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आग लगने से 70-80 एकड़ में गेंहू की फसल जलकर हुई खाक, किसान चिंतित

आग लगने से 70-80 एकड़ में गेंहू की फसल जलकर हुई खाक, किसान चिंतित 

सिवनी। गोंडवाना समय। 

रात-दिन मेहनत अनाज का उत्पादन करने वाले अन्नदाता जिनके खेत ग्राम चंदन वाड़ा कला पटवारी हल्का नंबर 50 राजस्व निरीक्षक मंडल तहसील व जिला सिवनी के अंतर्गत है


वहां पर 28 मार्च 2021 दिन रविवार को सुबह के समय लगभग 11 बजे एवं दोपहर को लगभग 3 बजे आग लगने से लगभग 70+80 एकड़ में गेंहू की फसल जलकर खाक हो गई। जिससे संबंधित किसानों के माथे पर चिंता की लकीर और संकट गहरा गया है। 

लगभग 15-16 किसानों को हुआ नुकसान 

प्राप्त जानकारी के अनुसार 28 मार्च 2021 दिन रविवार को सुबह लगभग 11:00 बजे एवं शाम 3:00 बजे दो अलग-अलग घटनाक्रम में बिजली के फैले हुए तारों से रवि फसल गेहूं जलकर खाक हो गई। उक्त आगजनी की घटना से प्रभावित हुये किसानों में डॉ प्रमोद राय, शैलेंद्र राय, सियाराम ठाकुर, संतोष ठाकुर, संत कुमार ठाकुर एवं ग्राम थावरी के शिव नाथ ठाकुर के अलावा लगभग 15-16 किसानों के खेत में लगी हुई गेहूं की फसल जलकर खाक हो गई है। 

3-4 गांव के किसानों ने मिलकर व फायर बिग्रेड की मदद से बुझी आग 


गेंहू की पकी हुई फसल में आग लगने से इस घटनाक्रम में लगभग 70 से 80 एकड़ गेहूं फसल जलने का अनुमान है। वहीं किसानों का कहना है कि बार-बार सूचित करने के बाद भी मध्य प्रदेश राज्य पूर्वी क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी की लापरवाही के चलते किसानों के खेत में लगी फसल गेंहू को नुकसान हुआ है। वहीं आग लगने के बाद आग को बुझाने में लगातार दो, तीन, चार गांव के किसानों ने अपनी जान जोखिम में डालकर आग पर काबू पाया। वही कुछ विलंब से सही लेकिन फायर ब्रिगेड भी मौके पर पहुंच गई और डायल 100 भी मौके पर पहुंचा। 

तत्काल राशि दिलाये जाने किसानों व ग्रामीणों ने रखी मांग 

ग्राम वासियों एवं पीड़ित कृषकों ने जिला प्रशासन सहित राजस्व के अमले से अपेक्षा व्यक्त की है कि अविलंब पीड़ित कृषकों को प्राकृतिक आपदा के तहत आरबीसी 6-4 के प्रावधानों के अनुसार राहत राशि दिलाई जावे। इसके साथ ही प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत बीमित कृषकों को भी इस नुकसानी से बीमा क्लेम तत्काल दिलाए जाने की अपेक्षा जताई है तथा भविष्य में ऐसे घटनाक्रमों की पुनरावृत्ति ना हो इसके लिए मध्य प्रदेश राज्य  पूर्वी क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी को समय रहते खेतों में जो विद्युत पोल लगे हुए हैं, उन्हें मेढ़ के किनारे शिफ्ट किया जावे। जहां ट्रांसफार्मर खेत के बीचो-बीच लगे हैं उन्हें भी मेड़ों में शिफ्ट किया जावे। इसके साथ ही झूलते हुए तारों को दुरुस्त किया जावे। 

विद्युत विभाग की लापरवाही से हो रही अधिकांश आगजनी की घटनायें 

इन पर ध्यान नहीं देने के कारण अधिकांश खेतों में आग लगने का कारण होती है। वहीं यदि गंभीरतापूर्वक नहीं लिये जाने के कारण प्रति वर्ष ऐसी ही हजारों एकड़ फसलें जलकर खाक हो जाती हैं और अन्नदाता कृषक केवल राहत राशि के लिए दर-दर भटकता रहता है क्योंकि उसकी फसल जिससे उसका और उसके परिवार का भरण पोषण होता है, वह जलकर खाक हो जाती है। जरा सी लापरवाही से कितने परिवार उजड़ जाते हैं। इस बात की चिंता जिला प्रशासन और विद्युत वितरण कंपनियों को करना चाहिए की कर्ज के बोझ में दबा हुआ किसान आखिर करे तो क्या करें विचारणीय प्रश्न है।

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