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कर्माझिरी के ग्रामीणों ने बिजली बिल वसूली कर्मचारियों को घेरा

कर्माझिरी के ग्रामीणों ने बिजली बिल वसूली कर्मचारियों को घेरा

असुरक्षित रहकर निर्देशों का पालन करने को है मजबूर

बिगड़ सकती थी स्थिति, बढ़ सकता था विवाद 




सिवनी। गोंडवाना समय।

ऊर्जा मंत्री बैठक लेकर, सरकार, शासन-प्रशासन कागाजी आदेशों व मीटिंग में बिजली बिल वसूली के लिये नये-नये फरमान जारी कर रहे है। यहां तक बिजली बिल बकायादारों के कुर्की करने के तक आदेश दे रहे है तो कुछ उपभोक्ताओं ने बिल का भुगतान नहीं किया है तो पूरे गांव का ही कनेक्शन काटने के निर्देश दिये जा रहे है। वहीं बिजली बिल वसूली की जिम्मेदारी संभालने वाले अधिकारी कर्मचारी असुरक्षित रहकर अपनी जवाबदारी निभाने के लिये मजबूर है।
        बिजली बिल वसूली को लेकर उपभोक्ताओं के साथ आये दिन विवाद की स्थिति निर्मित होती है। विद्युत कंपनी व सरकारी आदेश अधिकारियों कर्मचारियों को वसूली के लिये लक्ष्य दे रही है वैसे भी वर्तमान समय में मार्च माह चल रहा है शत प्रतिशत बिजली बिल वसूली के दिशा निर्देश कागजों में मौखिक रूप से दिये जा रहे है। 

कर्माझिरी व टिकारी गांव में बकाया है बिजली का बिल


कर्मझिरी में ही कुछ ग्रामीणों के द्वारा बिल नहीं पटाये जाने के कारण गांव की लॉइन काट दी गई वहीं टिकारी गांव में भी लगभग आधे से आधे घरों की बिजली बिल का भुगतान नहीं किया गया है। बिजली बिल की वूसली करने के लिये कर्मचारियों को अभद्रता का सामना करना पड़ रहा है।
            वहीं ग्रामीणजन अपनी दर्द व समस्या बताते हुये कहते है कि आॅन लॉइन कक्षायें बच्चों को पढ़ाना है लेकिन लॉइन नहीं है कैसे मोबाईल चार्ज करें। वहीं घरेलू व खेती किसानी का काम भी बिना बिजली के नहीं हो पाता है। ऐसे समय में पूरे गांव की बिजली काटना उचित नहीं है। 

पहले लॉइन चालू करोगे उसके बाद ही याहं से जाओगे 


बिजली बिल वसूलने के लिये कुरई ब्लॉक के कर्माझिरी व टिकारी क्षेत्र में पहुंचे कर्मचारियों को 17 मार्च 2021 दिन बुधवार को कर्मझिरी के ग्रामीणों ने घेर लिया। इसके बाद उन्हें खूब खरी खोटी सुनाते हुये कहा कि पूरे गांव की बिजली क्यों काटा गया है जबकि जिनने बिल नहीं पटाया है उनका कनेक्शन काटना चाहिये। टिकारी गांव में कुछ ग्रामीणों के द्वारा बिल नहीं पटाये जाने पर विभाग के द्वारा गांव का बिजली कनेक्शन कट कर दिया गया था, जिससे ग्रामीणजन बेहद नाराज थे।
            वही बिजली बिल की वसूली पर निकले विभाग के कर्मचारियों को गांव वालों ने घेरते हुये विभाग, सरकार तक पर आक्रोश जताते हुये कहा कि यहां से तभी जाओगे जब लॉइन चालू करोगे। बिजली कर्मचारियों को जिस तहर से ग्रामीणजन धमका रहे थे यदि कर्मचारियों के द्वारा विरोध किया जाता तो विवाद की स्थिति बढ़ सकती थी यहां तक शारीरिक नुकसान भी कर्मचारियों को हो सकता था क्योंकि ग्रामीणजन भी अत्याधिक आक्रोश में थे।

कड़क निर्देश, सुरक्षा के कोई इंतजाम नहीं 

ऐसी परिस्थितियों में बिजली कर्मचारी किस प्रकार से वसूली कर पाएंगे यह विचारणीय विषय है। वहीं कंपनी, सरकार, शासन-प्रशासन द्वारा बिजली वसूली के लक्ष्य को कैसे पूरा कर पायेंगे यह सवाल खड़ा हो रहा है क्योंकि उच्च अधिकारियों द्वारा दिए गए निदेर्शों का पालन करते हुए कर्मचारी बिजली वसूली करने के लिये पहुंचे थे लेकिन वहां ग्रामीणों के द्वारा घेरे जाने से उन्हें विवाद का सामना करना पड़ा। इस दौरान यदि कोई हादसा हो जाये तो इसका जवाबदार कौन रहेगा। बिजली बिल वसूली के लिये निर्देश तो कड़क दिये जा रहे है लेकिन वसूली करने के वाले अधिकारी कर्मचारियों को सुरक्षा के लिये इंतजाम नहीं किया जा रहा है। 

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