो हमसे बात मत करना । सरकार को कोई भी निर्माण कार्य कराना है तो पहले ग्राम सभा से प्रस्ताव लेना चाहिये। 

दफनाने के लिये तक नहीं बची जमीन 

वहीं ग्राम लखनपुर के श्री कोदू लाल बर्मन ने कहा कि हमारे गांव में कोई यदि मृत हो गया तो हमको दफनाने के लिए जगह नही बची है। हमारे गांव की पूरी निस्तार की भूमि ऐसे में समाप्त हो जायेगी। इसके साथ ही दूसरा हमारे गांव में कोई रोजगार नहीं है आवागमन के साधन नहीं है, सभी मूलभूत सुविधाओ से वंचित हैं। ग्रामीणों के लिये सभी सुविधाएं मुहैया कराया जाए। 

आदिवासी ने तो मात्र विस्थापन के लिए जन्म लिया हैं

ग्राम मूसाखोह के जगदीश उइके एवं हरि सिंह मरावी द्वारा बताया गया कि उक्त भूमि का ग्राम मूसाखोह को वनाधिकार कानून के तहत निस्तार एवं चारा गाह के लिए सामुदायिक अधिकार पत्र मिल चुका है। इसके बाद भी उक्त जमीन को लीज पर दे दिया गया जो कि सरकार का अन्याय पूर्ण रवैया है। वहीं दूसरी हमारे गांव मूसाखोह में थ्री फेस विधुत लाइन लगाया जाए। ग्राम निवारी के सुखदेव नेताम द्वारा कहा गया कि एक बार हमको बरगी बांध बनाकर छला गया अब हमारे पास जो भी प्राकृतिक संसाधन बचा है उसको भी ठेकेदारों को बेचा जा रहा है। आदिवासी ने तो मात्र विस्थापन के लिए जन्म लिया हैं ।

विस्थापितों के समस्या सुनने लगाई जाये जन चौपाल 

क्षेत्र के प्रमुख लोगो के द्वारा अपने अपने विचार रखने के उपरांत बरगी बांध विस्थापित एवं प्रभावित संघ के शारदा यादव द्वारा विस्थापन की त्रासदी झेलते लोगो की गंभीर समस्यों को अवगत कराते हुए बोले यहां रह रहे लोगो की जीवन ही समस्या बन गई है। विस्थापित परिवारों की सुध प्रशासन भूल चुकी है। इनके जीवन यापन की तो बात खत्म है बल्कि जीने के लिए जो कुछ प्राकृतिक संसाधन बचे हुए है, उनको भी लगातार प्राइवेट लोगो को बेचा जा रहा है। अपनी बात रखते हुए समस्त क्षेत्रवासियों की ओर से एक ज्ञापन विधायक डॉ अशोक मर्सकोले को सौपा गया। ज्ञापन में जिला कलेक्टर मंडला को ग्राम लखनपुर में क्षेत्रीय लोगो की सामूहिक चौपाल कार्यक्रम आयोजित कर ज्ञापन में दिए गए, कुछ सवालों का जवाब चौपाल के दौरान क्षेत्र वासियो को दिया जाए जब तक चौपाल लगाकर जवाब नही दिया जाता जब तक उक्त भूमि पर ठेकेदार द्वारा किसी भी प्रकार का निमार्ण कार्य व अन्य कोई गतिविधि न किया जाए वरना समस्त क्षेत्र के लोगो एवं पूरा आदिवासी समाज कठोर संघर्ष करने के लिए बाध्य होंगे ।

इस क्षेत्र के लोगो के साथ सरकार ने छलावा के अलावा कुछ नहीं किया


समस्त लोगो की बात सुनने के बाद विधायक डॉ अशोक मर्सकोले ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि मुझे खुशी है जिस गांव में आज तक कोई जन प्रतिनिधि या प्रशासन तंत्र नहीं पहुँचा। उस गांव मे मैं एक जन प्रतिनिधि होने के नाते पहुँचा पर दु:ख इस बात का है मैं आज मूसाखोह से देखते हुए लखनपुर पहुँच गया। इस क्षेत्र के लोगो के साथ सरकार ने छलावा के अलावा कुछ नहीं किया। लोग मुझसे सवाल करते है मैं जवाब नहीं दे सकता न यहाँ आवागमन साधन सुधरा है ,न यहाँ कोई रोजगार मूलक कार्यक्रम चलाया जा रहा न पीने का पानी कि ब्यवस्था महिलाएं 100फिट नीचे घाट उतार कर पीने का पानी लाती है। न ही बिजली ब्यवस्था ठीक है यहाँ तक की मत्स्याखेट कार्य भी लोग नहीं कर सकते बहुत बुरी हालात मे यहाँ के लोग जीवन यापन करते आ रहे है। मैं अपनी 2 साल की  विधायकी समय में पहली बार इस क्षेत्र मे आया हूँ यहाँ की समस्याएं देखकर अपने आप में शमिंर्दा हो रहा हूँ आपको क्या जवाब दू ।

बेरपानी के बाद मैली पंचायत को लिया गोद            

विधायक डॉ अशोक मर्सकोले यहाँ की समस्या देखकर बहुत ही दु:खित हुए और सभा में ही यह घोषणा कर दी कि बेरपानी गांव को में पहले से ही गोदनामा लिया हूँ। आज से मैली पंचायत को भी गोदनामा ले लिया। इस क्षेत्र की विकास और समस्याओं का निराकरण करने की जिम्मेदारी आज से मे लेता हूँ। इस क्षेत्र की विकास के लिए में हर स्तर की लड़ाई लड़ूंगा। लोगो ने मुझे जो समस्याओ से अवगत कराया है बिजली, पानी, आवागन, रोजगार जैसी सभी मूलभूत समस्याओ का मैं तत्काल निराकरण करने के लिए प्रयास करूंगा।

अब मैं खुद कलेक्टर से इन सवालों का जवाब लूँगा     

यहाँ की दूसरी समस्या जो रिसार्ट वाली है जिसका ज्ञापन मुझे दिया गया है। इसकी जानकारी एक जनप्रितिनिधि होने के बाद भी मुझे तक नही दिया गया हैं। ज्ञापन में जितने सवाल आप लोगो ने पूछा है अब मैं खुद कलेक्टर से इन सवालों का जवाब लूँगा । अब इस लड़ाई की जिम्मेदारी भी मे लेता हूँ अगर जरूरत पड़ी तो मैं जनहित याचिका कोर्ट मे लगाऊंगा ।  जब तक सवालो का जवाब जिम्मेदार अधिकारी नही देते है जब तक ठेकेदारों को काम नही करने देना हैं मैं आपके साथ हूँ।


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